जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ( Former PM Shinzo Abe) को एक राजनीतिक अभियान में भाषण के दौरान सीने में गोली मार दी गई. रिपोर्ट के मुताबिक हमले के तुरंत बाद आबे को दिल का दौरा ( Carddiac Arrest) भी आया. उन्हें इलाज के लिए तुरंत एयरलिफ्ट कर नारा मेडिकल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के मुताबिक उनकी हालत गंभीर है. हमलावर को घेरकर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने ट्वीट कर शिंजो आबे पर हमले को दुखद बताया है.
शिंजो आबे भारत के करीबी और खास दोस्तों में शामिल हैं. आबे जापान के ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा बार भारत का दौरा किया. भारत सरकार ने 25 जनवरी, 2021 को उन्हें अपने दूसरे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा था. इसके अलावा जापान के हित में उनके कदमों की दुनियाभर में चर्चा होती रहती है. आइए जानते हैं शिंजो आबे कौन हैं और जापान की राजनीति में उनका कैसा हस्तक्षेप रहा है.
भारत के नजदीकी मित्र
अपने कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा बार भारत का दौरा करने वाले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर हमले की चारों तरफ निंदा हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें अपना मित्र बताते हैं. शिंजो आबे अपने पहले कार्यकाल (2006-07) के दौरान पहली बार भारत आए. अपने दूसरे कार्यकाल (2012-2020) के दौरान शिंजो आबे ने तीन बार भारत का दौरा किया. वो जनवरी 2014, दिसंबर 2015 और सितंबर 2017 में भारत के दौरे पर आए. हर बार भारत और भारतीयता को लेकर उनकी दिलचस्पी और नजदीकी दिखी. आबे गुजरात और वाराणसी समेत देश के अन्य कई इलाकों में भी गए.

लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता
67 साल के शिंजो आबे पहली बार 2006-07 के दौरान प्रधानमंत्री रहे. आबे को एक आक्रामक नेता माना जाता है. आबे लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी(LDP) पार्टी से जुड़े हैं. आंत से जुड़ी बीमारी अल्सरट्रेटिव कोलाइटिस की वजह से शिंजो को 2007 में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. शिंजो आबे लगातार 2803 दिनों (7 साल 6 महीने) तक जापान के प्रधानमंत्री रहे. इससे पहले यह रिकॉर्ड उनके चाचा इसाकु सैतो के नाम था.
राजनीतिक परिवार से हैं शिंजो
शिंजो आबे के दादा नोबुसुके किशी (Nobusuke Kishi) भी जापान के प्रधानमंत्री रहे थे. नोबुसुके किशी साल 1957-60 तक जापान के प्रधानमंत्री रहे थे. वहीं शिंजो आबे के पिता शिंटारो आबे (Shintaro Abe) साल 1982-86 तक जापान के विदेश मंत्री रहे थे. उनके चाचा इसाकु सैतो भी लंबे समय तक जापान के प्रधानमंत्री रहे थे. इस तरह जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे एक बहुत ताकतवर राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं.
राजनीतिक करियर
जापान की राजधानी टोक्यो में 21 सितंबर, 1964 को शिंजो आबे का जन्म हुआ था. वे 26 सितंबर, 2006 को 52 साल की उम्र में पहली बार जापान के प्रधानमंत्री बने. 1941 में फुमिमारो कोनो के बाद वो जापान के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री रहे. इसके अलावा 2006-07 और 2012 से 2020 तक, दो टर्म में करीब 9 साल तक जापान के प्रधानमंत्री रहे. साल 2020 में भी उन्होंने सेहत के मुद्दे पर ही पद छोड़ा था.
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शिंजो आबे की उपलब्धियां
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां रही हैं. जापान को भारत का भरोसेमंद दोस्त और प्रमुख आर्थिक सहयोगी बनाने में आबे का बड़ा योगदान है. वहीं जापान में आर्थिक सुधार लागू करने के लिए उन्होंने काफी काम किया. उनके इन कदमों को दुनिया भर में सराहा भी गया. दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापानी सैनिकों को पहली बार विदेशी सरजमीं पर लड़ने भेजने की मंजूरी देना भी उनकी उपलब्धियों में दर्ज है.
शिंजो आबे ने साल 2007 में जापान, भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता शुरू की थी. अगस्त 2007 में भारत दौरे के दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के लंबे इतिहास पर एक नए द्विपक्षीय एशियाई गठबंधन के लिए भी सहमति दी थी.
HIGHLIGHTS
- हमले के तुरंत बाद शिंजो आबे को दिल का दौरा भी आया
- पीएम नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे पर हमले को दुखद बताया
- भारत ने साल 2021 में शिंजो को पद्म विभूषण से नवाजा था