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प्राइड ऑफ मैसूरु अवार्ड जीत चुका है बेंगलुरू का 'एस्‍ट्रोनॉट', जानें इनके बारे में सबकुछ

कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) में एस्‍ट्रोनॉट (Astronaut) बनकर सड़क के गढ्ढों की ओर पूरी सोशल मीडिया का ध्‍यान खींचने वाले बादल नंजुदास्वामी

नई दिल्‍ली:

कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) में एस्‍ट्रोनॉट (Astronaut) बनकर सड़क के गढ्ढों की ओर पूरी सोशल मीडिया का ध्‍यान खींचने वाले बादल नंजुदास्वामी चाम राजेंद्र एकेडमी ऑफ विजुअल आर्ट्स, मैसूर से बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स में गोल्ड मेडलिस्ट हैं. इसके अलावा उनके नाम ढेरों अवार्ड हैं. स्पेस सूट में उबड़-खाबड़ सतह पर 'मूनवॉक' करने वाला उनका वायरल वीडियो ने ऐसा कमाल किया कि सरकार हरकत में आई और इलाके के सभी ऊबड़-खाबड़ गड्ढों को भरवा दिया.

बेंगलुरु और मैसूर की सड़कों के गड्ढों और प्रशासन की लापरवाही को उन्‍होंने ऐसे कलात्मक तरीके से सरकार के सामने रखा कि उन्‍हें न केवल सराहना मिली बल्‍कि समस्‍या का समाधान भी हो गया. वह यह काम अपने निजी समय और खर्च में करता है. बादल को 2018 में ‘प्राइड ऑफ मैसूरु अवार्ड’ (2015), Award बेंगलुरु यूथ अवार्ड ’(2016)’ प्राइड ऑफ वर्कशिप अवार्ड ’(2017) और 'समर्थ कन्नडिगा अवार्ड’ से सम्मानित जा चुका है.

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बादल ने कहा कि बेंगलुरू में खराब हालत की सड़कें सबसे बड़ी समस्या बन चुकी हैं. इन्हीं सड़कों की वजह से एक्सीडेंट हो रहे हैं, इसलिए मुद्दे को उठाने के लिए उन्होंने यह वीडिया बनाकर अपने फेसबुक अकाउंट पर डाली जो बाद में जमकर वायरल हो गई. शहर की समस्‍याओं को बादल अपनी कूची से जिस तरह उठाते हैं वह काबिले तारीफ है. देखें बादल के इस रंग आंदोलन की कुछ तस्‍वीरें..

बता दें बादल ने दो दिन पहले हैशटैग #ToBBMPWithLove ’के साथ एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें बेंगलुरु के हीरोहल्ली की सड़कों के गड्ढों को चाँद क्रेटर्स के रूप में दिखाया. इसके बाद तो उनका यह वीडियो वायरल हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद जब न्यूज एजेंसी ने बादल से बात की तो उन्होंने इस वीडियो को बनाने के पीछे गंभीर कारण बताया.