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परीक्षा में पाना हो सबसे ज्यादा मार्क्स, गांठ बांध लें पीएम मोदी की ये 10 बातें

पीएम मोदी की परीक्षा पे चर्चा (Pariksha pe Charcha) के उन 10 प्रमुख बातों को जानते हैं जिनपर अमल करने से क्लास में सबसे ज्यादा मार्क्स लाए जा सकते हैं. साथ ही परीक्षा में टॉपर बनने के लिए आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है.

Updated on: 01 Apr 2022, 01:59 PM

highlights

  • आज 21वीं सदी के मुताबिक चलना होगा न कि 20वीं सदी के अनुसार
  • पीएम मोदी ने कहा कि बिना खेले कोई खुल और खिल नहीं सकता है
  • पीएम मोदी ने कहा कि तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है

New Delhi:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने देश के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ पांचवी बार शुक्रवार को परीक्षा पे चर्चा (Pariksha pe Charcha) कार्यक्रम के दौरान तमाम सवालों का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने परीक्षा में सबसे ज्यादा मार्क्स लाने यानी टॉपर बनने के लिए कई गुर सिखाए. नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में सुबह 11 बजे से स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने हंसने, खेलने और कंपीटिशन के साथ सीखते रहने की अपील की.

आइए, पीएम मोदी की परीक्षा पे चर्चा के उन 10 प्रमुख बातों को जानते हैं जिनपर अमल करने से क्लास में सबसे ज्यादा मार्क्स लाए जा सकते हैं. साथ ही परीक्षा में टॉपर बनने के लिए आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है.

1. खेल-कूद सबसे जरूरी

पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान साफ कहा कि बिना खेले कोई खुल और खिल नहीं सकता. खेल प्रतिस्पर्धी को समझने का मौका देता है. सदी के मुताबिक नहीं चले तो पिछड़ जाएंगे. आज 21वीं सदी के मुताबिक चलना होगा न कि 20वीं सदी के अनुसार आगे बढ़ने की कोशिश करना होगा.

2. ध्यान से पाएं ऊर्जा

पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों को सुझाव देते हुए कहा कि दिन भर में कुछ पल ऐसे निकालिए, जब आप ऑनलाइन भी नहीं होंगे, ऑफलाइन भी नहीं होंगे बल्कि इनरलाइन होंगे. यानी जितना अपने भीतर जाएंगे, उतनी ही अपनी ऊर्जा को अनुभव करेंगे. इस तरह ही पढ़ाई के साथ-साथ जीवन को सही तरीका से ढाला जा सकेगा. 

3. दबाव में न आएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों से बातचीत में कहा कि जीवन के अनुभव को महसूस करें. वो अपने ऊपर भरोसा रखें. परीक्षा तो महज जीवन यात्रा का एक पड़ाव मात्र है. आप लोग परीक्षा के दबाव में न आएं. आपने जो कुछ भी पढ़ा है, उस पर भरोसा रखें. उन्होंने अनुभव को ताकत बनाने की बात कही. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है. हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं. इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं. पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं. जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाली परीक्षा के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता है. 

4. स्वयं का विश्लेषण करें

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खुद को जानना बहुत जरूरी है. उसमें भी कौन सी बातें हैं जो आपको निराश करती हैं, उन्हें जानकर अलग कर लें. फिर आप ये जाने लें कि कौन सी बातें आपको सहज रूप से प्रेरित करती हैं. आप स्वयं के विषय पर जरूर विश्लेषण कीजिए. 

5. परीक्षा नहीं शिक्षा के लिए पढ़ें 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं नहीं मानता कि हमें परीक्षा के लिए पढ़ना चाहिए, गलती वहीं हो जाती है. मैं इस परीक्षा के लिए पढूंगा, फिर मैं उस परीक्षा के लिए पढूंगा. इसका मतलब हुआ कि आप पढ़ नहीं रहे हैं, आप उन जड़ी-बूटियों को खोज रहे हैं जो आपका काम आसान कर दें. उन्होंने कहा कि अगर आपने अपनी शिक्षा को पूर्ण रूप से आत्मसात किया है तो परीक्षा का रूप रूकावट नहीं बनता है. 

6. वर्तमान में रहें

प्रधानमंत्री ने कहा कि ध्यान बहुत सरल है. आप जिस पल में हैं, उस पल को जीने की कोशिश कीजिए. अगर आप उस पल को जी भरकर जीते हैं तो वो आपकी ताकत बन जाता है. ईश्वर की सबसे बड़ी सौगात वर्तमान है. जो वर्तमान को जान पाता है, जो उसे जी पाता है, उसके लिए भविष्य के लिए कोई प्रश्न नहीं होता है.

7. डिजिटल गैजेट्स का लाभ

पीएम मोदी ने कहा कि आज हम डिजिटल गैजेट के माध्यम से बड़ी आसानी से और व्यापक रूप से चीजों को प्राप्त कर सकते हैं. हमें इसे एक अवसर मानना चाहिए, न कि समस्या. हमें कोशिश करनी चाहिए कि ऑनलाइन पढ़ाई को एक रिवॉर्ड के रूप में अपने टाइमटेबल में रख सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऑनलाइन पाने के लिए है और ऑफलाइन बनने के लिए है.

8. मन के भटकाव से बचें

पीएम मोदी ने स्टूडेंट्स से कहा कि क्लास में भी कई बार आपका शरीर क्लास में होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी, लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी. क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा. मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है. जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं. इसका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है, मन समस्या है. मन के भटकाव से बचना जरूरी है.

9. अपने अनुभव को छोटा मत मानिए

पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि अपने इन अनुभवों को जिस प्रक्रिया से आप गुजरे हैं, उसको आप कतई छोटा मत मानिए. दूसरा आपके मन में जो पैनिक होता है, उसके लिए मेरा आपसे आग्रह है कि आप किसी घबराहट में मत रहिए. जितनी सहज दिनचर्या आपकी रहती है, उसी सहज दिनचर्या में आप अपने आने वाले परीक्षा के समय को भी बिताइए.

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10. माता-पिता-शिक्षक अपनी आकांक्षा न थोपें

पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान छात्रों के साथ ही शिक्षकों और माता पिता को भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि माता-पिता, शिक्षकों को अपने खुद के सपनों, अधूरी आकांक्षाओं को बच्चों पर नहीं थोपना चाहिए. उन आंकाक्षाओं के भार से बचकर बच्चे बिना किसी दबाव के आगे बढ़ पाएंगे. उनका स्वतंत्र व्यक्तित्व विकसित होगा.