logo-image

Union budget 2019: मनमोहन का बाजार, जेटली का किसान और अब निर्मला का न्‍यू इंडिया पर जोर

वर्ष 1991 में तत्कालीन वित्तमंत्री मनमोहन सिंह के बजट भाषण में सबसे ज्यादा बाजार और निवेश बढ़ाने तो जेटली-चिदंबरम-मुखर्जी के बजट में किसानों पर जोर था.

Updated on: 05 Jul 2019, 01:25 PM

नई दिल्‍ली:

वर्ष 1991 में तत्कालीन वित्तमंत्री मनमोहन सिंह के बजट भाषण में सबसे ज्यादा बाजार और निवेश बढ़ाने तो जेटली-चिदंबरम-मुखर्जी के बजट में किसानों पर जोर था. इस बार निर्मला सीतारमण का पूरा जोर न्‍यू इंडिया पर रहा. चाहे वह सबको आवास देने की बात हो या हर घर में बिजली और स्वच्छ रसोई का वादा. मोदी सरकार 2.0 के इस बजट में नई शिक्षा नीति के तहत दुनिया के टॉप कॉलेजों में जगह बनाने पर जोर दिया गया तो जलशक्ति मंत्रालय 2024 तक हर घर तक जल पहुंचाने की ठानी है.

इस बजट की खास बातें

  • ई वाहनों पर GST को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाएगा. इसके साथ ही स्टार्टअप के लिए बड़ी छूट का ऐलान है. स्टार्ट अप को एंजल टैक्स नहीं देना होगा, साथ ही आयकर विभाग भी इनकी जांच नहीं करेगा.
  • टैक्स में आम करदाता को कोई राहत नहीं. 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं. 2 से 5 करोड़ की आय पर 3 फीसदी अतिरिक्त टैक्स
  • हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख रुपये की छूट. 45 लाख रुपये का घर खरीदने पर 1.5 लाख रुपये की छूट
  • 80250 करोड़ रुपए से अगले पांच सालों में सवा लाख किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा. 50 लाख करोड़ रुपए से रेलवे का आधुनिकीकरण किया जाएगा.
  • 2022 तक देश में सभी को घर देने की योजना है. सरकार की अभी 1.95 करोड़ घर देने की तैयारी है. 26 लाख घरों का निर्माण पूरा हो चुका है. 24 लाख लोगों को घर दिया जा चुका है.
  • हर घर में बिजली और स्वच्छ रसोई का वादा किया जा रहा है. 95 फीसदी से अधिक शहरों को ODF घोषित किया गया है. आज एक करोड़ लोगों के फोन में स्वच्छ भारत ऐप है. गांव, गरीब और किसान सरकार की प्राथमिकता में ऊपर हैं.
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे. बीमा सेक्टर में 100 फीसदी FDI पर भी विचार.
  • बीमा, मीडिया, विमानन आदि क्षेत्रों में FDI की सीमा बढ़ाई जाएगी. एविऐशन और एनिमेशन के सेक्टर में भी FDI पर विचार किया जाएगा.
  • जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया गया. सरकार का लक्ष्य 2024 तक हर घर तक जल पहुंचाना है. जल आपूर्ति के लक्ष्य को लागू किया जा रहा है, 1500 ब्लॉक की पहचान की गई है. इसके जरिए हर घर तक पानी पहुंचाया जाएगा.
  • मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी को बढ़ावा दिया जा रहा. देश को आधुनिक बनाने की दिशा में कई कार्य हो रहे हैं. 657 किलोमीटर मेट्रो को चालू किया जा चुका है. 300 किमी. नए मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी. अगला मकसद देश में जल मार्ग शुरू करना है.

यह भी पढ़ेंः Modi Budget 2.0: आयकर जमा करने के लिए पैन कार्ड जरूरी नहीं, आधार से भर सकेंगे 

  • इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इन गाड़ियों की खरीद पर छूट दी जाएगी. देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे.
  • MSME सेक्टर में ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए सुधार किए जाएंगे. छोटे उद्योगों को टैक्स में छूट का प्रावधान किया जा सकता है.
  • नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाने का ऐलान. उच्च शिक्षा के लिए 400 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. नई शिक्षा नीति लाएंगे. दुनिया के टॉप कॉलेजों में जगह बनाने पर रहेगा जोर.
  • विदेश में बसे भारतीयों के लिए बड़ा ऐलान, भारत आते ही आधार कार्ड देंगे. NRI के लिए 180 दिन भारत में रहने की बाध्यता खत्म की जाएगी.
  • जनधन खाताधारक महिलाओं को 5000 रुपए ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाएगी. महिलाओं के लिए अलग से 1 लाख रुपए के मुद्रा लोन की व्यवस्था की जाएगी.
  • 80250 करोड़ रुपए से अगले पांच सालों में सवा लाख किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा. 50 लाख करोड़ रुपए से रेलवे का आधुनिकीकरण किया जाएगा.
  • बजट में मिडिल क्लास के लिए मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. अब 45 लाख रुपये का घर खरीदने पर अतिरिक्त 1.5 लाख रुपये की छूट दी जाएगी.

यह भी पढ़ेंः Union Budget 2019: युवाओं की शिक्षा के लिए निर्मला सीतारमण की ये है बड़ी घोषणा

मनमोहन सिंह: 5 बजट (1991-1996)

मनमोहन सिंह ने बजट भाषण में बाजार के बारे में सबसे अधिक 40 बार जिक्र किया. बाद के बजटों में बाजार से संबंधित शब्दों के संदर्भ में गिरावट आई है. उन्होंने बाहरी क्षेत्र का जिक्र 21 बार किया. वहीं मुद्रास्फीति 14, निवेश 45, बैंकिंग 32, राज्य 33 बार बोला गया. मनमोहन सिंह के समय से राज्य के संदर्भ में वृद्धि हुई है. सिंह ने मुद्रास्फीति के बारे में सबसे अधिक बात की और इस पर काबू पाने में कामयाब रहे.

यशवंत सिन्हा: 5 बजट (1998-2003)

यशवंत सिन्हा ने अपने भाषण में सबसे ज्यादा 45 बार बैंकिंग शब्द का जिक्र किया. ग्रामीण-कृषि क्षेत्र का 48 बार नाम लिया. वहीं, निवेश 40, राज्य 39, इंफ्रास्ट्रक्चर 38, बाजार 37 संदर्भ में आया. घाटा, गरीबी और रोजगार को उन्होंने अपने बजट भाषण में प्राथमिकता दी.

जसवंत सिंह: 1 बजट (2003-2004)

जसवंत सिंह ने वित्तमंत्री के तौर पर अपने बजट भाषण में राज्य का जिक्र 45 बार, इंफ्रास्ट्रक्चर का 42 बार बाजार का 34 बार,बैंकिंग का 29 बार और ह्यूमन कैपिटल का 21 का संदर्भ दिया. उन्होंने गरीबी, रोजगार और बाहरी क्षेत्र को भी भाषण में प्रमुखता दी.

पी चिदंबरम: 8 बजट (1996-1998, 2004-2009, 2013-2014)

चिदंबरम ने अधिकांश ह्यूमन कैपिटल का सबसे ज्यादा उल्लेख किया. उनके बजट भाषण में इस शब्द का 39 बार उल्लेख है. वहीं राज्य 46 बार, निवेश 39 बार, ग्रामीण-कृषि क्षेत्र का 50 बार जिक्र किया गया है. उन्होंने लिंग का 6 बार, शहरी का 6 बार, गरीब का 8 बार और रोजगार का 11 का उल्लेख किया.

प्रणब मुखर्जी: 4 बजट (2009-2013)

मुखर्जी ने इस अवधि में किसी भी अन्य वित्त मंत्री की तुलना में पर्यावरण और संबंधित शर्तों का अधिक उल्लेख किया. उन्होंने मुद्रास्फीति के बारे में भी बात की. उनके बजट भाषण में वृद्धि 31, घाटा 8, ग्रामीण-कृषि क्षेत्र 50, राज्य 39, इंफ्रास्ट्रक्चर 29, ह्यूमन कैपिटल 26, निवेश 30 और मुद्रास्फीति का 12 बार उल्लेख हुआ.

अरुण जेटली: 5 बजट (2014-2019)

अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में सबसे ज्यादा जोर किसानों, गरीबों, रोजगार और राज्यों पर दिया. शहरी और मध्यम वर्ग का भी प्रमुखता से जिक्र किया. उनके भाषण में किसान 59, रोजगार 16, मध्यम वर्ग 3, राज्य 58, इंफ्रास्ट्रक्चर 45, रक्षा 6, ह्यूमन कैपिटल 37, लिंग 14, शहरी 10, निवेश 40 बार उल्लेख हुआ. जेटली ने राज्य और संबंधित शर्तों (जैसे सरकार) का सबसे अधिक उपयोग किया.