दिल्ली हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से ED और CBI की टीमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की खोज में लगी हैं पर उन्हें कोई सुराग नहीं मिल रहा है. दरअसल 2017 में सीबीआई ने इस मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मिली स्वीकृति में गड़बड़ी पर एफआईआर दर्ज की. जबकि ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. इस मामले में आईएनएक्स मीडिया की मालकिन और आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को इस केस में अप्रूवर बनाया गया और इसी साल उनका स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किया गया. सीबीआई के मुताबिक मुखर्जी ने गवाही दी कि उसने कार्ति चिदंबरम को 10 लाख रुपये दिए. आइए जानें अब तक क्या-क्या हुआ है...
15 मई 2017: सीबीआई ने इस केस में FIR दर्ज की जिसमें INX मीडिया के लिए FIPB मंजूरी में अनियमिताओं का आरोप था. साल 2007 में 305 करोड़ का विदेशी फंड मीडिया ग्रुप को मिला जब कार्ति के पिता चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
16 जून 2017: कार्ति के खिलाफ FRRO ने लुक आउट नोटिस जारी किया.
10 अगस्त 2017: मद्रास हाई कोर्ट ने कार्ति और 4 अन्य लोगों के खिलाफ जारी इस लुक आउट नोटिस पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि इनके खिलाफ अभी वारंट जारी नहीं हुआ है.
14 अगस्त 2017: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए केंद्र को लुक आउट नोटिस जारी करने की मंजूरी दे दी.
18 अगस्त 2017: सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को 23 अगस्त तक सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया.
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11 सितंबर 2017: सीबीआई ने जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट को बंद लिफाफे के भीतर विदेश में कार्ति के संभावित लेनदेन से जुड़ी जानकारी दी.
22 सितंबर 2017: सीबीआई ने कोर्ट से कार्ति को विदेश जाने से रोकने की गुहार लगाई क्योंकि एजेंसी को शक था कि वह विदेश में अपने बैंक खाते बंद करा सकते हैं.
09 अक्टूबर 2017: कार्ति ने कोर्ट से बेटी का दाखिला कैब्रिज यूनिवर्सिटी में कराने के लिए ब्रिटेन जाने की इजाजत मांगी और कहा कि वह इस दौरान किसी भी बैंक में नहीं जाएंगे. साथ ही पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी सरकार उनके और बेटे कार्ति के खिलाफ राजनीतिक मंशा और बदले की भावना से काम कर रही है.
20 नवंबर 2017: सुप्रीम कोर्ट ने बेटी के दाखिले के लिए कार्ति को ब्रिटेन जाने की इजाजत दे दी.
08 दिसंबर 2017: कार्ति ने एयरसेल-मैक्सिस डील में सीबीआई की ओर से जारी समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
31 जनवरी 2018: सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति के खिलाफ लुक आउट नोटिस पर रोक लगाने वाले मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को वापस कर दिया.
16 फरवरी 2018: कार्ति के CA एस. भास्कर रमन को गलत तरीके से पैसे कमाने में उनकी मदद के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
28 फरवरी 2018: चेन्नई एयरपोर्ट से कार्ति को गिरफ्तार किया गया और फिर दिल्ली लाया गया. दिल्ली कोर्ट ने उन्हें एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया.
23 मार्च 2018: कार्ति को 23 दिन तक जेल में रहने के बाद जमानत मिल गई.
25 जुलाई 2018: हाई कोर्ट ने पी चिदंबरम की गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया.
11 अक्टूबर 2018: INX मीडिया के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने कार्ति की 54 करोड़ की संपत्ति अटैच कर ली, जिसमें भारत, ब्रिटेन और स्पेन की संपत्ति शामिल थी.
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11 जुलाई 2019: इंद्राणी मुखर्जी को कोर्ट ने शर्तों के साथ केस का अप्रूवर बना दिया.
01 अगस्त 2019: ईडी ने कार्ति को दिल्ली के जोर बाग स्थित घर खाली करने को कहा, जिसे एजेंसी पहले ही अटैच कर चुकी थी.
20 अगस्त 2019: दिल्ली हाई कोर्ट ने पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी जिसके बाद सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, लेकिन चिदंबरम अपने घर पर नहीं मिले और उनके फोन भी बंद पाए गए.
जानें पूरा मामला मामला
- आईएनएक्स मीडिया केस में हाई कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. तो उन्होंने कोर्ट से 3 दिन की मोहलत मांगी है.
- अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब ईडी और सीबीआई जल्द ही चिदंबरम को गिरफ्तार करना चाहती हैं.
- हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पी चिदंबरम के वकील अब सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएंगे.
चिदंबरम पर आरोप
- चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है.
- इस केस में अभी तक चिदंबरम को कोर्ट से करीब दो दर्जन बार अंतरिम प्रोटेक्शन यानी गिरफ्तारी पर रोक की राहत मिली हुई है.
- ये मामला 2007 का है, जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे.
- आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत ली.
- इस मामले में सीबीआई और ईडी पहले ही चिदंबरम के बेटे कार्ति को गिरफ्तार कर चुकी हैं. वो फिलहाल जमानत पर हैं.
- इस मामले में अहम मोड़ तब आया, जब इंद्राणी मुखर्जी 4 जुलाई को सरकारी गवाह बन गईं.