बढ़ते तापमान में भी नहीं रुक रहा कोरोना संक्रमण, भारत-ब्राजील में दोगुने हुए मामले

फ्रांस (France) में वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा किए गए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है. काफी पहले से ऐसे दावे किए जा रहे थे कि कोरोना वायरस (Corona Virus) अधिक तापमान में निष्क्रिय हो जाता है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
lockdown

तापमान बढ़ने के बावजूद कम नहीं हो रहे कोरोना संक्रमण के मामले.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

चीन के वुहान (Wuhan) से दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के बीच ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि तापमान (Temperature) बढ़ने के साथ कोविड-19 संक्रमण के मामलों में कमी आ सकती है. यह अलग बात है कि अप्रैल आधा बीत जाने के बावजूद दुनिया भर में बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण (Corona virus) ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है. अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो संक्रमण बढ़ता ही नज़र आ रहा है. आंकड़ों का विश्लेषण तो यही कहता है कि ठंडे देशों में इस वायरस को फैलने में जहां 90 दिन लग गए, वहीं गर्म देशों जैसे भारत (India), ब्राजील (Brazil) और मध्य पूर्व (Middle East) के देशों में ये दोगुनी रफ़्तार से फैल रहा है. बीते 12 दिनों में गर्म माने जाने वाले इन इलाकों में कोरोना संक्रमण ने तेजी से पैर फैलाए हैं. फ्रांस (France) में वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा किए गए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है. काफी पहले से ऐसे दावे किए जा रहे थे कि कोरोना वायरस (Corona Virus) अधिक तापमान में निष्क्रिय हो जाता है.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः जैश के आतंकियों को कोरोना ने डंसा, इलाज कराने से पाकिस्‍तान सरकार का इनकार

60 डिग्री सेल्सियस पर भी जिंदा रहा कोरोना वायरस
दक्षिणी फ्रांस की एइक्स मार्सियेले यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रेमी शेरेल ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस उम्मीद की सच्चाई से पर्दा उठाया है. रेमी ने इस टेस्ट में कोरोना वायरस को 60 डिग्री सेल्सियस तापमान पर टेस्ट किया है. 60 डिग्री सेल्सियस तापमान पर करीब एक घंटा टेस्ट करने के बाद रेमी और उनकी टीम ने पाया कि वायरस की कुछ किस्म अब भी संक्रमण फैलाने में सक्षम थीं. यानी इतने तापमान में रहकर भी वायरस का निष्क्रिय होना असंभव है. गौरतलब है कि फिलवक्त सिर्फ भारत ही नहीं पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और लातिन अमेरिका में गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है. इन सभी देशों में अब दिन का औसत तापमान 20 से लेकर 40 डिग्री सेंटीग्रेड तक भी पहुंच रहा है. भारत में भी बीते 12 दिनों में औसत तापमान 32 डिग्री रहा है, जबकि ब्राजील में ये 26 के आस-पास है. भारत में जहां इन दिनों में 7800 से ज्यादा केस सामने आए हैं. वहीं ब्राजील में 16 हज़ार से भी ज्यादा नए केस मिले हैं.

यह भी पढ़ेंः Lockdown Part 2 : मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 20 अप्रैल से मिल जाएंगी इन सेक्‍टरों को छूट

ब्राजील और इक्वाडोर हॉटस्पॉट
एक पखवाड़े के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो दिनों से 26 डिग्री औसत तापमान के बावजूद ब्राजील में न सिर्फ कोरोना के मामले बढ़कर 25,262 हो गए हैं बल्कि इस संक्रमण से 1832 लोगों की मौत भी हो चुकी है. सिर्फ मंगलवार को ही ब्राजील में 1800 से ज्यादा कोविड-19 संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं. इसी तरह इक्वाडोर की बात करें तो इस छोटे से देश में कोरना संक्रमण काफी तेजी से फैला है. हालांकि इस देश में औसत तापमान 19 डिग्री के आस-पास रहा है. यहां 7257 मामले सामने आए और 315 से ज्यादा मौतें हुईं. अन्य लातिन अमेरिकी और दक्षिण अमेरिकी देशों में भी तापमान 33 डिग्री तक पहुंच गया है, लेकिन संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः Corona Lockdown 2.0: इस बार दिल्ली में लॉकडाउन का मखौल उड़ाने वालों की खैर नहीं

मध्य पूर्व-दक्षिण एशिया में बढ़े मामले
मध्य पूर्व के देश झुलसाने वाली गर्मी के लिए मशहूर हैं. इजरायल, तुर्की, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में अभी से तापमान 40 डिग्री तक भी पहुंचने लगा है. हालांकि इजरायल में ही अब तक कोरोना संक्रमण के 12,046 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 450 से ज्यादा मौतें हों चुकी हैं. दक्षिण एशियाई देश इंडोनेशिया, भारत और बांग्लादेश में लगभग दोगुनी गति से मामले बढ़े हैं. बांग्लादेश में करीब हर दो दिन बाद कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी हो रही है, जबकि भारत में करीब चार दिन बाद कोरोना केस दोगुने बढ़ रहे हैं. उधर अफ्रीका महाद्वीप के ज्यादातर देशों में अप्रैल के पहले दो हफ्तों में तापमान 17 डिग्री से लेकर 45 डिग्री तक दर्ज किया गया है. यहां भी पिछले कुछ दिनों में यहां भी कोरोना मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. यहां सबसे ज्यादा 2028 मामले दक्षिण अफ्रीका में आए हैं, जबकि सबसे ज्यादा मौतें 275 मौतें अल्जीरिया में हुई हैं.

यह भी पढ़ेंः Coronavirus: वुहान में सबसे बड़ा अस्थाई अस्पताल बंद, चिकित्सकों का अंतिम बैच रवाना

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया था इंकार
चीन और अमेरिका के कई वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया था कि कोरोना परिवार के अन्य वायरस की तरह कोविड-19 भी गर्मियों में उतना घातक नहीं रह जाएगा. इटली, स्पेन और अमेरिका में इसके कहर की वजह वहां का ठंडा मौसम बताया जा रहा था. हालांकि उस दौरान भी ईरान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में औसतन तापमान काफी ज्यादा था. चीन की बेइहांग और तसिंगहुआ यूनिवर्सिटी ने भी अपने रिसर्च में कहा था कि गर्मी में कोरोना का प्रसार कम हो जाएगा. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 5 अप्रैल को ही एक बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया था कि गर्मी के मौसम में कोरोना के ख़त्म होने की संभावना न के बराबर है. डब्ल्यूएचओ ने ज्यादा देर तक धूप में रहने और 25 डिग्री से ज्यादा तापमान में कोविड-19 के नष्ट होने के दावों को झूठा करार दिया था.

  • HIGHLIGHTS
  • दावा किया जा रहा था कि कोरोना वायरस अधिक तापमान में निष्क्रिय हो जाता है.
  • फ्रांस में हुए अध्ययन में 60 डिग्री सेल्सियस तापमान पर सक्रिय रहा कोविड-19 वायरस.
  • भारत में इन गर्मी भरे दिनों में 7800 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं.
covid-19 INDIA brazil temperature rise Corona Virus Lockdown Hot weather Middle East france
      
Advertisment