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Ganga Expressway: यूपी का सबसे लंबा होगा 594 किमी का गंगा एक्सप्रेस-वे

इसका लाभ एनसीआर, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत लगभग दर्जन भर अन्य राज्यों के लोगों को भी मिलेगा.

Updated on: 18 Dec 2021, 11:38 AM

highlights

  • मेरठ से प्रयागराज तक 594 किमी होगी लंबाई
  • कई राज्यों को करेगा परस्पर जोड़ने का काम
  • शाहजहांपुर में बनेगी 3.5 किमी लंबी एयर स्ट्रिप

नई दिल्ली:

अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश को लगातार सौगातें दे रहे हैं. वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद पीएम मोदी आज यूपी को सबसे बड़े गंगा एक्सप्रेस-वे का तोहफा देने जा रहे हैं. मेरठ से प्रयागराज तक 594 किमी का गंगा एक्सप्रेसवे-वे बनने के बाद यूपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा. प्रधानमंत्री मोदी योगी सरकार के इस मेगा प्रोजेक्ट की आधारशिला शनिवार को शाहजहांपुर में रखेंगे. माना जा रहा है कि इससे राज्य के आर्थिक विकास और रोजगार की नई राह खुलेगी. शाहजहांपुर में ही एक एयरस्ट्रिप बनेगी, जिसमें जरूरत पड़ने लड़ाकू विमान टेक-ऑफ और लैंड कर सकेंगे. 

36 हजार करोड़ से अधिक की आ रही है लागत
गंगा एक्सप्रेस-वे प्रयागराज से मेरठ होते हुए कई राज्यों को एक सूत्र में पिरोने वाला है. इसका लाभ एनसीआर, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत लगभग दर्जन भर अन्य राज्यों के लोगों को भी मिलेगा. गौरतलब है कि योगी सरकार ने 36,230 करोड़ रुपए की लागत से गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना पिछले साल 26 नवंबर को मंजूरी दी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में कैबिनेट की बैठक के जरिए इस परियोजना को मंजूरी दिला कर इसका ऐलान किया था. 

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पश्चिम यूपी के 7 जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे 
गंगा एक्सप्रेस-वे आधे से ज्यादा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं और शाहजहांपुर जिले से गुजरेगा. हापुड़ और बुलंदशहर सहित अन्य जिलों के लोगों के आवागमन के लिए गढ़मुक्तेश्वर में एक अन्य पुल बनाया जाएगा. शाहजहांपुर के आगे यह एक्सप्रेस-वे हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ व प्रयागराज तक जाएगा. एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए अब तक 94 प्रतिशत जमीन खरीदी जा चुकी है. 

शाहजहांपुर में बनेगी 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी
एक्सप्रेस-वे पर आपातकाल में लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ के लिए शाहजहांपुर जिले में 3.5 किलोमीटर लंबी की एक हवाई पट्टी भी बनेगी. एक्सप्रेस-वे के साथ एक औद्योगिक कॉरिडोर भी बनेगा। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जब भूमि खरीदी जा रही थी. उस समय पूरे देश में कोरोना संक्रमण की लहर चरम पर थी. इसके बावजूद महज एक साल में गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 83 हजार किसानों से 94 फीसदी भूमि खरीदी गई है. 

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फिलहाल 6 लेन का बनेगा एक्सप्रेस-वे
प्रवेश नियंत्रित गंगा एक्सप्रेस-वे, मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से शुरू होगा एवं प्रयागराज बाइपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दाँदू ग्राम के पास खत्म होगा. यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन चौड़ा होगा, साथ ही भविष्य में इसे 8 लेन तक विस्तार दिया जा सकेगा. गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना से आसपास के इलाकों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योग संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. यह एक्सप्रेस-वे आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने में एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में भी सहायक साबित होगा.