नहीं भूले हैं मौलाना मसूद को, पाक में बैठे इस खूंखार आतंकी से सचेत है भारत

अलवी बंधुओं के नेतृत्व में जैश ए मोहम्मद आतंकवादी समूह पिछले दो दशकों से संसद, अयोध्या, पठानकोट और पुलवामा पर आतंकी हमलों के साथ भारत को निशाना बना रहा है.

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Vijay Shankar
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Maulana masood Azhar

Maulana masood Azhar ( Photo Credit : File Photo)

पुलवामा आतंकी हमले के तीन साल बाद क्वाड विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान में 2008 के मुंबई 26/11 और 2016 के पठानकोट एयरबेस पर हुए हमलों की निंदा की गई. चार QUAD देशों ने सीमा पार आतंकवाद को लेकर कड़ी निंदा की और मांग की कि आतंकवादी हमलों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए. हालांकि QUAD मंत्रियों ने मुंबई और पठानकोट के लिए पाकिस्तान का नाम लेने से परहेज किया. 26/11 को हुए आतंकी हमले को लेकर प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) समूह और पठानकोट हमले के जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकवादी समूह ने अंजाम दिया था. पंजाब स्थित दोनों समूहों के पाकिस्तान के साथ गहरे संबंध हैं, जिसका एकमात्र उद्देश्य कश्मीर के नाम पर भारत को निशाना बनाना और स्थानीय प्रॉक्सी के माध्यम से भारतीय आंतरिक इलाकों को कट्टरपंथी बनाना है. 

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जैश का नेतृत्व पाकिस्तान में अभी भी बरकरार

अलवी बंधुओं के नेतृत्व में जैश ए मोहम्मद आतंकवादी समूह पिछले दो दशकों से संसद, अयोध्या, पठानकोट और पुलवामा पर आतंकी हमलों के साथ भारत को निशाना बना रहा है. यह समूह अभी भी पाकिस्तान में फल-फूल रहा है. पाकिस्तान में इस समूह के सक्रिय होने से भविष्य के हमलों के प्रति भारत अभी भी सचेत है. फिलहाल पाकिस्तान में जैश का नेतृत्व बरकरार है और पाकिस्तान से अपनी सारी गतिविधियां चला रहा है. 14 फरवरी, 2019 को हुआ पुलवामा हमला पाकिस्तान के बहावलपुर में मसूद, रऊफ और अम्मार अल्वी भाइयों द्वारा संचालित JeM की बहुराष्ट्रीय आतंकी फैक्ट्री द्वारा किया गया आखिरी बड़ा हमला था. इस हमले के कारण नरेंद्र मोदी सरकार ने 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में जाबा टॉप में अपने आतंकी शिविर को नष्ट करके जैश के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की. हालांकि बालाकोट में मारे गए आतंकवादियों की सही संख्या ज्ञात नहीं है, लेकिन 300 से अधिक धार्मिक कट्टरपंथी शिविर के भीतर ली गई उच्च-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों के आधार पर हमले से एक दिन पहले प्रशिक्षण शिविर में देखे गए थे. पुलवामा हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस हरकत में आई. इस हमले के बाद अभी तक पुलवामा आत्मघाती हमलावर सहित आठ आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया जबकि सात को गिरफ्तार किया गया है जो जम्मू में एनआईए अदालत में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.

पाक स्थित आतंकवादी समूह अभी भी रडार पर

पूर्व पुलवामा निवासी और अब अधिकृत कश्मीर में स्थित एक जैश ऑपरेटिव आशिक नेंगरू और कुख्यात अल्वी भाइयों को अभी भी भारतीय न्याय का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि मोदी सरकार ने 2014 से पाक स्थित आतंकवादी समूहों को अपने रडार पर रखा है, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी फैक्ट्रियां पूरी ताकत से चल रही हैं और तालिबान द्वारा दिखाए गए रास्ते से प्रेरित हैं, जिन्होंने अमेरिका के नेतृत्व वाली बहुराष्ट्रीय ताकतों को नीचा दिखाया और आखिरकार मजबूर कर दिया. भले ही तालिबान को अभी भी अफगानिस्तान पर पकड़ बनाने के लिए संघर्ष करनी पड़ रही हो, लेकिन इसके केवल उदय से पाक आधारित और भारतीय स्थानीय जिहादियों दोनों के आत्मविश्वास का स्तर बढ़ा है. भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों में इस्लामी कट्टरता बढ़ रही है. वर्ष 1999 IC-814 के तालिबान शासित अफगानिस्तान में कंधार के अपहरण के बाद अपनी स्थापना के बाद से मसूद अजहर के तहत JeM 2001 में संसद पर और 2005 में अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर पर बड़े हमलों के साथ भारत को निशाना बनाने में सफल रहा है. अयोध्या मंदिर सफल होता, तो इससे भारी सांप्रदायिक टकराव होता और सामाजिक ताना-बाना टूट जाता. लाहौर और बहावलपुर में आतंकी फैक्ट्रियों को चलाने वाले पाकिस्तान का यही उद्देश्य रहा है. 

अभी भी पाकिस्तान में खूलेआम घूम रहा मौलाना मसूद

फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद अजहर की गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया था. इससे पहले भी मसूद अजहर को लेकर कई सवाल उठ चुके हैं. अधिकारियों का कहना है कि जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान में पूरी तरह स्वतंत्र है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि वह वर्तमान में रावलपिंडी और इस्लामाबाद के सुरक्षित घरों में रहता है और समय-समय पर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के पदाधिकारियों से मुलाकात करता रहा है. यह आतकी संगठन आज भी धन जुटा रहा है और अपने परिवार के सदस्यों के सीधे आदेश के तहत काम कर रहा है. 53 वर्षीय अजहर को दो साल पहले वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल किया गया था.

HIGHLIGHTS

  • चार QUAD देशों ने सीमा पार आतंकवाद को लेकर कड़ी निंदा की
  • QUAD देशों ने हमलों के आतंकियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की
  • 14 फरवरी, 2019 को जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा पर किया था हमला
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