साइलेंट स्ट्राइक, गुरिल्ला वार, लोकतंत्र..., म्यांमार में सैन्य तख्तापलट का पहला साल
सड़कों पर सैनिकों की गश्त भी जारी रही. लोकतंत्र की आवाज को दबाने के लिए सैन्य जुंटा कई तरह के हथकंडे अपना रही है. अभी तक उसे पूरी तरह कामयाबी नहीं मिल पाई है.
highlights
- उत्तरी म्यांमार के कई इलाकों में सेना का पूरी तरह कब्जा नहीं हो पाया है
- म्यांमार के 6 जिलों पर लोकतंत्र समर्थक गुरिल्ला प्रदर्शनकारियों का कब्जा
- सैन्य जुंटा ने लोगों को साइलेंट स्ट्राइक में भाग नहीं लेने की चेतावनी दी थी
नई दिल्ली:
पड़ोसी देश म्यांमार (बर्मा) में सैन्य तानाशाही (जुंटा) को शासन में आए एक साल पूरा हो गया. अब भी इसके खिलाफ लोगों में गुस्सा बरकरार है. संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार में हिंसा खत्म करने और लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़ने की अपील की. फरवरी की शुरुआत में शैन्य तानाशाही के विरोध में देश भर में लोगों ने साइलेंट स्ट्राइक का आह्वान किया. मंगलवार को लगातार छह घंटे तक पूरे म्यांमार में सन्नाटा छाया रहा. इस दौरान लोग घरों के भीतर ही रहे. बाजारों में दुकानें बंद रहीं. लोगों ने मौन रहकर अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया. खासकर युवा बैनर और तख्तियां लेकर सड़कों पर उतरे. विरोध प्रदर्शनों के वीडियो सोशल मीडिया पर भी अपलोड किए गए.
सड़कों पर सैनिकों की गश्त भी जारी रही. लोकतंत्र की आवाज को दबाने के लिए सैन्य जुंटा कई तरह के हथकंडे अपना रही है. अभी तक उसे पूरी तरह कामयाबी नहीं मिल पाई है. सैन्य जुंटा ने पर्चे बांट कर लोगों को साइलेंट स्ट्राइक में भाग नहीं लेने की चेतावनी दी थी. कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. गिरफ्तार लोगों पर आतंकवाद के आरोपों में केस दर्ज किए गए. इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे. प्रदर्शनकारियों ने म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की की पार्टी के लाल रंग को भी विरोध प्रदर्शन के दौरान आसमान में उड़ाया. यांगून और मांडले जैसे शहरों की सड़कें दिनभर सूनी ही रहीं.
6 जिलों पर लोकतंत्र समर्थक गुरिल्ला लड़ाकों का कब्जा
रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तरी म्यांमार के कई इलाकों में सेना का पूरी तरह कब्जा नहीं हो पाया है. लोकतंत्र समर्थकों का चिन और रखायन प्रांतों में कब्जा बढ़ता जा रहा है. सैन्य जुंटा ने स्वीकार किया कि लगभग 6 जिलों पर लोकतंत्र समर्थक गुरिल्ला प्रदर्शनकारियों का कब्जा है. इन इलाकों में सैन्य जुंटा प्रवेश भी नहीं कर पाता है. खुफिया रिपोर्टों के अनुसार जंगलों में छिपकर लोकतंत्र समर्थक करीब एक लाख गुरिल्ला सैन्य जुंटा के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं. कयाह प्रांत में आंदोलन और मुखर हो गया है.
पश्चिमी देशों से मदद और स्थानीय रणनीति से संघर्ष जारी
इस बीच अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने म्यांमार पर नए प्रतिबंधों का ऐलान किया है. बताया जा रहा है कि म्यांमार में लोकतंत्र समर्थक गुरिल्ला लड़ाकों को पश्चिमी देशों से सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति और तमाम दूसरी मदद पहुंचाई जा रही है. सैन्य विशेषज्ञ एंथनी डेविस के मुताबिक देश भर में लगभग 50 से ज्यादा जनरक्षा टुकड़ियां बन गई हैं. इनमें से अधिकांश शहरों में सक्रिय हैं. ये लोकतंत्र समर्थक गुरिल्ला लड़ाकों को सेना और पुलिस के बारे में खुफिया जानकारियां देते हैं. इलके अलावा ये जनरक्षा टुकड़ियां सेना और पुलिस बलों को छिटपुट झड़पों में उलझाते भी हैं.
ये भी पढ़ें - US President Election लड़ेंगे ट्रंप! फिर सुर्खियों में कैपिटल हिल हिंसा
विरोध करने पर 1500 नागरिकों की हत्या, 4 लाख से ज्यादा पलायन
म्यांमार में अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ चुनाव धोखाधड़ी मामले में 14 फरवरी को सुनवाई शुरू होगी. सैन्य तख्तापलट के बाद फरवरी, 2021 में सेना ने देश में हुए चुनाव में भारी गड़बड़ी के आरोपों में सू की को गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें अब तक 6 में से 4 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. वहीं म्यांमार में तानाशाही का विरोध करने पर 1500 नागरिकों की हत्या हो चुकी हैं. इनमें 290 आम लोगों की मौत सैन्य हिरासत में हुई है. वहीं, 11838 विरोधियों को हिरासत में लिया गया है. इसके अलावासैन्य तानाशाही शासन से तंग आकर 4 लाख लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Farzi 2 Shooting: कब शुरू होगी फर्जी 2 की शूटिंग, एक्ट्रेस राशि खन्ना ने दिए हिंट
-
Taapsee Pannu Photos: सीक्रेट शादी के बाद तापसी पन्नू ने साड़ी में शेयर की पहली फोटोज, फैंस ने स्पॉट की इंगेजमेंट रिंग
-
Ayushmann Khurrana: ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आयुष्मान खुराना ने दिखाई दरियादिली, किया ये जरूरी काम
धर्म-कर्म
-
April Panchak Date 2024: अप्रैल में कब से कब तक लगेगा पंचक, जानें क्या करें क्या ना करें
-
Ramadan 2024: क्यों नहीं निकलते हैं कुछ लोग रमज़ान के आखिरी 10 दिनों में मस्जिद से बाहर, जानें
-
Surya Grahan 2024: क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण, जानें कब लगेगा अगला ग्रहण
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए