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भारत के 5 खतरनाक हथियार, जिनके नाम से थर-थर कांपते हैं दुश्मन देश

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) और नौसेना (Indian Navy) ने मंगलवार को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (Supersonic Cruise missile ) के जरिए दुश्मन मुल्कों को अपनी ताकत दिखाई.

Updated on: 20 Apr 2022, 02:02 PM

highlights

 

  • सर्वश्रेष्ठ हथियारों से लैस हो रही है भारतीय सेना
  • जल, थल और वायु में मार करने में हैं सक्षम
  • पल झपकते ही दुश्मनों को कर सकते हैं बर्बाद 

 

नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) और नौसेना (Indian Navy) ने मंगलवार को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (Supersonic Cruise missile ) के जरिए दुश्मन मुल्कों को अपनी ताकत दिखाई. इस दौरान सेना के दोनों अंगों ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की मदद से अपने-अपने टारगेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दुश्मन देश को अपनी ताकत का एहसास कराया. इस मौके पर वायुसेना ने जहां सुखोई 30 एमकेआई के जरिए ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया. वहीं, नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल को अपने युद्धक पोत आईएनएस दिल्ली से लॉन्च कर अपने निशाने को सफलतापूर्वक हिट किया. आइए हम आपको बताते हैं भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना के उन घातक हथियारों के बारे में, जिससे दुश्मन देश थर्राते हैं. 

1- ब्रह्मोस मिसाइल
मल्टी मिशन बैलिस्टिक मिसाइल  ब्रह्मोस (Multi mission Ballistic Missile Brahmos) की मारक क्षमता 290 किलोमीटर तक है. इसकी रफ्तार 208 मैक यानी आवाज की क्षमता से 3 गुना ज्यादा तेज है. यह जमीन, समुद्र और हवा से अपने टारगेट पर वार करने सक्षम है. यह मिसाइल 'स्टीप डाइव कैपेबिलिटी' से लैस है. इनकी इस विशेषता की वजह से ये पहाड़ी क्षेत्रों के पीछे छिपे टारगेट को भी निशाना बना सकती है. इस मिसाइल में ऐसे सेंसर से लैस है, जिसकी मदद से पहले से ही तय टारगेट को लक्षित किया जाता है. खास बात ये है कि यह रडार को चमका देकर अपने टारगेट को हिट करने में भी सक्षम है.

2. फाल्कन अवाक्स
 इजरायल तकनीक से लैस ‘एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम’ 'Airborne warning and control system'(अवॉक्स) किसी भी मौसम में क्रूज मिसाइलों और विमानों का आकाश में ही तकरीबन 400 किमी ऊपर ही पता लगाने में सक्षम है. बेहद उच्च निगरानी क्षमता की वजह से इसे आकाश में आंख कहा जाता है. इसकी खास बात ये है कि फाल्कन अवाक्स अपनी सीमा को पार किए बगैर दुश्मन देश के विमान, मिसाइल, सीमा पर सैनिकों की गतिविधियों को पकड़ने में पूरी तरह सक्षम है. भारत ने अवॉक्स को विमान आईएल-76 पर लगाया गया है. 

3. पिनाक
 भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा निर्मित पिनाक एक मिसाइल सिस्टम है.  यह मिसाइल सिस्टम 44 सेकेंड में 12 मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम है. यानी पिनाक में हर 4 सेकेंड में एक मिसाइल फायर करने की क्षमता है. 214 कैलिबर के इस लॉन्चर से एक के बाद एक 12 पिनाका रॉकेट दागकर दुश्मन के ठिकाने को कब्रिस्तान में तब्दील किया जा सकता है. ये सबसे बेहतरीन हथियार माना जाता है. गौरतलब है कि इस रॉकेट लॉन्चर की रेंज 7 किलोमीटर से लेकर 90 किलोमीटर की दूरी के बीच  बैठे दुश्मन को नेस्तनाबूद करने क्षमता है. आपको बता दें कारगिल युद्ध में भी पिनाक ने अहम भूमिका निभाई थी. पिनाक ने दुश्मन के 12 मिसाइलों को जलाकर खाक कर दिया था. खास बात ये है कि पिनाक में सेंसर लगे हुए हैं, जिसकी मदद से वो किसी भी दिशा में कोई चीज के अवरूद्ध किए जाने पर खुद अपने टारगेट की ओर मुड़ सकता है. 

4. आईएनएस विक्रमादित्य
आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) भारतीय नौसेना (Indian Navy) का यह सबसे महंगा युद्धपोत है. इसका वजन लगभग 45 हजार किलोग्राम है. यह 284 मीटर लंबा और 60 मीटर ऊंचा युद्धपोत है. अगर किसी मैदान से इसकी तुलना की जाए तो इसकी लंबाई तकरीबन तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर है. वहीं, इसकी ऊंचाई करीब 22 मंजिला बिल्डिंग के बराबर है. खास बात ये है कि इस युद्धपोत में 22 नौका तल हैं. आईएनएस विक्रमादित्य में नौसेना के 1,600 से ज्यादा जवान तैनात किए जाने की क्षमता है. इसमें सेंसर सुविधा से भी लैस है.  गौरतलब है कि विक्रमादित्य के उद्घाटन के मौके पर  प्रधानमंत्री मोदी ने जमकर उसकी तारीफ की थी. बताया जाता है कि इस तरह के युद्धपोतों की आयु 40 साल की होती है. इसकी कुल लाकत कीमत 358 करोड़ रुपए है. ये करीब 8 टन हथियार ढो सकता है. इसे बड़े देशों के साथ युद्ध की स्थिति आने के लिए तैयार किया गया है.

5. सुखोई एसयू-30 एमकेआई
सुखोई एसयू-30 एमकेआई (Sukhoi SU-30 MKI) फोर्थ जनरेशन के फाइटर प्लेन हैं. राफेल से पहले तक इसे भारतीय वायुसेना का सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट माना जाता था. गौरतलब है कि इस वक्त एयरफोर्स के पास 272 सक्रिय सुखोई एसयू-30 एमकेआई फाइटर प्लेन हैं. इस एयरक्राफ्ट में दो इंजन लगाए गए हैं. इसके साथ ही इसमें दो चालकों के बैठने की जगह है. इनमें से कुछ एयरक्राफ्ट को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए भी अपग्रेड किया गया है. खास बात ये है कि सुखोई विमान 3,000 किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम है, जबकि इसकी क्रूज रेंज 3,200 किमी तक मार करने की है.  कॉम्बैट रेडियम 1,500 किलोमीटर है. वजन में भारी होने के बावजूद यह लड़ाकू विमान अपनी रफ्तार के लिए मशहूर है. यह विमान आसमान में 2,100 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से फर्राटा भरने में सक्षम है.