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Hamari Sansad Sammelan सुनील दत्त से लेकर सनी देओल तक राजनीति में चमकते फिल्मी सितारे

दक्षिण भारत में फिल्मी जगत से राजनीति में आए लोगों का बोलबाला रहा है.

Updated on: 18 Jun 2019, 11:14 PM

highlights

  • 17वीं लोकसभा में भी सितारों का जलवा
  • फिल्मी पर्दे से सियासी दुनिया में पहुंचे सितारे
  • फिल्मी सितारों ने बिखेरा राजनीति में अपना जलवा

नई दिल्ली:

बॉलीवुड में अपनी बेहतरीन पारी के बाद कई अभिनेता राजनीति के मैदान में उतरे हैं जब ऐसे अभिनेता अपनी करियर की ऊंचाई पर रहते हैं तब इनके फैन फॉलोइंग की संख्या बड़ी होती है जिसके बाद ये राजनीति में भी उसी रुतबे से शुरुआत करते हैं जैसा कि दक्षिण भारत में फिल्मी जगत से राजनीति में आए लोगों का बोलबाला रहा है. वहीं मुंबई के बॉलीवुड से निकलकर राजनीति में कदम रखने वाले कई अभिनेताओं ने राजनीति कि पिच पर भी शानदार पारियां खेली हैं.

सुनील दत्त
बॉलीवुड अभिनेता राजीव गांधी के कहने पर राजनीति में कदम रखा था साल 1984 में सुनील दत्त ने अपना पहला चुनाव मशहूर वकील राम जेठमलानी के खिलाफ लड़ा था. राम जेठमलानी उन दिनों सुनील दत्त पर खूब व्यंग करते थे और कहते थे कि सुनील दत्त का कोई मुकाबला नहीं है मुझसे. मैंने एचआर गोखले और रामराव अदिक जैसे राजनीति के महारथियों को धूल चटाई है, लेकिन जब चुनाव के नतीजे आए तो मामला कुछ और ही निकला. सुनील दत्त ने साल 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद मुंबई में हुए दंगो पर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया और संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

विनोद खन्ना
स्वर्गीय अभिनेता विनोद खन्ना का 60 से 70 के  दशक में अपना ही जलवा होता था. विनोद खन्ना पंजाब के गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर लड़ते थे. इस सीट से चार बार जीतने वाले खन्ना को सांसद के तौर पर चार कार्यकाल खत्म करने के बाद साल 2009 में हार का सामना करना पड़ा. विनोद खन्ना अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में दो-दो मंत्रालयों में राज्यमंत्री भी रहे.

शत्रुघ्न सिन्हा
बॉलीवुड फिल्मों के सुपरस्टार शत्रुघ्न लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के सांसद रहें लेकिन 17वीं लोकसभा में उन्होंने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया लेकिन उन्हें अपनी परंपरागत सीट पटना साहिब में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के हाथों हार का सामना करना पड़ा. साल 1992 में सिन्हा बीजेपी के टिकट पर राजेश खन्ना के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने को अपने करियर का सबसे बड़ा अफसोस बताते हैं.

राज बब्बर
हिन्दी और पंजाबी फिल्मों के सफल अभिनेता राज बब्बर भी अभिनेता के बाद नेता बने उन्होंने समाजवादी पार्टी के सहारे राजनीति में एंट्री की फिर कुछ सालों के बाद ही वो कांग्रेस में शामिल हो गए.  वे तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए और दो बार राज्यसभा सदस्य रहे. 

सनी देओल
बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पंजाब के गुरदासपुर संसद में एंट्री की गुरुदासपुर के सांसद सनी देओल ने 17वीं लोकसभा के सदस्य के तौर पर शपथ ले ली है. मंगलवार को प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार ने उन्हें शपथ दिलाई. सनी से पहले गुरुदासपुर से विनोद खन्ना सांसद हुआ करते थे.

एनटी रामाराव
दक्षिण भारत में तो फिल्मी पर्दे के स्टार ही राजनीति के भी स्टार बनते हैं आंध्र प्रदेश में अन्ना और एनटीआर नाम से विख्यात तेलुगू देशम पार्टी के संस्थापक एनटी रामाराव ने दक्षिण की राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल किया था. राजनीति में आने से पहले एनटी रामाराव फिल्मों में सक्रिय थे. फिल्मों में उन्होंने बतौर अभिनेता और निर्देशक काम किया. वह सात साल तक आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री रहे.

एमजी रामाचंद्रन
फिल्मों और राजनीति में रुचि रखने वाले बहुत कम लोग ही ऐसे होंगे जो इस नाम से परिचित ना हों.  एमजीआर के नाम से लोगों के बीच पहचान बनाने वाले रामाचंद्रन तमिल फिल्म जगत के बेहद लोकप्रिय चेहरा रहे हैं. एमजीआर 1977 से 1987 के बीच लगातार दस साल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे.

जे. जयललिता
एमजी रामा चंद्रन के बाद उनकी शिष्या रहीं दक्षिण भारत की सुपरस्टार जयललिता ने भी फिल्मों के बाद सियासी दुनिया में कदम रखा. राजनीति जगत में वो अम्मा नाम से मशहूर हैं राजनीति में आने से पहले जयललिता तमिल फिल्मों में सक्रिय थीं. वह चार बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं. वह लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय नेता थीं. लोग उन्हें देवी का दर्जा देते थे.