जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में शुल्क वृद्धि (JNU Fees Hike) को लेकर विवाद 1 नवंबर को शुरू हुआ. इसको लेकर छात्रों ने दिल्ली की सड़कों पर खूब गदर ( JNU Protest) काटा. पुलिस (Delhi Police) ने लाठीचार्ज (Lathicharge) किया और इसके बाद सोशल मीडिया (JNU On Social Media) पर जेएनयू कई दिनों तक छाया रहा. फेसबुक (Facebook) और ट्वीटर (Twitter) पर #JNU, #JNUProtest #ShutDownJNU, #StandwithJNU जैसे कई हैश टैग ट्रेंड करने लगे. एक नवंबर से 25 नवंबर तक सोशल मीडिया पर जेएनयू को लेकर कैसा रहा रिएक्शन इस पर एक कंपलीट रिपोर्ट..
- सोशल मीडिया खासकर Twitter पर कुल 70600 बार JNU को मेंशन किया गया
- कुल 46 फीसद पोस्ट जेएनयू और जेएनयू छात्रों की मांगों को लेकर पॉजीटिव और 54 फीसद पोस्ट निगेटिव थे
- 19 नवंबर को सबसे ज्यादा जेएनयू हाइलाइट रहा जब 9200 बार जेएनयू का नाम लिया गया
- इसमें से अधिकतर लोग जेएनयू छात्रों के आंदोलन के खिलाफ थे. लोगों ने जेएनयू को बंद करने तक की मांग कर डाली
- इस दिन जेएनयू की शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लेने और छात्रों के आंदोलन को राष्ट्रविरोधी करार देने वाले पोस्ट भी छाए रहे
- #JNUProtest इस हैश टैग के तहत जेएनयू में शुल्क वृद्धि को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन और सरकार द्वारा शुल्क वृद्धि को आंशिक रूप वापस लिए गए फैसले सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे थे. इसको लेकर 5000 से ज्यादा पोस्ट हुए
- #ShutDownJNU इस हैश टैग के तहत करीब 4000 लोगों ने जेएनयू को हमेशा के लिए बंद करने की मांग उठाई. लोगों का कहना था कि वो नहीं चाहते कि उनके टैक्स का पैसा जेएनयू के छात्रों पर खर्च हो
- #FeesMustFall यह भी हैशटैग खूब ट्रेंड किया. जो लोग जेएनयू के साथ खड़े थे उनका साफ कहना था कि सरकार को बड़ी हुई फीस वापस ले लेनी चाहिए ताकि गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा लेने में कोई दिक्कत न हो
- #JNUWallOfShame इस हैशटैग के तहत करीब 2000 पोस्ट किए गए जिसमें जेएनयू के छात्रों द्वारा स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा तोड़ने की खूब निंदा की गई
- #StandwithJNU केवल 1500 पोस्ट ऐसे थे जिसमें लोग जेएनयू के साथ खड़े थे. जिसमें कहा गया कि विवि में पढ़ने वाले 40 प्रतिशत से अधिक छात्र ऐसे हैं जिनके परिवार की आमदनी 400 रुपए रोजाना भी नही हैं. उधर विवि प्रशासन का कहना है कि 40 साल बाद शुल्क वृद्धि की गई है. शुल्क नहीं लेने पर सालाना 45 करोड़ रुपए का बोझ उस पर पड़ रहा है.
- #EmergencyinJNU 1000 पोस्ट ऐसे थे जिसमें जेएनयू के छात्रों द्वारा उग्र प्रदर्शन, प्रदर्शन के दौरान छात्र-छात्राओं के जख्मी होने की तस्वीरें सोशल मीडिया में तैरतीं रहीं.
JNU के लिए पॉजीटिव कमेंट्स
- बढ़ी हुई फीस के खलाफ आंदोलन किसी भी लोकतांत्रिक देश में सही है
- शुल्क वृद्धि गरीब तबके के प्रतिभाशाली छात्रों की उच्च शिक्षा की राह में बाधा है
- देश को सबसे ज्यादा IAS/IFS और नौकरशाह देने वाल यूनीवर्सिटी जेएनयू है.
- जेएनयू एक ऐसी यूनीवर्सिटी है जिसकी वैश्विक स्तर पर पहचान है, जहां की शिक्षा अव्वल दर्जे की है
- लोग सरकार से पूरी शुल्क वृद्धि को वापस लेने की मांग कर रहे हैं
- विवि में पढ़ने वाले 40 प्रतिशत से अधिक छात्र ऐसे हैं जिनके परिवार की आमदनी 400 रुपए रोजाना भी नही हैं.
- दिल्ली पुलिस द्वारा विश्वविद्यालय के छात्रों पर लाठीचार्ज शर्मनाक है
JNU के लिए Negative कमेंट्स
- लोगों ने जेएनयू को हमेशा के लिए बंद करने की मांग उठाई. लोगों का कहना था कि वो नहीं चाहते कि उनके टैक्स का पैसा जेएनयू के छात्रों पर खर्च हो
- सोशल मीडिया की मांग थी कि जेएनयू छात्रों की स्कॉलरशिप और कंसेशन बंद हो
- यह केवल उन्हीं छात्रों को मिले जो वास्तव में बेहद गरीब हैं
- आंदोलन के दौरान कई न्यूज चैनलों के पत्रकारों पर जेएनयू छात्रों द्वारा की गई बदसलूकी के लिए कार्वाई की जाय
- जेएनयू के छात्र-छात्राएं IPhone जैसे महंगे फोन लेकर चलते हैं, ब्रांडेड कपड़े पहनते हैं तो फीस क्यों नहीं दे सकते
- जेएनयू की फीस किसी भी विश्वविद्यालय की फीस से कम है, इसको लेकर भी जेएनयू के छात्रों के आंदोलन को लेकर लोग गुस्से में थे
जेएनयू को लेकर ऐसा था नेताओ, समाजिक कार्यकर्ताओं और सेलीब्रेटीज के ट्वीट
One of the first stories I did as a young reporter. 27 years later she still awaits justice. Meet the Women who are the Mothers of #Metoo in India and to whom we owe the Vishaka guidelines. From @WeTheWomenAsia https://t.co/r24hX2hGvg
— barkha dutt (@BDUTT) November 17, 2019
I am proud of him/her. JNU is only institute where people have freedom of Everything, You Indians polish boot of BJP/RSS. You can't enjoy freedom like us. pic.twitter.com/1vo1eGTQpw
— Swara Bhaskur (@ReallySwarg) November 25, 2019
Makes me want to relive my college years again. At JNU.#JNUProtests pic.twitter.com/O55aZ8qWxP
— Shobhaa De (@DeShobhaa) November 25, 2019
Dear Faye,
Right to protest does not give you right to prevent patients from accessing emergency services, right to protest does not give u right to vandalise Swami Vivekananda statue. No democratic right is absolute. Please read Article 19(2) drafted by Ambedkar. #JNUProtests https://t.co/3ZYcXHwqQV— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी) (@pradip103) November 19, 2019