आतंकी पैदा करने वाले मदरसों से पाक सेना ने फिर बढ़ाई घनिष्ठता, भारत हुआ अलर्ट

पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा प्रतिष्ठान के शीर्ष अधिकारी इन दिनों ऐसे मदरसों और मुल्ला-मौलवियों से मुलाकात कर रहे हैं, जिनके सीधे-सीधे जैश-ए-मोहम्मद सरीखे आतंकी संगठनों से संबंध हैं.

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Nihar Saxena
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आतंकी पैदा करने वाले मदरसों से पाक सेना ने फिर बढ़ाई घनिष्ठता, भारत हुआ अलर्ट

पाक सेना आतंकी पैदा करने वाले मदरसों से बढ़ा रही मेल-जोल.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा प्रतिष्ठान के शीर्ष अधिकारी इन दिनों ऐसे मदरसों और मुल्ला-मौलवियों से मुलाकात कर रहे हैं, जिनके सीधे-सीधे जैश-ए-मोहम्मद सरीखे आतंकी संगठनों से संबंध हैं. कुछ तो ऐसे हैं, जिन्हें आतंकी संगठन करार देकर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधित कर चुका है. इस तरह की खबरें आने के बाद भारतीय सत्ता-प्रतिष्ठान भी अलर्ट हो चुका है. हालांकि रावलपिंडी केंद्रित पाकिस्तान का रक्षा प्रतिष्ठान इन मेल-मुलाकातों को लेकर अब गोपनीयता बरतने लगा है. उसकी कोशिश है कि इस तरह के कार्यक्रमों से जुड़े फोटो सार्वजनिक नहीं होने पाए.

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सेना के प्रवक्ता का नायक सरीखा स्वागत हुआ रशीदिया मदरसा में
बताते हैं कि 27 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर का जामिया रशीदिया मदरसा में किसी नायक सरीखा स्वागत-सत्कार किया गया. कराची के दक्षिणी हिस्से में स्थित इस मदरसे का संबंध जैश-ए-मोहम्मद से है. एक समय अल कायदा से भी इस मदरसे का नाम जुड़ा था. इस मदरसे का नाम वॉल स्ट्रीट जनरल के पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और फिर हत्या से भी जुड़ा था. गौरतलब है कि डेनियल पर्ल का शव अल रशीद ट्रस्ट के स्वामित्व वाली जगह पर पाया गया था.

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अल रशीद ट्रस्ट है प्रतिबंधित
सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल करने वाले आसिफ गफ्फूर ने जामिया रशीदिया मदरसा की अपनी यात्रा का कोई फोटो तो शेयर नहीं किया, लेकिन सोशल मीडिया पर उनके भव्य स्वागत-सत्कार से लेकर छात्रों के बीच उनकी उपस्थिति के फोटो जरूर देखी जा सकती है. इस मदरसे की शुरुआत मुफ्ती मोहम्मद रशीद ने की थी, जो अल रशीद ट्रस्ट के संस्थापक भी थे. गौरतलब है कि अल रशीद ट्रस्ट को आतंकी संगठन घोषित कर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र दोनों ही प्रतिबंधित कर चुका है.

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पाक रेंजरों ने की औरंगजेब से मुलाकात
इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान रेंजर्स के आला अधिकारी औरंगजेब फारुकी से मुलाकात करने गए थे. औरंगजेब फारुकी अहले सुन्नत वल जमात (एएसडब्ल्यूजे) का प्रमुख है, जो कुख्यात सिपाह-ए-साहबा पाकिस्तान (एसएसपी) का ही एक मुखौटा है. एसएसपी का पाकिस्तान के शिया अल्पसंख्यकों के हजारों नागरिकों को मारने में हाथ रहा है. पाकिस्तान रेंजर्स के आला अधिकारियों का चयन पाकिस्तानी सेना ही करती है. परवेज मुशर्रफ ने भी एसएसपी को प्रतिबंधित किया था, जो बाद में अहले सुन्नत वल जमात के नाम से अवतरित हुआ. हालांकि 2012 में पाकिस्तानी सरकार ने इसे भी प्रतिबंधित कर दिया. गौरतलब है कि दोनों ही आतंकी समूह पाकिस्तान के राष्ट्रीय आतंक रोधी प्रतिष्ठान की प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल हैं.

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हाफिज सईद से भी है सेना का संबंध
हाल के महीनों में एएसडब्ल्यूजे के नेतृत्व को उत्तरी वजीरिस्तान स्थित पाक सेना कमांड के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करते देखा गया था. सोशल मीडिया में लुधियानवी को सेना के शीर्ष अधिकारी की ओर से सम्मानित भी किया गया था. लुधियानवी देफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल के संयुक्त सचिव भी है, जो जेहादी और आतंकी संगठन का एक सार्वजनिक चेहरा है. बताते हैं कि इसे प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद ने खड़ा किया है. इसी तरह फ्रंटियर कार्प्स के अधिकारियों को लश्कर-ए-झांगवी के नेता रमजान मेंगल से मुलाकात करते देखा गया. यह संगठन भी अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किया जा चुका है.

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भारत ने जताई चिंता
हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासकर भारत की पहल पर बढ़ते दबाव के बाद पाकिस्तान के रक्षा प्रतिष्ठानों के शीर्ष अधिकारियों ने जेहादी संगठनों के नेतृत्व से दूरियां बनानी शुरू कर दी हैं. हालांकि बताया जाता है कि यह महज दिखावा है. एक भारतीय सुरक्षा अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह एक चिंताजनक पहलू है. ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी सेना अपने जेहादी कार्यक्रम को फिर से नए सिरे से खड़ा कर रही है.

HIGHLIGHTS

  • आतंकी पैदा करने वाले मदरसों और संगठनों से पाक सेना की फिर बढ़ी नजदीकियां.
  • जैश, लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के प्रमुखों से सेना के अधिकारी कर रहे मुलाकात.
  • भारत ने जताई चिंता और कहा पाकिस्तान फिर शुरू कर रहा जेहादी कार्यक्रम.

Source : News State

Jamia Rashidia Madarassa Pakistan Army Asif Ghafoor Lashkar E Taiba jaish e mohammad Hafiz Saeed
      
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