Good News : बढ़ते Omicron के बीच बड़ा दावा, कोविड-19 महामारी का खात्मा जल्द
भारत में अब तक 670 से ज्यादा मरीजों में कोरोना के ओमीक्रॉन वेरिएंट का संक्रमण पाया गया है. इस सबके बावजूद तेजी से फैलने वाले ओमीक्रॉन को लेकर डरने या घबराने की जगह सावधान रहकर मुकाबला की जरूरत है.
highlights
- ओमीक्रॉन को लेकर डरने या घबराने की जगह सावधान रहकर करें मुकाबला
- कोरोनावायरस से जंग में हमारे पास 8 वैक्सीन और कई दवाओं की खेप मौजूद
- ओमीक्रॉन के तेज फैलाव से कोरोना महामारी का अंत तय होने की संभावना
New Delhi:
कोरोनावायरस के नए और बेहद संक्रामक वेरिएंट ओमीक्रॉन दुनिया भर में फैल चुका है. एक दिन में रिकॉर्ड 14.49 लाख नए मरीज सामने आने के साथ ही इसे दुनिया में कोराना की चौथी लहर लाने वाला वेरिएंट बताया जाने लगा है. दुनिया भर में कोरोना के 8.3 लाख केस सिर्फ अमेरिका-ब्रिटेन में मिले. इनमें 85 फीसदी केस ओमीक्रॉन के सामने आ रहे हैं. अपने देश में भी कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. साथ ही ओमीक्रॉन संक्रमण का मामला भी लगातार सामने आ रहा है. भारत में अब तक कोरोना के 3.48 करोड़ केस सामने आ चुके हैं. 4 लाख 80 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. यहां 670 से ज्यादा लोगों में ओमीक्रॉन वेरिएंट का संक्रमण पाया गया है. इस सबके बावजूद तेजी से फैलने वाले ओमीक्रॉन को लेकर डरने या घबराने की जगह सावधान रहकर मुकाबला की जरूरत है.
केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन के प्रीकॉशन डोज की मंजूरी दे दी है. अगले चंद दिनों इसके लगाए जाने की शुरुआत भी हो जाएगी. इसके साथ ही 15 से 18 साल के किशोरों के लिए भी वैक्सीनेशन को हरी झंडी दे दी गई है. तीन जनवरी से इसके लिए भी रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो जाएगी. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय की एजेंसी ने देश में दो और कोरोना वैक्सीन और एक एंटी-वैक्टीरियल दवा को मंजूरी दे दी. इस तरह से ओमीक्रॉन समेत कोरोनावायरस से जंग में हमारे पास 8 वैक्सीन और कई दवाओं की खेप मौजूद है. इसके साथ ही राज्यों में जारी प्रतिबंध, कोरोना प्रोटोकॉल्स, जागरूक आम नागरिक और मुस्तैद कोरोना वारियर्स या फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा तेजी से सौ फीसदी आंकड़े की ओर बढ़ता वैक्सीनेशन वगैरह की वजह से हमें अधिक घबराने की जरूरत नहीं रह गई है. देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चरमरा रहे स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को भी वर्षभर में मजबूत किए जाने के दावे किए जा रहे हैं.
20 गुना ज्यादा तक हो सकते हैं असल मामले
इस सब के अतिरिक्त दुनिया के कई देशों में चल रही रिसर्च और मेडिकल एक्सपर्ट का दावा है कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन पहले की तरह गंभीर या खतरनाक नहीं है और भले ही यह संक्रामक हो लेकिन इसकी वजह से ही हम कोरोनावायरस से पूरी तरह उबर भी सकते हैं. प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के 119 देशों में लगभग तीन लाख केस के साथ ओमीक्रॉन फैल रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक ये सिर्फ सीक्वेंसिंग के बाद मिले केस हैं. फिलहाल महज 5 फीसदी केसों की ही सीक्वेंसिंग हो पा रही हैं. मतलब असल मामले इससे 20 गुना ज्यादा तक हो सकते हैं. वहीं 115 देशों में ओमीक्रॉन से ओमीक्रॉन की वजह से एक भी मौत की खबर सामने नहीं आई है. बाकी चार देशों में इक्के-दुक्के मौत का जिक्र ही हुआ है.
मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम
अमेरिका और ब्रिटेन में ओमीक्रॉन संक्रमण के बढ़ते मामले एक-दो दिन में ही दोगुने हो गए, मगर अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या लगातार घटती जा रही है. अमेरिका में 1.18 करोड़ एक्टिव मरीजों में सिर्फ 63 हजार अस्पताल में हैं. यानी ओमीक्रॉन संक्रमण में मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ रही है. कमोबेश इसी तरह का डेटा दूसरे कई देशों में साममे आ रहा है. ओमीक्रॉन वेरिएंट का पहला केस इस साल नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में और दूसरा हांगकांग में सामने आया था. इन दोनों देशों में अस्पताल में भर्ती होने वाले की तादाद ज्यादा नहीं बढ़ी. अस्पताल में भर्ती नहीं होने से पिछली बार की तरह ऑक्सीजन या वेंटिलेटर को लेकर अफरातफरी नहीं मची.
दक्षिण अफ्रीका में भारत को राहत देनेवाली स्टडी
इससे पहले भी दक्षिण अफ्रीका में एक स्टडी के मुताबिक, डेल्टा वन की तुलना में ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित लोगों में अस्पताल में भर्ती होने और गंभीर बीमारी का जोखिम कम होता है. एक और नई स्टडी में कहा गया है कि ओमीक्रॉन से संक्रमण होने के बाद डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी एंटीबॉडी असरदार हो रही हैं. दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन के म्यूटेशन को डिकोड करने और इसके खिलाफ इम्यूनिटी विकसित करने के तरीकों पर हुई रिसर्च के मुताबिक ओमीक्रॉन वेरिएंट कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ इम्यूनिटी को मजबूत करता है. भारत के लिए यह स्टडी राहत देनेवाली हो सकती है.
4.4 गुना बढ़ा डेल्टा वेरिएंट का न्यूट्रलाइजेशन
स्टडी में दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हुए 33 लोग (जिन्हे वैक्सीन लगी थी और जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी) शामिल किए गए थे. वैज्ञानिकों ने पाया कि 14 दिनों में ओमीक्रॉन का न्यूट्रलाइजेशन (शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने से वायरस का बेअसर होना) 14 गुना बढ़ गया है. साथ ही डेल्टा वेरिएंट के न्यूट्रलाइजेशन में भी 4.4 गुना बढ़ी है. अफ्रीका हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर एलेक्स सिगल (Alex Sigal) ने ट्वीट में लिखा कि दक्षिण अफ्रीका के अनुभवों के मुताबिक, ओमीक्रॉन कम रोगजनक (Pathogenic) था. 'इससे डेल्टा वेरिएंट को खत्म होने में मदद मिलेगी.'
We have submitted new results to medRxiv:
— Alex Sigal (@sigallab) December 27, 2021
Omicron infection enhances neutralizing immunity against the Delta variant
The preprint can be found here:https://t.co/rGaEB9GdmS
कोरोना महामारी का अंत होने की पूरी संभावना
ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक डॉ राम एस उपाध्याय का इस बारे में कहना है कि ओमीक्रॉन संक्रमण के तेज फैलाव से डरें नहीं. इससे कोरोना महामारी का अंत तय होने की पूरी संभावना है. उन्होंने बताया कि ओमीक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से अलग है. डेल्टा फेफड़ों में जाकर संक्रमण फैलाना शुरू करता है, जबकि ओमीक्रॉन श्वासनली में रुककर मल्टीप्लीकेशन करता है. इसलिए फेफड़े बच जाते हैं. दूसरी अहम बात यह है कि ओमीक्रॉन जब फेफड़ों में जाता है तो डेल्टा के मुकाबले 10 गुना धीमी गति से फैलता है. इसलिए मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती.
डॉ राम एस उपाध्याय ने बताया कि दरअसल, हमारी श्वासनली में ‘म्यूकोसल इम्यून सिस्टम’ होता है, जो इम्यूनिटी सिस्टम का केंद्र होता है. यहां एक एंटीबॉडी बनता है, जिसे ‘इम्यूनोग्लोबुलिन आईजीए’ कहते हैं. ओमीक्रॉन यहीं मल्टीप्लीकेशन करता है. इसलिए एंटीबॉडी फौरन सक्रिय हो जाते हैं. इस वजह से ही मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं.
ओमीक्रॉन संक्रमण के साथ ही बढ़ेगी नेचुरल इम्यूनिटी
ओमीक्रॉन संक्रमण के गंभीर रूप लेने से पहले ही एंटीबॉडी उसे खत्म करना शुरू कर देते हैं. वायरस को मौका ही नहीं मिलता कि वह गंभीर रूप से बीमार कर सके. हालांकि पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को दिक्कत हो सकती है. ओमिक्रॉन मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है. क्योंकि इसके संक्रमण के साथ ही लोगों को नेचुरल इम्यूनिटी भी हासिल हो जाएगी. संक्रमण से मिली इम्यूनिटी वैक्सीन की इम्यूनिटी के मुकाबले ज्यादा समय तक टिकती है. इसलिए वैज्ञानिक नजरिए से देखें तो इसका तेजी से होता प्रसार खतरा नहीं, बल्कि इसी से कोरोना महामारी का अंत होगा.
ये भी पढ़ें - सभी वेरिएंट पर असर करेगी कोरोना वैक्सीन, Omicron के बीच अच्छी खबर
अब महामारी की गंभीरता का खात्मा होने वाला है
कोविड-19 इंडिया ट्रैकर तैयार करने वाली टीम के के प्रमुख और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पॉल केटुमैन ने भारत को बारे में बताया कि अगले तीन से चार हफ्तों में ओमीक्रॉन दुनियाभर में डेल्टा वेरिएंट की जगह ले लेगा. हालिया ट्रेंड बता रहा है कि उसके बाद रोज होने वाली मौतों में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है. इसलिए भरोसा है कि अब महामारी की गंभीरता का खात्मा होने वाला है. ब्लूमबर्ग को भेजे एक जवाब में पॉल ने कहा कि भारत में भी कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं, लेकिन यह सिलसिला ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा. कोविड-19 इंडिया ट्रैकर में भारत के 6 राज्यों को लेकर फिक्र जाहिर की गई है. स्टडी में दिन और हफ्तों के आधार पर अनुमान लगाया गया है.
ये भी पढ़ें - Omicron सबसे बड़ा खतरा नहीं! कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से जंग में भी जीत रही भारत की हाईब्रिड इम्यूनिटी
कोरोना को खत्म करने के लिए प्राकृतिक व्यवस्था
इजरायल के टॉप मेडिकल एक्सपर्ट एमडी अफ्साइन इमरानी ने भी अपनी रिसर्च में बढ़ते ओमीक्रॉन मामलों को नेचुरल कोरोना वैक्सीन की तरह माना है. उनका कहना है कि उनका कहना है कि अस्पताल में भर्ती नहीं होना, ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं और गंभीरता कम होने से लोगों में मास हर्ड इम्यूनिटी डेवलप हो रही है. कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए यह प्रकृति की व्यवस्था है. उन्होंने भरोसा जताया है कि अगले करीब तीन महीने में डेल्टा वेरिएंट पूरी तरह खत्म हो सकता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Pushpa 2 Pre Box Office: रिलीज से पहले ही 'पुष्पा 2' बना रही है हिस्ट्री, किया 1000 करोड़ का बिजनेस
-
Babita Kapoor Birthday: करीना के बेटों ने अपनी नानी को दिया बर्थडे सरप्राइज, देखकर आप भी कहेंगे 'क्यूट'
-
Arti Singh Bridal Shower: शादी से पहले बोल्ड हुईं Bigg Boss फेम आरती सिंह, ब्राइडल शॉवर में ढाया कहर, देखें तस्वीरें
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह