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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास का रोड मैप तैयार, मोदी सरकार ने लगाया 10 मंत्रालयों को

Updated on: 05 Sep 2019, 05:13 PM

highlights

  • धारा 370 हटने के माह भर बाद अब मोदी सरकार कश्मीर के विकास की योजनाओं को तैयार कर रही.
  • इस कवायद में शामिल लगभग 10 मंत्रालयों ने मिलकर एक रणनीति भी तैयार की है.
  • पहली प्राथमिकता रोजगार देने की है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को विकसित करना भी सर्वोच्च प्राथमिकता.

नई दिल्ली:

धारा 370 खत्म होने के बाद अब मोदी सरकार कश्मीर के विकास की योजनाओं को तैयार कर रही है. इसके लिए कई मंत्रालयों का सहयोग लेकर योजनाओं को अमली जामा पहनाया जाएगा. इस कवायद में शामिल लगभग 10 मंत्रालयों ने मिलकर एक रणनीति भी तैयार की है. गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 को हटाए अब एक महीना बीत चुका है. कानून व्यवस्था को लेकर आश्वस्त सरकार की पहली प्राथमिकता कश्मीरी युवाओं को रोजगार देने की है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को विकसित करना भी सर्वोच्च प्राथमिकता में है. ऐसे में अलग अलग मंत्रालयों को कश्मीर के विकास के लिए अलग-अलग ज़िम्मेदारी दी गई है. 

गृह मंत्रालय

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से बीएसएफ और सीआरपीएफ की एक-एक बटालियन तैयार करने की योजना है. इन बटालियनों में दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के युवाओं को भर्ती किया जाएगा. इसके अलावा अन्य राज्यों में पुलिसकर्मियों को मिल रहे वेतन-भत्तों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी लागू किया जाएगा. साथ ही अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में सरकारी कर्मचारियों को मिल रही सुविधाएं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी सरकारी कर्मचारियों को मिलेंगी. 7वें वेतन आयोग को भी लागू किया जाएगा.

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सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

इसके अलावा कैबिनेट सचिवालय की निगरानी में 3 से 5 पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग यानी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की पहचान की जाएगी और उपयुक्त उपक्रम की यूनिट जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में खोली जाएंगी. इसके लिए सरकार ने एक खाका तैयार किया है, जिसमें उपक्रमों को रियायत देने के साथ ही अन्य बातें शामिल की गई हैं.

ऊर्जा मंत्रालय

इन दोनों केंद्र शासित राज्यों में विद्युत परियोजना का लाभ बिजली की कीमतों में कमी करके दिया जा सकता है. इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड से चर्चा करेगा और दोनों प्रदेशों में बिजली की कीमतों को कम करने पर विचार-विमर्श करेगा.

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हेल्थ मिनिस्ट्री

दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत करने के लिए देश भर के प्रसिद्ध स्वास्थ्य संस्थानों की पहचान की जाएगी. इन संस्थानों से जम्मू-कश्मीर में भी शाखा खोलने के लिए कहा जाएगा.

मानव संसाधन मंत्रालय

दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षा क्षेत्र पर भी सरकार का काफी ज़ोर रहेगा. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय देश भर के प्रसिद्ध संस्थानों की पहचान कर उनकी शाखा खोलने के लिए मदद करेगा. राज्य में शिक्षा के अधिकार को लागू भी किया जाएगा.

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नीति आयोग

दोनों प्रदेशों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग यानी डीपीआईआईटी के साथ मिलकर एक निवेशक सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. सूत्रों के अनुसार इस सम्मेलन का आयोजन अगले महीने किया जाएगा.इस तरह आने वाले निवेश से दोनों प्रदेशों का विकास तो होगा ही साथ ही रोजगार समेत स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा.

वित्त मंत्रालय

दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों में बड़ी इंडस्ट्रीज़ को लाया जाएगा ताकि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख का विकास हो सके. इन इंडस्ट्रीज को भी जम्मू-कश्मीर में काम शुरू करने के लिए रियायत दी जाएगी. इन इंडस्ट्रीज़ को 7 साल तक टैक्स से छूट दी जाएगी. सिर्फ इतना ही नहीं, इन इंडस्ट्रीज़ को जीएसटी से भी तीन साल के लिए छूट देने की योजना है. साथ ही लद्दाख के लिए वित्त मंत्रालय विशेष डेवलेपमेन्ट पैकेज की घोषणा भी करेगा.

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पर्यटन मंत्रालय 

इन दोनों केंद्र शासित राज्यों के विकास की योजना में सबसे अहम है जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पर्यटन, जो यहां की सबसे बड़ी इंडस्ट्री है. यही क्षेत्र सबसे अधिक रोज़गार भी देता है. पर्यटन क्षेत्र को और मज़बूत करने के लिए पर्यटन मंत्रालय दोनों प्रदेशों को और आकर्षक बनाने पर काम करेगा, वहीं लद्दाख में एडवेंचर, स्प्रिच्युअल और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने पर भी काम करेगा.

नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय

लद्दाख में सोलर ऊर्जा में निजी निवेश को अनुकूल परिस्थितियों को तैयार किया जा रहा है.

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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

जम्मू कश्मीर में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय नीतियां बनाएगा. इस उद्योग में निर्यात केंद्रित स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा.

गृह सचिव जल्द जाएंगे कश्मीर

27 अगस्त को गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में कश्मीर पर चर्चा हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हुए थे. गृहमंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय योजनाओं को लागू करने पर चर्चा हुई और हालात सामान्य करने पर भी विचार हुआ. इसके साथ ही कश्मीर के विकास के लिए बैठकों का दौर जारी है.