टाइटैनिक डूबा... तो बिजली की खोज हुई, जानें चार साल में एक बार आने वाली 29 फरवरी से जुड़ी कुछ रोचक बातें
सामान्य वर्ष में आपका जन्मदिन सोमवार को पड़ रहा है और अगला साल यदि लीप ईयर है, तो आपका जन्मदिन मंगलवार की बजाय बुधवार को पड़ेगा.
highlights
- लीप ईयर की संज्ञा सबसे पहले रोमन साम्राज्य के दिनों में दी गई थी.
- लीप डे के दिन पैदा हुए जेम्स मिल्ने विल्सन लीप डे को ही मरे भी थे.
- 29 फरवरी को पैदा हुए शख्स को 'लीपलिंग्स' या 'लीपर्स' कहा जाता है.
नई दिल्ली:
आज यानी 29 फरवरी को पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई (Morarji Desai) का भी जन्मदिन है. वह सिर्फ अकेले शख्स नहीं थे, जिनका जन्मदिन अधिवर्ष यानी 29 फरवरी (29 February) को आता है. ऐसे में आज जिनका जन्मदिन (BirthDay) है उन सभी को चार गुना बधाई. आखिर हो भी क्यों नहीं, 29 फरवरी को जन्मे लोगों को खुशी मनाने का मौका चार साल बाद ही मिलता है. इससे पहले 2016 में लीप ईयर (Leap Year) आया था. हर चार साल बाद खगौलीय गणना (Astronomical Year) से तारतम्य बैठाने के लिए कैलेंडर में एक दिन अतिरिक्त जोड़ा जाता है, जिसे हम अधिवर्ष या लीप ईयर के नाम से जानते हैं. गौरतलब है कि धरती (Earth) को सूर्य (Sun) का एक चक्कर पूरा करने में 365 दिन 5 घंटे, 48 मिनट, 46 सेकेंड लगते हैं. यानी कैलेंडर से करीब 6 घंटे अधिक. इसी वजह से हर 4 साल में कैलेंडर में एक बार फरवरी का महीना 29 दिन का होता है, ताकि अतिरिक्त घंटे समायोजित हो जाएं.
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4 का गुणांक वाला साल
लीप ईयर उस साल को भी कह सकते हैं जो 4 के गुणांक में हों या जो 4 से सीधे तौर पर विभाजित हो जाए. हालांकि एक पेंच यहां यह भी है कि 00 से समाप्त होने वाला साल कभी भी लीप ईयर नहीं होता है. हालांकि अगर 00 से खत्म हो रहे साल के ठीक पहले 4 के गुणांक की संख्या हो, तो वह साल लीप ईयर होता है. उदाहरण बतौर 1700 या 1900 लीप ईयर नहीं था, लेकिन 2000 था और 2400 लीप ईयर होगा.
बदल जाता है वार
लीप ईयर की एक और खूबी भी जानें. मान लें सामान्य वर्ष में आपका जन्मदिन सोमवार को पड़ रहा है और अगला साल यदि लीप ईयर है, तो आपका जन्मदिन मंगलवार की बजाय बुधवार को पड़ेगा. संभवतः इन्हीं जैसी तमाम खूबियों के कारण लीप ईयर के दिन यानी 29 फरवरी को पैदा होने वाले शख्स को 'लीपलिंग्स' या 'लीपर्स' कहा जाता है.
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लीप ईयर का इतिहास
अगर इतिहास पर नजर डाली जाए, तो 29 फरवरी वाले साल को लीप ईयर की संज्ञा सबसे पहले रोमन साम्राज्य के दिनों में दी गई थी. टाइटैनिक भी 1912 में डूबा था, तो बेंजामिन फ्रेंकालिन ने भी लीप ईयर यानी 1752 में बिजली की खोज की थी. यही नहीं, तैराकी स्पर्धा में ओलंपिक में हिस्सा लेने वाला कलिन जोंस, अभिनेता सबाटो जूनियर, रैपर जा रूल और कवि-रैपर सॉल विलियम्स का जन्म भी 29 फरवरी को हुआ था.
हावड़ा के लीप ईयर बोस दादा
बंगाल के हावड़ा में पैदा हुए एक शख्स के लिए ये दिन बाकी लोगों से खास है. वह 29 फरवरी 1956 को पैदा हुए थे. वह लीप ईयर में लीप डे के दिन पैदा हुए थे, तो उनका नाम ही लीप ईयर बोस रख दिया गया. उनके जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल सर्टिफिकेट, आधार-वोटर-राशन कार्ड से लेकर तमाम दस्तावेज इसी नाम से हैं. 64 साल के लीप ईयर बोस को उनके इलाके में लीप ईयर दादा कहकर बुलाया जाता है. ये नाम उनके माता पिता ने नहीं, बल्कि उनके फैमिली डॉक्टर विमलेंदु डे सरकार ने रखा है. जब वह पैदा हुए थे तो मां-बाप ने डॉक्टर से ही नाम सुझाने के लिए कहा और उन्होंने लीप ईयर बोस नाम रख दिया.
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महिलाओं के लिए खास
आयरलैंड की सैंट ब्रिजिड बहुत परेशान थीं कि 5वीं शताब्दी में महिलाओं को शादी के प्रस्तावों के लिए इंतजार करना पड़ता था, जो कई बार कभी नहीं आते थे. उन्होंने सैंट पैट्रिक से इसकी शिकायत की, जिन्होंने ये तय किया कि हर चार साल में एक बार आने वाले लीप ईयर में लीप डे यानी 29 फरवरी को महिलाएं किसी को भी प्रपोज कर सकेंगी. एक दूसरी कहानी ये भी है कि 1288 में स्कॉटलैंड की क्वीन मार्गरेट ने एक कानून पास किया था, जिसके अनुसार अगर 29 फरवरी को कोई शख्स किसी महिला का प्रपोजल ठुकराता है तो उसे जुर्माना चुकाना होगा. जुर्माने में उसे एक किस, एक सिल्क का गाउन, महंगे ग्लव्स या फिर पैसे चुकाने होते थे.
लीप डे पर पैदा हुए और मरे भी
वैसे तो बहुत से लोग हैं, जो लीप डे पर पैदा हुए, लेकिन क्या आप किसी ऐसे शख्स के बारे में जानते हैं तो लीप डे के दिन ही मरा भी हो. ब्रिटेन में लीप डे के दिन पैदा हुए जेम्स मिल्ने विल्सन 1880 में लीप डे के दिन यानी 29 फरवरी को ही मरे भी थे. बता दें कि जेम्स तस्मानिया के 8वें प्रीमियर बने थे. 68 साल के जेम्स की मौत उनके '17वें जन्मदिन' यानी उनके जन्म के बाद 17वीं बार आई 29 फरवरी को हुई.
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एक्स्ट्रा लीप डे यानी 30 फरवरी
अब तक आप लीप डे यानी 29 फरवरी और लीप ईयर के बारे में तो सब समझ चुके होंगे, लेकिन क्या आप एक्स्ट्रा लीप डे के बारे में जानते हैं. एक्स्ट्रा लीप डे का मतलब है 30 फरवरी. भारत में तो 30 फरवरी कभी नहीं आती, लेकिन स्वीडन और फिनलैंड में 1712 में एक्स्ट्रा लीप डे हुआ था. दरअसल, ऐसा इसलिए किया गया था ताकि उनका जूलियन कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर यानी हमारे सामान्य कैलेंडर से मेल खा सके. हालांकि, वहां अभी भी एक जाति के लोग हैं जो हर साल 30 फरवरी मनाते हैं.
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