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कभी CBI और ED के 'सुपर बॉस' थे पी चिदंबरम, आज इन्‍हीं से भागते फिर रहे हैं पूर्व वित्‍तमंत्री

कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए सरकार में गृहमंत्री (Home Minister)और वित्‍तमंत्री रहे पी चिदंबरम (P Chidambaram) की कभी तूती बोलती थी.

Updated on: 21 Aug 2019, 02:14 PM

नई दिल्‍ली:

कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए सरकार में गृहमंत्री (Home Minister)और वित्‍तमंत्री रहे पी चिदंबरम (P Chidambaram) की कभी तूती बोलती थी. सीबीआई (CBI)और ईडी (ED)के वो 'सुपर बॉस' थे. केंद्रीय जांच एजेंसी को चिदंबरम ने कथित तौर पर इस तरह इस्‍तेमाल किया सीबीआई (CBI)को पिंजरे में बंद तोता की उपाधि दे दी गई. लेकिन वक्‍त का खेल देखिए आज पी. चिदंबरम आज भागे हुए हैं और दोनों एजेंसियां इनके पीछे पड़ी हुई हैं.

जरा याद करिए वो दिन जब चिदंबरम देश के गृहमंत्री (Home Minister)थे और अमित शाह साबरमती की जेल में थे. तब चिदंबरम नॉर्थ ब्लॉक स्थित गृहमंत्री (Home Minister)कार्यालय में बैठकर "भगवा आतंकवाद" की फाइल तैयार करवा रहे थे और अमित शाह अपने बचाव की फ़ाइल में रोज़ ही नए पन्ने जोड़ रहे थे. और आज अमित शाह के गृहमंत्री (Home Minister)होने का खौफ ही है कि चिदंबरम रातोंरात लापता हैं. चिदंबरम मार्च 2018 से लगातार अपनी गिरफ्तारी पर रोक का आदेश हासिल कर रहे थे. मगर आज किस्मत जवाब दे गई.

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आईएनएक्स मीडिया केस (INX Media Case)में चिदंबरम अभियुक्त हैं. इस केस की जांच सीबीआई (CBI)कर रही है. मीडिया कंपनी आईएनएक्स के ख़िलाफ़ सीबीआई (CBI)ने 15 मई, 2017 को एक एफ़आईआर दर्ज की थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री पर आरोप है कि आईएनएक्स को फ़ायदा पहुंचाने के लिए विदेशी निवेश को स्वीकृति देने वाले विभाग फॉरेन इन्‍वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफ़आईपीबी) ने कई तरह की गड़बड़ियां की थीं.

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जब कंपनी को निवेश की स्वीकृति दी गई थी उस समय पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे. आरोप है कि पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने अपने पावर का उपयोग कर आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से क्लीयरेंस दिलवाया था. सीबीआई (CBI)के साथ ही इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज किया गया था, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है.

Aircel Maxis मामला

  • एयरसेल मैक्सिस डील का मामला फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) से जुड़ा है. साल 2006 में जब पी चिदंबरम (P Chidambaram) मनमोहन सिंह सरकार में वित्त मंत्री थे तो उन्होंने इस डील को मंजूरी दी थी और अब उन पर आरोप है कि चिदंबरम के पास तो सिर्फ 600 करोड़ रुपए तक के ही प्रोजेक्‍ट को मंजूरी देने का अधिकार था.
  • एयरसेल मैक्सिस डील मामला 3,500 करोड़ की एफडीआई की मंजूरी का था. अगर इससे अधिक के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए चिदंबरम को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी लेनी पड़ेगी लेकिन उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी नहीं ली थी.
  • इस मामले में फिलहाल दिल्ली की एक अदालत ने पी चिदंबरम (P Chidambaram) और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को सीबीआई (CBI)और प्रवर्तन निदेशालय की ओर एफआईआर दर्ज की गई है

तीसरा और नया मामला एयरबस का है

यूपीए सरकार के कार्यकाल में कथित तौर पर हुये विमानन घोटाले में धनशोधन रोधी मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को तलब किया है. अधिकारियों ने बताया कि चिदंबरम को 23 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है.