आजादी के अमृत महोत्सव में International Yoga Day 2022 : पूरी जानकारी
संयुक्त राष्ट्र ने पूरी दुनिया के लिए इस साल यानी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम 'मानवता के लिए योग (Yoga for Humanity)' रखी है. यह थीम भी कोविड-19 महामारी के असर को देखते हुए चुनी गई है.
highlights
- स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए योग को काफी असरदार माना गया है
- शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए योग का अभ्यास
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम 'मानवता के लिए योग' चुनी गई है
नई दिल्ली:
पूरी दुनिया में 21 जून मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 (International Yoga Day 2022) मनाया जाता है. योग भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों से जुड़ा हुआ है. लोगों को स्वस्थ और खुशहाल बनाए रखने के लिए योग को काफी असरदार माना गया है. मौजूदा समय में पूरी दुनिया योग की ताकत को मानती है. भारत में सदियों पहले से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए योग का अभ्यास किया जाता रहा है. मौजूदा दौर में भी योगाभ्यास के जरिए जीवन शैली में सुधारकर स्वस्थ रहा जा सकता है.
साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था. सिर्फ 3 महीने के अंदर बहुमत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग दिवस प्रस्ताव को 193 देशों में से 175 देशों ने बिना किसी मतदान के 11 दिसंबर 2014 को स्वीकार कर लिया. किसी प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र आम सभा में इतनी बड़ी संख्या में समर्थन एक रिकॉर्ड है. इससे पहले किसी भी प्रस्ताव को इतने बड़े पैमाने पर समर्थन नहीं मिला था.
योग दिवस : रिकार्ड्स का सिलसिला जारी
ऐसा पहली बार हुआ जब किसी देश के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा में सिर्फ 90 दिनों के भीतर स्वीकार कर लिया गया हो. यह अपने आप में दूसरा बड़ा रिकॉर्ड है. इसके बाद 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था. तब से हर साल 21 जून को दुनियाभर में योग दिवस मनाया जाता है. पहला योग दिवस भारत में संचालित हुआ और इस मौके पर दो रिकॉर्ड बनाए गए. पहला भारत में 35 हजार से ज्यादा लोगों ने एक साथ राजपथ पर योगासन किया और योग दिवस आयोजन में 84 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
इस साल की थीम- मानवता के लिए योग
संयुक्त राष्ट्र ने पूरी दुनिया के लिए इस साल यानी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम 'मानवता के लिए योग (Yoga for Humanity)' रखी है. यह थीम भी कोविड-19 महामारी के असर को देखते हुए चुनी गई है. दुनिया भर में कोरोना महामारी ने शारीरिक स्वास्थ्य को तो नुकसान पहुंचाया ही है, बल्कि उससे कहीं ज्यादा चिंता (anxiety), अवसाद (depression) और तनाव (Tension) जैसी मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याएं भी दी हैं. इस समय ये पोस्ट कोविड-19 समस्याएं मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. यूएन ने अपील की है कि योग का मूल सार सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखना या फिर दिमाग और शरीर के बीच संतुलन बनाना नहीं है, बल्कि दुनिया में मानवीय रिश्तों के बीच संतुलन बनाना भी है. इसलिए मानवता के लिए योग का सहारा लिया जाना चाहिए.
21 जून : पौराणिक और भौगोलिक विशेषता
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को हर साल 21 जून को मनाने के पीछे दो मुख्य कारण हैं. पहला कारण भौगोलिक है. इसके अनुसार हर साल इस दिन सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा देर तक धरती पर रहती हैं. जिसको प्रतीकात्मक रूप से मनुष्य के स्वास्थ्य और जीवन से जोड़ा जाता है. वहीं, दूसरा कारण यह भी माना जाता है कि 21 जून को ग्रीष्म संक्राति के साथ ही सूर्य दक्षिणायन हो जाता है. पौराणिक और धार्मिक मान्यता है कि इसके बाद आने वाली पूर्णिमा को भगवान शिव ने अपने सात शिष्यों को पहली बार योग की दीक्षा दी थी.
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आजादी का अमृत महोत्सव-पीएम मोदी की अपील
इस साल हमारी स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इसलिए अंतरराष्ट्रीय दिवस भी इस रंग में रंगा हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर कर्नाटक के मैसूरु में रहेंगे. वह मैसूर पैलेस ग्राउंड में 15 हजार लोगों के साथ वह योग का अभ्यास करेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “कल यानि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा. इस बार यह आयोजन ‘मानवता के लिए योग’ की थीम के तहत होगा. आइए, हम सब मिलकर इसे सफल बनाएं एवं योग की लोकप्रियता को और बढ़ाएं.”
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