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राज्‍यसभा में बहुमत के और करीब एनडीए, गुजरात में बन सकती है 2017 जैसी स्थिति

राज्‍यसभा में 224 सांसद हैं. 19 जून को 24 सीटों पर चुनाव होना है. सदन में एनडीए के पास कुल 91 सांसद हैं. वहीं गैर-एनडीए और गैर यूपीए सांसदों की संख्‍या 68 है. यूपीए के पास कुल 61 सांसद हैं जिनमें से कांग्रेस के 39 सदस्‍य हैं.

Updated on: 11 Jun 2020, 11:34 AM

नई दिल्ली:

राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) में अब सप्ताह भर का समय बाकी है. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. 19 जून को राज्यसभा की 24 सीटों के लिए चुनाव होना है. ताजा समीकरण के हिसाब से बीजेपी (BJP) को 9 सीटों पर जीत दर्ज करने की उम्मीद है. अगर बीजेपी 9 सीटें जीतने में कामयाब रही तो राज्यसभा में उसकी संख्या 84 हो जाएगी. वहीं राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) भी 100 सीटों तक पहुंच सकता है. इसके बाद उसे बहुमत के लिए सिर्फ 22 वोटों की जरूरत होगी.

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ये है राज्‍यसभा का गणित
वर्तमान में राज्‍यसभा में 224 सांसद हैं. 19 जून को 24 सीटों पर चुनाव होना है. सदन में एनडीए के पास कुल 91 सांसद हैं. वहीं  गैर-एनडीए और गैर यूपीए सांसदों की संख्‍या 68 है. यूपीए के पास कुल 61 सांसद हैं जिनमें से कांग्रेस के 39 सदस्‍य हैं. 19 जून को होने वाले चुनाव में बीजेपी को 9 सीटें जीतने की उम्मीद है. वहीं कांग्रेस के दो सांसद कम हो जाएंगे. वर्तमान में बीजेपी के राज्यसभा में 75 सांसद हैं. 9 सीटें और जीतने के बाद यह संख्या 84 हो जाएगी.  

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फ्लोर पर बढ़ेगा सरकार का मनोबल
इन सीटों को जीतने के बाद सरकार का फ्लोर पर मनोबल बढ़ जाएगा. अहम बिलों को पास कराने के लिए सरकार को आसानी होगी. इससे पहले भी सरकार संख्या बल कम होने के बावजूद ट्रिपल तलाक और अनुच्‍छेद 370 जैसे विधेयक राज्‍यसभा में पास करा चुकी है. चार नामित सदस्‍यों के अलावा AIADMK, YSRCP, DMK और TRS जैसी पार्टियां भी सरकार का साथ दे सकती हैं.

गुजरात में बन सकती है 2017 जैसी स्थिति
गुजरात कांग्रेस को अपने विधायकों से इस्तीफे के रूप में एक के बाद झटके मिल रहे हैं. गुजरात कांग्रेस का दावा है कि राज्यसभा चुनाव में उसकी दो सीटें आएंगी और इसके लिए उसे सिर्फ एक वोट की दरकार है. दरअसल गुजरात में चार सीटों के लिए चुनाव होना है. इनमें से दो पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस की जीत तय है. वहीं चौथी सीट के लिए बीजेपी ने नरहारी अमीन को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में उतारा है. पहली वरीयता के आधार पर गोहिल को वोट मिलेंगे लेकिन लेकिन दूसरी सीट के लिए कांग्रेस की राह कठिन हो गई है. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि गुजरात में एक बार फिर 2017 जैसी स्थिति बन सकती है. अगस्त 2017 में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी कैंडिडेट राजपूत को अहमद पटेल ने शिकस्त दी थी. चुनाव आयोग ने दो बागी कांग्रेस विधायकों भोला गोहिल और राघवजी पटेल का वोट अवैध घोषित किया था. आरोप है कि दोनों ने पार्टी के अधिकृत एजेंट के अलावा अपना वोट सार्वजनिक रूप से दिखाया था, जोकि नियमों के खिलाफ है.

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ये बन सकते हैं समीकरण
नियमों के अनुसार, गुजरात राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए एक उम्मीदवार को सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (STV) के तहत 37 वोट की दरकार है. बीजेपी के पास अभी 103 विधायक हैं जबकि राज्यसभा के लिए उसने अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा और नरहारी अमीन को उम्मीदवार बनाया है.