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Delta variant का नया रूप AY.12,क्या इससे भारत को चिंतित होना चाहिए?

अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि AY.12 चिकित्सकीय रूप से डेल्टा से अलग है या नहीं.

Updated on: 28 Aug 2021, 05:11 PM

highlights

  • कोरोना का डेल्टा रूप ने कई अन्य रूपों को जन्म दिया है
  • भारत में AY.12 कोरोना का बढ़ रहा है खतरा
  • इज़राइल में कोरोना के रूपों में हो रहा है लगातार परिवर्तन  

नई दिल्ली:

कोरोना का डेल्टा रूप (B.1.617.2) ने कई अन्य रूपों को जन्म दिया है जिन्हें 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट कहा जाता है. डेल्टा के उप रूपों में से एक AY.12 में एक को छोड़कर सभी विशिष्ट डेल्टा उत्परिवर्तन हैं. दुनिया डर के साथ सभी नए कोविड -19 वेरिएंट और इसके उप-रूपों पर नज़र रखे है, कोरोना वायरस का प्रत्येक वेरिएंट एक नया 'संस्करण' है, क्योंकि इसका क्रम किसी अन्य वायरस के अनुक्रम से मेल नहीं खाता है. अब वैज्ञानिकों ने डेल्टा परिवार को चार से 13 रूपों में विस्तारित किया है. डेल्टा वेरिएंट AY.12 भारत में चिंता का सबब बना हुआ है. कोविड-19 का यह रूप इज़राइल में बड़ी संख्या में देखा गया.  

यह AY.12 उत्परिवर्तन क्या है?

मूल रूप से वायरल का प्रसार किसी अन्य प्रकार की ही तरह काम करता है. जैसे-जैसे वायरस शरीर में फैलता है, यह खुद की कॉपी बनाता है, जिसमें अक्सर छोटी-छोटी गलतियां और बदलाव होते हैं.
 
इज़राइल में कोरोना के रूपों का परिवर्तन चिंता का विषय है क्योंकि यह एक ऐसा देश है जहां लगभग 60 प्रतिशत वयस्कों का पूरी तरह से टीकाकरण किया गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार उस देश में फाइजर वैक्सीन की प्रभावशीलता नैदानिक ​​​​परीक्षणों की तुलना में काफी कम है. INSACOG ने अपनी रिपोर्ट में कहा "पुनर्वर्गीकरण मुख्य रूप से सूक्ष्म-महामारी विज्ञान की सहायता के लिए है और महत्वपूर्ण उत्परिवर्तन पर आधारित नहीं है. इस तरह अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि AY.12 चिकित्सकीय रूप से डेल्टा से अलग है या नहीं." "स्पाइक प्रोटीन (एस) में कोई नया परिवर्तन नहीं देखा गया है जो चिंता को बढ़ाए. हालांकि, इजराइल में इसके तेजी से बढ़ने का मतलब है कि इसकी और जांच की जानी चाहिए."

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इज़राइल में AY.12 सबसे प्रमुख स्ट्रेन है- अध्ययन किए गए 51 प्रतिशत नमूनों ने इस प्रकार की व्यापकता को दिखाया है. भारतीय अनुसंधान समूहों द्वारा जीआईएसएआईडी पर अब तक अपलोड किए गए अनुक्रमों की संख्या को देखा जाये तो पिछले सप्ताह में इस  संस्करण की व्यापकता बढ़कर 20 प्रतिशत से अधिक हो गई है.

केंद्र सरकार ने राज्यों को सावधानी बरतने और इस AY.12 के मामलों को बारीकी से जांच की आवश्यकता बतायी है. डेल्टा और AY.12 के बीच परिवर्तनों का कार्यात्मक प्रभाव ज्ञात नहीं है, लेकिन दोनों आणविक स्तर पर बहुत समान प्रतीत होते हैं. भारत में AY.12 वंश का पहला मामला 7 सितंबर, 2020 को दर्ज किया गया था.