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36 सैनिकों को एक साथ ले जाने में सक्षम है Mi-17V-5 हेलीकॉप्टर, जानिए पूरी खासियत

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस रूसी हेलीकॉप्टरों को दिसंबर 2008 में 80 हेलीकॉप्टरों के लिए 1.3 अरब डॉलर में अनुबंध किया गया था. भारतीय वायु सेना (IAF) को डिलीवरी वर्ष 2011 में शुरू हुई थी.

Updated on: 10 Dec 2021, 08:59 AM

highlights

  • रूस निर्मित इस हेलीकॉप्टर क्रैश को लेकर हर कोई है दंग
  • हेलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस बिपिन रावत समेत 13 की हुई थी मौत
  • इस हेलीकॉप्टर में कई खूबियां, क्रैश को लेकर हो रही है चर्चा

नई दिल्ली:

भारतीय वायु सेना का हेलीकॉप्टर Mi-17V-5 दुनिया के बेहतरीन मिलिट्री हेलीकॉप्टर्स में से एक माना जाता है. रूस निर्मित इस हेलीकॉप्टर क्रैश को लेकर हर कोई दंग है जिसमें सीडीएस बिपिन रावत अपने दल-बल के साथ सवार थे. क्रैश होने से पहले Mi-17V-5 हेलीकॉप्टर को तमिलनाडु के कोयंबटूर में सुलूर आईएएफ स्टेशन से लिया गया था. अधिकतम 6,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ने वाला यह हेलीकॉप्टर आखिर कैसे क्रैश हो गया, इसके बारे में फिलहाल जांच चल रही है. जिस समय यह हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ उस दौरान सीडीएस बिपिन रावत समेत 14 सैन्सकर्मी सवार थे, लेकिन 36 सशस्त्र सैनिकों को एक साथ ले जाने में सक्षम हेलीकॉप्टर की क्या-क्या खूबियां हैं. आइए आपको बताते हैं कि रूस निर्मित इस सैन्य हेलीकॉप्टर के बारे में जो इस समय सबसे अधिक चर्चा का विषय है.

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भारतीय रक्षा मंत्रालय (MoD) ने फरवरी 2013 में आयोजित एयरो इंडिया शो के दौरान 12 Mi-17V5 हेलीकॉप्टरों के लिए एक ऑर्डर दिया था. भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस रूसी हेलीकॉप्टरों को दिसंबर 2008 में 80 हेलीकॉप्टरों के लिए 1.3 अरब डॉलर में अनुबंध किया गया था. भारतीय वायु सेना (IAF) को डिलीवरी वर्ष 2011 में शुरू हुई, जिसमें 36 हेलीकॉप्टर वर्ष 2013 की शुरुआत में वितरित किए गए थे. Mi-17V-5 (घरेलू पदनाम Mi-8MTV-5) हेलीकॉप्टरों के Mi-8/17 परिवार में एक सैन्य परिवहन वेरिएंट है. यह रूसी हेलीकॉप्टरों की सहायक कंपनी कज़ान हेलीकॉप्टर द्वारा निर्मित है. केबिन के अंदर और बाहरी स्लिंग पर कार्गो परिवहन के लिए इसे डिज़ाइन किया गया है. Mi-17V-5 दुनिया के सबसे उन्नत परिवहन हेलीकॉप्टरों में से एक है. इसे ट्रूप और आर्म्स ट्रांसपोर्ट, फायर सपोर्ट, काफिले एस्कॉर्ट, पेट्रोल और सर्च-एंड-रेस्क्यू (SAR) मिशनों में भी तैनात किया जा सकता है.


हेलीकॉप्टर की विशेषताएं

Mi-17V-5 मध्यम-लिफ्टर को Mi-8 एयरफ्रेम के आधार पर डिजाइन किया गया था. यह हेलीकॉप्टर अपनी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है जो उष्णकटिबंधीय और समुद्री जलवायु के साथ-साथ रेगिस्तानी परिस्थितियों में भी उड़ान भर सकता है. Mi-17V-5 का ग्लास कॉकपिट अत्याधुनिक एवियोनिक्स से लैस है, जिसमें चार मल्टीफ़ंक्शन डिस्प्ले, नाइट-विजन उपकरण, एक ऑन-बोर्ड वेदर रडार और एक ऑटोपायलट सिस्टम शामिल है. यह हेलीकॉप्टर प्रति घंटे 250 किमी की अधिकतम गति और 230 किमी प्रति घंटे की क्रूज गति से उड़ान भर सकता है.  जबकि इसके मुख्य ईंधन टैंक की सीमा 675 किलोमीटर है, दो सहायक ईंधन टैंक के साथ यह 1,180 किमी तक उड़ान भर सकता है.

36 सशस्त्र सैनिकों या 4,500 किलोग्राम भार का परिवहन कर सकता है

इस हेलीकॉप्टर को जवानों को लाने-ले जाने, हथियारों को ट्रांसपोर्ट करने में, फायर सपोर्ट, एस्कॉर्ट, पेट्रोलिंग और सर्च-एंड-रेस्क्यू मिशनों के लिए उपयोग किया जाता है. हेलीकॉप्टर का अधिकतम टेकऑफ वजन 13,000 किलोग्राम है. एक बार में यह 36 सशस्त्र सैनिकों या 4,500 किलोग्राम भार का परिवहन कर सकता है. 

इस समय 150 से अधिक हेलीकॉप्टर उपलब्ध

इस वक्त भारत के पास करीब 150 से अधिक ये हेलीकॉप्टर उपलब्ध हैं। इस हेलीकॉप्टर में आठ फायरिंग पोस्ट्स हैं, जिसमें शतर्म-5 मिसाइल्स, S-8 रॉकेट, PKT मशीन गन्स शामिल हैं. रात में ऑपरेशन को अंजाम देने में ये हेलीकॉप्टर वायुसेना का अचूक माना जाता है।

सर्जिकल स्ट्राइक में भी किया गया था इस्तेमाल

वर्ष 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के दौरान भी ऑपरेशन में इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था. एनएसजी कमांडो इसी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था जो कोलाबा में आतंकियों का मुकाबला करने के लिए उतरे थे. वर्ष 2016 में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी लॉन्च पैड को तबाह करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक में भी इस MI-17-V5 का इस्तेमाल किया गया था.