बाप के बनाए गए कानून के फंदे में फंस गया बेटा, जानें क्‍या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट

राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुक अब्‍दुल्‍ला (Farooq Abdullah)को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (Public Safety Act) के तहत हिरासत में ले लिया गया है.

राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुक अब्‍दुल्‍ला (Farooq Abdullah)को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (Public Safety Act) के तहत हिरासत में ले लिया गया है.

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Drigraj Madheshia
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बाप के बनाए गए कानून के फंदे में फंस गया बेटा, जानें क्‍या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट

शेख अब्‍दुल्‍ला और फारुख अब्‍दुल्‍ला का फाइल फोटो

जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही नजरबंद राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारूक अब्‍दुल्‍ला (Farooq Abdullah)को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (Public Safety Act) के तहत हिरासत में ले लिया गया है. रविवार रात फारूक अब्‍दुल्‍ला (Farooq Abdullah) पर PSA (Public Safety Act) एक्ट लगाया गया, जिसके बाद उन्‍हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. यह वही एक्‍ट है जिसे फारूक अब्‍दुला (Farooq Abdullah) के पिता शेख अब्दुल्ला (Sheikh Abdullah) की सरकार ने लागू किया था.

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जम्मू कश्मीर में PSA (Public Safety Act) लगा दिया है. बता दें कि PSA एक्ट के तहत किसी भी व्यक्ति को सरकार अधिकतम 2 साल तक बिना किसी ट्रायल के हिरासत में रख सकती है. राज्‍य में पब्लिक सेफ्टी एक्ट साल 1978 में तत्कालीन शेख अब्दुल्ला (फारूक अब्‍दुला के पिता) की सरकार द्वारा लागू किया गया था. शेख अब्दुल्ला सरकार ने तब यह कानून लकड़ी तस्करों पर लगाम कसने के उद्देश्य से लागू किया था.

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उस समय से यह कानून काफी आलोचना झेल रहा है और पिता द्वारा बनाया इस कानून के फंदे में आज बेटा आ गया . 2010 में इस कानून में थोड़े बदलाव किए गए और इसे कुछ नरम किया गया. बदलावों की बात करें तो इसके तहत पहली बार गलती करने वाले को इस PSA के तहत अधिकतम 6 माह तक ही हिरासत में रखा जा सकता है, लेकिन ये भी प्रावधान है कि बार-बार गलती करने पर आरोपी की हिरासत को 2 साल के लिए भी बढ़ाया जा सकता है.

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बता दें श्रीनगर से लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला 5 अगस्त से घर में नजरबंद हैं, जब भारत सरकार ने कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों को फारूक और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला से मिलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन इस प्रतिबंध के साथ कि वे मुलाकात के बाद मीडिया के साथ बातचीत नहीं कर सकते.

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क्या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट?

पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) वह कानून है जिसे तत्कालीन शेख अब्दुल्ला सरकार ने 1978 में लकड़ी के तस्करों पर नकेल कसने के लिए बनाया था. आतंकवाद शुरू होने के बाद से इसका कश्मीर में जमकर इस्तेमाल किया गया. यह बात अलग है कि इन 30 सालों में जितने भी लोगों के खिलाफ पीएसए लगाया गया उनमें से 60% से अधिक को कोर्ट ने खारिज कर दिया.

PSA में कैसे होती है गिरफ्तारी

PSA के तहत हिरासत में लिए जाने का आदेश पुलिस की अनुशंसा पर जिलाधिकारी जारी करता है. पुलिस एक केस फाइल बनाती है जिसे डोजियर कहते हैं. इसे संबंधित डेप्यूटी कमिश्नर अथवा जिलाधिकारी को भेजती है और फिर आदेश जारी होता है.

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