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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग( Photo Credit : News Nation)
चीन पर ताइवान ने बड़ा आरोप लगाया है. ताइवान ने कहा है कि चीन उनके देश पर कब्जा करना चाहता है. ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा है कि चीन तालिबान की तरह ही उनके देश पर कब्जा करना चाहता है. चीन लंबे समय से ताइवान पर दावा करते हुए इस पर कब्जे का मन बनाए हुए है. चीन ताइवान को अपना भू-भाग मानता है. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा करने के बाद से ताइवान का यह डर स्वाभाविक है. चीन तालिबान को औप चारिक रूप से भले समर्थन न दिया हो लेकिन इस तरह का मंतव्य प्रकट कर चुका है कि तालिबान से उसको कोई परहेज नहीं है.
अमेरिका समर्थित अफगानिस्तान की सरकार के तेजी से हुए पतन के बाद ताइवान में इसी तरह से चीन के कब्जा करने की मंशा को लेकर बहस छिड़ गई है. चीनी मीडिया इस बात को हवा दे रहा है कि काबुल का हश्र यह बताने के लिए पर्याप्त है कि ताइवान अब अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकता है.
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अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में चीन से कहा है कि वह ताइवान पर दबाव बनाना बंद करे. अमेरिका के इस बयान पर ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने अमेरिका का धन्यवाद देते हुए कहा कि चीन तालिबान की तरह ही ताइवान पर कब्जा करने का सपना देख रहा है. इस संबंध में चीन की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. ज्ञात हो कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा करने के बाद चीन तेजी से उससे संबंध सामान्य कर रहा है. चीन तालिबान से आश्वासन चाहता है कि शिनिजियांग में सक्रिय उइगर मुस्लिम उग्रवादी संगठन अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल न करें. ताइवान में लंबे समय से चीन का विरोध हो रहा है, लेकिन ताकत के बल पर चीन अपने विरोध में उठने वाले हर स्वर को शांत कर देता है.
HIGHLIGHTS
- विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा है कि चीन ताइवान पर कब्जा करना चाहता है
- चीनी मीडिया ने कहा, ताइवान अब अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकता है
- अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह ताइवान पर दबाव बनाना बंद करे