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डेंगू के बारे में हर वो जानकारी, जो आप जानना चाहेंगे

डेंगू एक मच्छर (Dengue Mosquito) जनित वायरल बीमारी (Dengue fever) है, जो डेंगू वायरस (Dengue Virus) के कारण होती है. डेंगू वायरस खास तौर से मादा मच्छरों - एडीज इजिप्टी के काटने से इंसानों में फैलता है. डेंगू के ये मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटते हैं.

Updated on: 08 Oct 2022, 08:43 PM

highlights

  • कैसे फैलता है डेंगू बुखार
  • क्या है डेंगू बुखार के लक्षण
  • डेंगू से बचने के क्या है उपाय

नई दिल्ली:

डेंगू एक मच्छर (Dengue Mosquito) जनित वायरल बीमारी (Dengue fever) है, जो डेंगू वायरस (Dengue Virus) के कारण होती है. डेंगू वायरस खास तौर से मादा मच्छरों - एडीज इजिप्टी के काटने से इंसानों में फैलता है. डेंगू के ये मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटते हैं और हर जगह (घर के अंदर और बाहर दोनों जगह) पाए जाते हैं. इन मच्छरों की सक्रियता सुबह और शाम के वक्त चरम पर होती है. संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 6 से 10 दिनों के बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं. 

डेंगू बुखार के लक्षण (Symptoms of Dengue fever)
डेंगू के मच्छरों के काटने के बाद पीड़ितों के शरीर में कई तरह बदलाव महसूस होने लगे हैं. अचानक से बुखार के साथ अगर ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत अपना चेकअप कराए, क्योंकि यह लक्षण इसके शुरू होने का संकेत हो सकते हैं. ये हैं वह लक्षण, जो डेंगू पीड़ितों में सामान्यतः पाए जाते हैं. 

भूख में कमी

  • दस्त और उल्टी
  • मसूड़ों और नाक से खून बहना
  • गंभीर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
  • थकान, मतली और उल्टी
  • रक्तचाप में अचानक गिरावट
  • त्वचा पर कई चकत्ते और घाव
  • आंखों के पीछे दर्द के साथ अत्यधिक सिर दर्द
  • 3-7 दिनों तक तेज बुखार के साथ रोगी कमजोर महसूस कर सकता है.

डेंगू के लक्षण दिखते ही कराएं जांच (Test for Dengue fever)
रक्त कोशिकाओं में डेंगू वायरस की उपस्थिति का निदान वायरस के अलगाव, सीरम के नमूनों का परीक्षण और अन्य आणविक विधियों द्वारा किया जा सकता है. इस सिंड्रोम वाले रोगी को लाल रक्त कोशिकाओं की कुल संख्या और रक्त प्लेटलेट्स की जांच करने के लिए कुछ रक्त परीक्षण करने की जरूरत पड़ती है. इसके साथ ही चिकित्सक द्वारा अन्य शारीरिक परीक्षण किए जाते हैं, ताकि यह बता लगाया जा सके कि ये लक्षण डेंगू संक्रमण के कारण हैं या नहीं.

डेंगू बुखार का इलाज (Treatments of Dengue fever)
आज तक, डेंगू संक्रमण के इलाज के लिए कोई निश्चित उपचार या विशिष्ट दवा नहीं है. सामान्य तौर पर डॉक्टर पैरासिटामोल का उपयोग करके दर्द और बुखार को नियंत्रित करने की सलाह दे सकते हैं. इसके साथ ही शरीर में हो रही कमजोरी को दूर करने के लिए ग्लूकोज चढ़ाया जाता है. गंभीर मामलों में मरीज को खून चढ़ाने की भी जरूरत पड़ जाती है. इस दौरान मरीज को चौबीसों घंटे डॉक्टरों की निगरानी में रखने की आवश्यकता होती, ताकि मरीज के शरीर में द्रव पूरकता बनी रहे. 

डेंगू बुखार से बचने के लिए उन बातों का रखें विशेष ध्यान (Prevention of Dengue virus)

  • अभी तक डेंगू वायरस से बचाव के लिए कोई टीका विकसित नहीं किया गया है. मच्छरों के काटने से बचना ही बचाव है. इस बीमारी से बचने के लिए सुनिश्चित करें कि आपके आस-पास किसी तरह का जल-जमाव न हो, क्योंकि एडीज मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में प्रजनन करते हैं, जो हमारे आवासों के आस-पास आसानी से मिल सकते हैं. 
  • डेंगू वायरस का प्रकोप वाले इलाके में लंबी पैंट और लंबी बाजू की शर्ट पहनकर अपनी त्वचा को ढकें.
  • मच्छरों को खुद से दूर रखने के लिए सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. 
  • डेंगू के मच्छरों के प्रवेश से बचने के लिए विशेष रूप से सुबह और शाम को सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें.
  • सारा कचरा हटाकर और खड़े पानी को साफ करके अपने आसपास को साफ रखें.

ऐसे फलते, फूलते और प्रजनन करते हैं डेंगू के मच्छर ( Dengue Mosquetos life cycle)
इस वक्त डेंगू वायरस केवल इंसानों और एडीज मच्छरों के बीच संचरण शामिल है. एडीज इजिप्टी मच्छर के चार जीवन चरण होते हैं. अंडा, लार्वा, प्यूपा और वयस्क मच्छर. अंडे से वयस्क तक के जीवन चक्र को पूरा करने के लिए लगभग 8 से 10 दिनों की आवश्यकता होती है. खास बात ये है कि एडीज मच्छर घर के अंदर और बाहर दोनों जगह जीवित रह सकते हैं और प्रजनन कर सकते हैं.

अंडे
मादा मच्छर पानी से भरे कंटेनरों की भीतरी गीली दीवारों पर अपने अंडे देते हैं. आमतौर पर मच्छर एक बार में सौ अंडे देते हैं.
अंडे अत्यधिक लचीले होते हैं. वे आठ महीने तक सूखने का सामना कर सकते हैं और गोंद की तरह कंटेनर की दीवारों से चिपके रह सकते हैं. एक मादा मच्छर बहुत कम पानी वाले स्थानों की ओर आकर्षित होती हैं. कप, कटोरे, फव्वारे, बैरल, टायर, फूलदान और अन्य कंटेनरों सहित पानी का भंडारण करने वाली कोई भी वस्तु एडीज मच्छरों के फैलने के लिए एक उत्कृष्ट "नर्सरी" बन जाती है. यानी इन जगहों पर ही एडीज अपने अंडे देती हैं. 

लार्वा
इसके बाद मच्छरों के अंडे लार्वा में तब्दील हो जाते हैं. अंडे लार्वा में तभी तब्दील होते हैं, जब पानी का स्तर अंडे को ढकने के लिए पर्याप्त रूप से बढ़ जाता है. मनुष्य या बारिश के कारण अंडे वाले कंटेनरों में पानी का स्तर बढ़ते ही लार्वा निकलने शुरू हो जाते हैं. लार्वा भोजन के रूप में जलीय जीवाणुओं का सेवन करते हैं. लार्वा तीन मौल्ट से गुजरने के बाद विकसित होकर प्यूपा में बदल जाते हैं. यह प्यूपा तब तक बढ़ता रहता है, जब तक कि नवगठित वयस्क उड़ने वाले मच्छर का शरीर प्यूपा की त्वचा से टूटकर पानी से बाहर नहीं निकल जाता. 

वयस्क
वयस्क मादा मच्छर अंडे उत्पन्न करने के लिए मानव और पशु रक्त से फीड करती है, जबकि नर मच्छर फूलों से अमृत पर भोजन करता है. मादा मच्छर भोजन के बाद अतिरिक्त अंडे देने के लिए जल स्रोतों की खोज करती हैं. एडीज एजिप्टी मच्छर मच्छर की अन्य प्रजातियों के मुकाबले मनुष्यों पर हमला करना पसंद करते हैं. यही से डेंगू बुखार की शुरुआत होती है.