अमेरिका ने भी 1988 में गलती से मारा था ईरान का विमान, ऐसी कई गलतियां कर चुका है यूएस
3 जुलाई 1988 को अमेरिका ने भी गलती से ईरान का विमान मार गिराया था. उस हमले में प्लेन में सवार सभी 290 लोग मारे गए थे.
highlights
- 3 जुलाई 1988 को अमेरिका ने भी गलती से ईरान का विमान मार गिराया था.
- 1994 में अपने ही दो ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर मार गिराए था अमेरिकी लड़ाकू विमान ने.
- इराक से युद्ध के दौरान रॉयल ब्रिटिश एयर फोर्स का विमान भी मार गिराया था.
नई दिल्ली:
यूक्रेन का पैसेंजर विमान मार गिराए जाने को लेकर अब ईरान ने अपनी गलती मान ली है. ईरान ने कहा है कि उसने धोखे से यूक्रेन के विमान पर मिसाइल से हमला किया, जिसकी वजह से प्लेन क्रैश हो गया और इसमें सवार 176 यात्री मारे गए. यहां यह जानना भी संयोग ही कहा जाएगा कि 3 जुलाई 1988 को अमेरिका ने भी गलती से ईरान का विमान मार गिराया था. ईरान के पैसेंजर विमान ने जिस वक्त एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी, उसी वक्त ईरान का एफ-14 फाइटर जेट भी उड़ान पर निकला था. यूएस मिलिट्री को शक था कि ईरान के एफ-14 फाइटर जेट मिसाइल से लैस हैं और ईरान मिसाइल से यूएस के शिप पर हमला कर सकता है. उस हमले में प्लेन में सवार सभी 290 लोग मारे गए थे.
जब मार गिराए दो ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर
सिर्फ यही नहीं अमेरिका ऐसी गलतियां पहले भी कर चुका है. 14 अप्रैल 1994 को अमेरिकी वायु सेना ने गलती से अपने ही देश की सेना के दो ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर मार गिराए था. इन हेलीकॉप्टरों में कुल 26 यात्री थे, जिनमें से 11 अन्य देशों के थे. यह घटना फारस की खाड़ी की लड़ाई के बाद हुई थी. युद्ध के बाद लोगों की मदद के लिए अभियान चलाया गया था. बताते हैं कि दो लड़ाकू विमान एफ-14 नो फ्लाई जोन में निगरानी रख रहे थे और उसी दौरान अमेरिकी सेना के दो ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर सामने आ गए, जिन्हें मार गिराया गया.
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1943 में बरसा दी थी अधाधुंध गोलियां
इसके काफी पहले 2 जुलाई 1943 को अमेरिकी वायु सेना ने अपनी ही वायु सेना के विमान पर अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दी. ये विमान सेना की मदद के लिए अतिरिक्त सैनिकों को ला रहे थे. देखते ही देखते ये विमान आसमान में ही आग के गोलों में बदल गए और उनके टुकड़े-टुकड़े हो गये थे. उस समय तीन सौ से ज्यादा अमेरिकी सैनिक मारे गए थे.
ब्रिटिश एयरफोर्स का विमान भी मार गिराया था
इराक से युद्ध के दौरान अमेरिका ने रॉयल ब्रिटिश एयर फोर्स का विमान मार गिराया था. लंबे समय तक यह विमान लापता बताया गया. कुछ समय बाद ब्रिटेन ने कहा था कि शायद उसका विमान अमेरिका की तरफ से किए गए फ्रेंडली फायर का शिकार हो गया. यह वह समय था जब अमेरिका ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के बाद इराक पर हमला किया था.
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मलयेशियाई विमान गिरा
नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम से कुआलालाम्पुर जा रहे मलयेशियाई विमान एमएच 17 को 17 जुलाई 2014 को पूर्वी यूक्रेन के आसमान में मार गिराया गया था. एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल ने इस मामले में चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया था, जिनमें से तीन रूसी खुफिया विभाग से जुड़े थे. मॉस्को ने इसमें अपनी भूमिका को खारिज किया था, लेकिन पश्चिम देशों के मुताबिक रूस सरकार के समर्थन वाले अलगाववादियों के हमले में ही विमान गिरा था. इस हादसे में 298 यात्री मारे गए थे.
साइबेरियाई विमान पर अटैक
4 अक्टूबर 2001 को 78 लोगों को ले जा रहे विमान पर यूक्रेन की सेना ने यह समझकर हमला कर दिया था कि यह रूसी जेट है. विमान इजरायल की राजधानी तेल अवीव से नोवोसिबिर्स्क जा रहा था.
सोवियत हमले में गिरा कोरियाई विमान
तत्कालीन सोवियत संघ के फाइटर जेट ने 1 सितंबर 1983 को कोरिया के केएएएल 007 पर हमला कर दिया था. इसमें सभी 269 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें क्रू मेंबर्स भी शामिल थे. तब सोवियत संघ ने दावा किया था कि यह विमान जासूसी मिशन पर जा रहा था.
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इटली ने गिराया अपना ही विमान
इटली ने अपनी ही एयरलाइन कंपनी इटाविया के विमान 870 को 27 जून 1980 को मार गिराया था. इस घटना में विमान में बैठे सभी 81 लोगों की मौत हो गई थी. जांच में यह बात सामने आई थी कि इटली की मिसाइल के हमले में विमान गिरा था.
जिम्बाब्वे ने गिरा दिए थे दो विमान
3 सितंबर 1978 और फिर 12 फरवरी, 1979 को जिम्बाब्वे ने एक जैसी गलती करते हुए दो विमानों को मार गिराया था. इन घटनाओं में करीब 100 लोगों की मौत हो गई थी.
इजरायल ने की बड़ी चूक
लीबिया की राजधानी त्रिपोली से काहिरा जा रहे बोइंग 727-200 विमान को इजरायल ने 21 फरवरी 1973 को सिनाई रेगिस्तान में मार गिराया था. हादसे में विमान में सवार 113 लोगों में से सिर्फ 5 ही बच पाए थे.
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बुल्गारिया ने गिराया इजरायली प्लेन
1955 की ऐसी ही एक घटना में बुल्गारिया ने लंदन से तेल अवीव जा रहे प्लेन को मार गिराया था. इस घटना में विमान में सवार सभी 58 लोगों की मौत हो गई थी. अंतरराष्ट्रीय दबाव में उस दौर में बुल्गारिया ने इजरायल को 2 लाख डॉलर दिए थे.
चीन ने गिराया ब्रिटिश विमान
चीनी फाइटर जेट्स ने ब्रिटेन के बने डीसी-3 विमान को 23 जुलाई 1954 को मार गिराया. इस घटना में विमान में सवार 18 लोगों में से 10 की मौत हो गई थी. चीन ने बाद में गलती मानते हुए कहा था कि उसने ताइवान का फाइटर जेट समझकर हमला किया था.
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जापानी सेना ने गिराया विमान
24 अगस्त 1938 को जापान के 5 लड़ाकू विमानों ने चीनी-अमेरिकी विमान डीसी-2 को मार गिराया था. इस विमान ने हांगकांग से चीन के चांगकिंग के लिए उड़ान भरी थी. इस घटना में 14 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन अमेरिकी पायलट बच गया था. यह वह दौर था, जब चीन और जापान के बीच युद्ध चल रहा था.
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