logo-image

अमरनाथ यात्रा-करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान की बुरी नजर, BSF को LoC पर मिली 150 मीटर लंबी सुरंग

BSF जम्मू फ्रंटियर के आईजी डीके बूरा ने बताया कि बीएसएफ को मिले सुरंग के बारे में संदेह है कि इसका इस्तेमाल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दो आत्मघाती हमलावरों ने किया है.

Updated on: 05 May 2022, 02:29 PM

highlights

  • सुरंग का इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद के दो आत्मघाती हमलावरों ने किया 
  • केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने सरकार और सुरक्षा बलों को आगाह किया है
  • सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक भूमिगत सीमापार सुरंग मिला

New Delhi:

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ( Pakistan ) की गंदी नजर अब हिंदू-सिख धार्मिक यात्राओं पर है. आतंकियों की नापाक मंशा सिखों के तीर्थ स्थल करतारपुर कॉरिडोर ( Kartarpur Corridor ) के बेजा इस्तेमाल और हिंदुओं की पवित्र अमरनाथ यात्रा के दौरान वारदात को अंजाम देने की है. खुफिया एजेंसियों (Inteligence Report) ने इसको लेकर सरकार और सुरक्षा बलों को आगाह किया है. वहीं सीमा सुरक्षा बल ( Border Security Force ) को सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा ( LoC ) के पास एक भूमिगत सीमापार सुरंग का पता लगा है.

बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के आईजी डीके बूरा ने बताया कि बीएसएफ को मिले सुरंग के बारे में संदेह है कि इसका इस्तेमाल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दो आत्मघाती हमलावरों ने किया है. उन्होंने बताया कि चार मई को शाम 5:30 बजे के करीब पेट्रोलिंग कर रहे जवानों को सुरंग तलाशने में कामयाबी मिली. तलाशी के दौरान उसमें से हरे रंग के रेत के बैग मिले. उनका इस्तेमाल सुरंग को बंद करने के लिए किया गया था.

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम

आईजी बूरा ने बताया कि सीमा से बाड़ तक ये सुरंग 100 मीटर और आगे 50 मीटर सुरंग यानी 150 मीटर लंबी है. हमें सीमा पार से निरंतर प्रयासों को विफल करने में सफलता मिली है. आगामी अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए यह बड़ी कामयाबी मिली है. मैं बीएसएफ को सफलता के लिए बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि यह एक ताजा खोदी गई सुरंग की तरह लगता है. फिलहाल खोज जारी है. बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने इस जानकारी को ट्वीट भी किया.

इस बॉर्डर पर एक दशक में मिलीं करीब 11 सुरंगें 

आईजी डीके बूरा ने कहा कि 2012 से अब तक इस बॉर्डर पर एक दशक में करीब 11 सुरंगें मिल चुकी हैं. सैंडबैग पहले जैसे ही थे. नई बात यह है कि उन पर कोई निशान नहीं मिला है. पहले ज्यादातर सैंडबैग पर पाकिस्तान के कराची शहर का नाम लिखा होता था. जम्मू के सुंजवां इलाके में 22 अप्रैल को सीआईएसएफ की बस पर हमला करने वाले दोनों आत्मघाती हमलावरों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था. उसके बाद बड़े पैमाने पर अभियान के तहत लगभग एक पखवाड़े बाद ही सीमापार सुरंग का पता चला है.

16 महीनों में बीएसएफ की खोजी हुई पहली सुरंग

अंतरराष्ट्रीय सीमा के नीचे बीते 16 महीनों में बीएसएफ की खोजी हुई यह पहली ऐसी संरचना है. बीएसएफ ने पिछले साल जनवरी में कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में दो सुरंगों का पता लगाया था. एक अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से 150 मीटर की दूरी पर और सीमा की बाड़ से 50 मीटर की दूरी पर एक नई खोदी गई सुरंग का पता पाकिस्तानी चौकी चमन खुर्द (फियाज) के सामने लगाया गया. यह भारत की ओर से 900 मीटर की दूरी पर है. इसकी शुरुआत सीमा चौकी चक फकीरा से लगभग 300 मीटर और अंतिम भारतीय गांव से 700 मीटर की दूरी पर है.

करतारपुर कॉरिडोर के दुरुपयोग पर पाकिस्तान से पूछताछ

करतारपुर कॉरिडोर के दुरुपयोग को लेकर पाकिस्तान की एजेंसी ISI की नापाक मंशा के बारे में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को अलर्ट किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ISI अधिकारी भारतीय तीर्थयात्रियों से जानकारी इकठ्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं. गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक कॉरिडोर के दुरुपयोग को लेकर भारत सरकार गंभीर है और एजेंसियों से और ज्यादा सबूत और इकट्ठा करने के लिए कहा गया है. इसके बाद मामले को पाकिस्तान के सामने उठाया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें - जम्मू कश्मीर में सुबह भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 5.3 की तीव्रता- ताजिकिस्तान में केंद्र

करतारपुर कॉरिडोर समझौते का उल्लंघन कर रहा पाकिस्तान

इंटेलिजेंस के सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के खुफिया ब्यूरो और ISI के अधिकारी करतारपुर कॉरिडोर के किनारे मौजूद रहते हैं. कॉरिडोर का इस्तेमाल व्यावसायिक बैठकों के लिए भी किया गया है. कॉरिडोर को चालू करने के लिए दोनों देशों के बीच हुए समझौते में इसकी इजाजत नहीं है. कॉरिडोर में हाल ही में रोटरी क्लब के पदाधिकारियों की बैठक की चर्चा है. गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक गुरदासपुर से पड़ोसी देश गुरुद्वारा दरबार साहिब तक बिना वीजा के तीर्थयात्रा की सुविधा के लिए भारत और पाकिस्तान सरकार ने संयुक्त रूप से करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण किया है. 26 नवंबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी ने कॉरिडोर का शिलान्यास किया था.