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FlashBack 2019: मोदी सरकार के इन 7 फैसलों के लिए याद रखा जाएगा साल

पीएम मोदी का दूसरा कार्यकाल शुरुआती दौर में ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370, नए मोटर वाहन कानून, आतंक पर वार को यूएपीए एक्ट में संशोधन और नागरिकता कानून जैसे ऐतिहासिक-साहसिक फैसलों के नाम रहा.

Updated on: 29 Dec 2019, 03:32 PM

highlights

  • मोदी 2.0 सरकार कहीं अधिक मजबूती के साथ केंद्र में आई.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोबारा सत्ता संभालते ही एजेंडे को लागू करना शुरू किया.
  • मोदी 2.0 सरकार ने ऐसे कई फैसले लिए जो ऐतिहासिक रहे. 

नई दिल्ली:

राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार और पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के राजनीतिकरण के साये तले लड़े गए 2019 लोकसभा चुनाव में सारे दावों को धता बताते हुए मोदी 2.0 सरकार कहीं अधिक मजबूती के साथ केंद्र में आई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोबारा सत्ता संभालते ही उस एजेंडे को लागू करना शुरू किया, जो उनके घोषणापत्र में काफी पहले से हर चुनाव घोषणापत्र में स्थान पाते जा रहे थे. मोदी 2.0 सरकार ने ऐसे कई फैसले लिए जो ऐतिहासिक रहे. पीएम मोदी का दूसरा कार्यकाल शुरुआती दौर में ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370, नए मोटर वाहन कानून, आतंक पर वार को यूएपीए एक्ट में संशोधन और नागरिकता कानून जैसे ऐतिहासिक-साहसिक फैसलों के नाम रहा. हालांकि, कुछ फैसलों पर हिंसक विरोध के साथ ही आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें बनी हुई हैं. फिर भी यह साल भारत के इतिहास में दर्ज करने लायक कानूनों के लिए याद रखा जाएगा.

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बालाकोट एयर स्ट्राइक
आतंक के खिलाफ भारत की महज निंदा करने वाली 'सॉफ्ट पॉलिसी' को मोदी सरकार ने 'सर्जिकल स्ट्राइक' की तीखी धार दी. पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती आतंकी हमले के पखवाड़े के भीतर ही भारतीय वायुसेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में घुस कर आतंकियों के लांच पैड तबाह कर दिए. बाद में जारी वीडियो से पता चला कि 1971 के बाद पहली बार नियंत्रण रेखा पार करने वाली भारतीय वायुसेना के दर्जन भर मिराज लड़ाकू विमानों ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी लांच पैड पर 1000 किलो के बम गिराये. इस मसले पर मोदी सरकार से सबूत मांग कर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने मोदी 2.0 सरकार का रास्ता भी साफ कर दिया.

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तीन तलाक कानून
26 जुलाई 2019 को संसद ने 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019' पारित किया, 1 अगस्त से कानूनन जुर्म बन गई यह कुप्रथा. इसके तहत तीन बार 'तलाक' बोलकर, लिखकर या एसएमएम-ईमेल भेजकर शादी तोड़ने पर तीन साल तक की जेल का प्रावधान सामने आया. शायरा बानो व अन्य महिलाओं के मामले में सुनवाई के बाद अगस्त 2017 में सर्वोच्च अदालत ने केंद्र को इस पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया था. शाह बानो ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई थी, लेकिन राजीव गांधी सरकार ने 1986 में शाह बानो को गुजारे-भत्ते का आदेश ही पलट दिया. इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया कि शौहर को इद्दत की मुद्दत (तलाक के 90 दिन के भीतर) में वाजिब रकम देनी होगी.

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आतंक पर वार को यूएपीए एक्ट में संशोधन
24 जुलाई 2019 को लोकसभा और दो अगस्त को राज्यसभा में पारित हुआ यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (संशोधन) विधेयक-2019 ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को नई धार दी. हालांकि मोदी 2.0 सरकार में पारित हो सके इस नए कानून को केंद्र ने आतंक के खिलाफ जंग में बड़ा कदम बताया. इस नए यूएपीए कानून आतंकी गतिविधियों में लिप्त या उसे प्रोत्साहित करते मिले किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का अधिकार देता है. पहले सिर्फ संगठनों को आतंकी घोषित करना संभव था. अब एनआईए महानिदेशक उसकी संपत्ति जब्त कर सकता है. इसके तहत मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम के अलावा हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर और जकीउर रहमान लखवी को आतंकी घोषित किया गया.

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अनुच्छेद 370 हटाना
यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत बीजेपी का बड़ा पुराना मुद्दा था कि एक देश में एक संविधान और एक झंडा ही होना चाहिए. ऐसे में मोदी 2.0 सरकार के अस्तित्व में आते ही राष्‍ट्रपति के आदेश से जम्‍मू-कश्‍मीर राज्‍य का विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा लिया गया. इसके पहले जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से राज्य में इंचरनेट सेवा प्रतिबंधित कर दी गई थी. अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया. मोदी 2.0 सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने का ऐलान भी कर दिया. इसके अनुसार जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बन गया.

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मोटर व्हीकल संशोधन विधेयक
देश में बढ़ती मार्ग दुर्घटनाओं को देखते हुए मोटर व्हीकल कानून में आमूल-चूल बदलाव किए गए. 1 सितंबर 2019 से नया कानून प्रभावी हो गया. इसमें यातायात नियम तोड़ने पर जुर्माना राशि दस गुना तक बढ़ा दी गई. साथ ही सजा की अवधि में भी वृद्धि कर दी गई. पहली बार नाबालिग के वाहन चलाने पर उसके अभिभावकों को कानून के दायरे में लाने का प्रावधान सामने आया. बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर 500 रुपये के बजाय पांच हजार का जुर्माना लगाने का प्रावधान हुआ. तेज रफ्तार की सूरत में छोटे वाहनों पर एक से दो हजार, बड़े वाहनों पर चार हजार रुपये जुर्माना लगाना शुरू हुआ. शराब पीकर वाहन चलाने को संज्ञेय अपराध बनाया गया, जिसमें भारी जुर्माने समेत कठोर सजा की व्यवस्था की गई.

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बैंकों का विलय
30 अगस्त 2019 को मोदी 2.0 सरकार ने दस सरकारी बैंकों के विलय से चार बड़े बैंक बनाने का ऐलान किया. भारतीय बैंकिंग प्रणाली के लिए यह एक बड़ा कदम था. इसके बाद सरकारी बैंकों की संख्या घटकर दर्जन भर रह गई. हालांकि इस प्रक्रिया को पूरा होने में छह माह लग जाएंगे. 2017 में मोदी सरकार ने ही भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच अनुषांगी बैंकों और महिला बैंक का विलय किया था. इस कदम से यूनाइटेड बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब नेशनल बैंक का विलय हुआ. दूसरी तरफ, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का भी विलय किया गया. इसी तरह यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का भी विलय हुआ. इंडिय़न बैंक और इलाहाबाद बैंक भी एक हो गए.

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नागरिकता संशोधन कानून
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में बहुसंख्यकों मुसलमानों के हाथों धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर आए हिंदू, जैन, पारसी, सिख और ईसाई शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिकता का कानून हालांकि अफवाहों और भ्रम के चलते हिंसक विरोध झेल रहा है. फिर भी मोदी 2.0 सरकार ने इसे पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू कर दिया है. इसके साथ ही धार्मिक रूप से प्रताड़ित इन तीन पड़ोसी देशों से आए लोगों को अब इज्जत के साथ भारतीय नागरिकता की पहचान मिलनी शुरू हो गई है. यह अलग बात है कि कांग्रेस समेत विपक्ष इस मसले को संविधान विरोधी बता कर अपना विरोध दर्ज करा रहा है. विपक्ष के दबाव और हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर मोदी 2.0 सरकार ने फिलहाल अपने दो और महत्वाकांक्षी कानून समान नागरिक संहिता और एनसीआर को फिलहाल टाल दिया है.