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EXCLUSIVE : अब तक की सबसे बड़ी Good News, आ गई कोरोना वायरस की दवा, अब होगा इसका काम तमाम

पूरी दुनिया में कहर बरपाने वाला घातक और जानलेवा कोरोना वायरस अब और तेजी से पैर पसार रहा है. कोरोना वायरस के निपटने के लिए पूरी दुनिया के डाक्‍टर और रिसर्च करने वाले जुटे हुए हैं. लेकिन अभी तक आशातीत सफलता मिलती हुई नहीं दिख रही है.

Updated on: 25 Mar 2020, 01:57 PM

New Delhi:

पूरी दुनिया में कहर बरपाने वाला घातक और जानलेवा कोरोना वायरस अब और तेजी से पैर पसार रहा है. कोरोना वायरस के निपटने के लिए पूरी दुनिया के डाक्‍टर और रिसर्च करने वाले जुटे हुए हैं. लेकिन अभी तक आशातीत सफलता मिलती हुई नहीं दिख रही है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को इससे बचाने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन का भी ऐलान कर दिया है. आने वाले दिनों में इसके अच्‍छे परिणाम आते हमें दिख सकते हैं, ऐसी उम्‍मीद की जानी चाहिए. लेकिन यह वायरस आया कहां से और क्‍या इससे पहले भी इस तरह का कोई वायरस आया है, जिसने इंसानों की जान ले ली हो, यह भी आज आपके लिए जानना जरूरी है. साथ ही कुछ भ्रम और भ्रांतियां भी इस वायरस को लेकर हैं, जो अभी तक साफ नहीं हो पा रही हैं. हर कोई अपने अपने हिसाब से चीजों का बता रहा है. ऐसे में अगर कोई डॉक्‍टर या प्रोफेसर अपनी बात रखे और इन भ्रांतियों को ही दूर न करे, बल्‍कि इस वारयस के बारे में विस्‍तार से बताए तो इससे बेहतर और क्‍या हो सकता है. ऐसे में हमने बात की देश के प्रतिष्‍ठित एमिटी यूनिवर्सिटी के इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एंड एम्‍यूनोलॉजी में एडवाइजर प्रोफेसर डॉक्‍टर नारायण ऋषि से. जिन्‍होंने हमारे सवालों के जवाब दिए और इस वायरस के बारे में भी बताया. 

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प्रोफेसर डा. नारायण ऋषि ने बताया कि कोरोना वायरस से पहले भी इसी तरह के या यूं कहें कि इस परिवार के दो वायरस और हमारे बीच आ चुके हैं, जिनके नाम सार्स और मार्स थे. ये दो वायरस अब से करीब दस साल पहले आए थे और इन्‍होंने भी काफी नुकसान किया था, हालांकि इसमें मौत कितने लोगों की हुई थी, यह अभी साफ नहीं है, लेकिन जितनी जानें इस कोरोना वायरस ने ली हैं, उतना प्रकोप उस वायरस का नहीं था. प्रोफेसर नारायण ऋषि के अनुसार SARS-CoV (Severe Acute Respiratory Syndrome) और MERS-CoV (Middle East respiratory syndrome coronavirus) थे. इनके मिलते जुलते नाम से भी आप समझ ही गए होंगे कि यह एक ही परिवार के हैं. डाक्‍टर ऋषि बताते हैं कि अब तक कोरोना वायरस से बचने के लिए जो प्रयास किए गए हैं, या फिर दवा बनाई गई है, वह इन्‍हीं दो वायरस को ध्‍यान में रखकर बनाई गई है. यानी इन वायरस के आने पर जो दवा कारगर साबित हुई थी, वही दवा इस बार भी इस वायरस से बचने के लिए दी गई थी. हालांकि काफी हद तक इसमें सफलता मिली भी है. डाक्‍टर ऋषि बताते हैं कि अब तक कोरोना वायरस की कोई दवा है कि नहीं यह अभी पुख्‍ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन हाल ही में Avigan नाम की दवा बनी है, जो इसमें काफी फायदेमंद साबित हो सकती है.

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डाक्‍टर नारायण ऋषि से जब ये पूछा गया कि यह कहा जा रहा है कि जब तापमान बढ़ेगा या यानी सर्दी कम होगी तो क्‍या इस वायरस का असर कम हो जाएगा. इस पर डाक्‍टर नारायण ऋषि ने कहा कि यह बात सही है, लेकिन आने वाले वक्‍त में जब तापमान बढ़ेगा और इसका प्रकोप कुछ कम होता हुआ दिखाई देगा तब इस बात की पुष्‍टि हो जाएगी. डाक्‍टर ऋषि से जब वैक्‍सीन को लेकर सवाल किया गया तो उन्‍होंने कहा कि अभी वैक्‍सीन की बात करना सही नहीं है. अभी दवाई पर काम चल रहा है, जल्‍द ही दवाई मिलने की उम्‍मीद है और कोरोना से दुनिया को राहत मिल जाएगी.

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डाक्‍टर ऋषि ने बताया कि हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक जितने लोग कोरोना से प्रभावित यानी पॉजिटिव बताए जाते हैं और जितने लोगों की मौत हुई है, वह भारत जैसे देश की जनसंख्‍या को देखते हुए काफी कम है. इस मामले में देश की सरकार और राज्‍य सरकारों ने काफी काम किया है. इसी का परिणाम है कि यह वायरस जितना नुकसान पहुंचा सकता था, उतना नहीं पहुंचा सका है. अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो लॉकडाउन किया है, वह इससे बचने में काफी प्रभावी साबित होगा. लेकिन शर्त यही है कि आप खुद सतर्क रहें और सजग रहें. स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की ओर से जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, उनका पालन करें और घर से निकलने से किसी भी सूरत में बचें. यह एक चेन की तरह काम करता है, चेन बनने से रुक गई तो काफी राहत की बात होगी.