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Delhi CM: शीला दीक्षित और केजरीवाल ही लगा सके सीएम पद पर हैट्रिक, जाने सीएम का इतिहास

वह दिल्ली के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने राज निवास के बजाय रामलीला मैदान से ही हर बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ आधा दर्जन मंत्रियों (Delhi Ministers) ने भी शपथ ली.

Updated on: 16 Feb 2020, 12:31 PM

highlights

  • अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में तीसरी बार दिल्ली के सीएम पद की शपथ ली.
  • दिल्ली के अकेले मुख्यमंत्री, जिन्होंने राज निवास के बजाय रामलीला मैदान से हर बार शपथ ली.
  • आप पार्टी ने रामलीला मैदान में 'धन्यवाद दिल्ली' के पोस्टर भी लगाए.

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (AAP) के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान (Ramleela Maidan) में रविवार को तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री (CM) पद की शपथ ली. वह दिल्ली के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने राज निवास के बजाय रामलीला मैदान से ही हर बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ आधा दर्जन मंत्रियों (Delhi Ministers) ने भी शपथ ली. केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र पाल गौतम मंत्री पद की शपथ लेंगे. अपनी ऐतिहासिक जीत को दिल्ली वासियों को समर्पित करते हुए आप पार्टी ने रामलीला मैदान में 'धन्यवाद दिल्ली' के पोस्टर भी लगाए हैं. आइए देखते हैं कि अब तक दिल्ली के सीएम पद को कौन-कौन सुशोभित कर चुके हैं.

पहले मुख्यमंत्रीः चौधरी ब्रह्म प्रकाश
17 मार्च 1952 से 12 फरवरी 1955 (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
चौधरी ब्रह्म प्रकाश दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री थे.
दिल्ली में पहली बार साल 1952 में चुनाव हुए.
चुनावों के बाद देशबंधु गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा हुई थी, लेकिन प्लेन क्रैश में उनकी आकस्मिक मृत्यु के बाद चौधरी ब्रह्म प्रकाश को मुख्यमंत्री बनाया गया था.

दूसरे मुख्यमंत्रीः सरदार गुरूमुख निहाल सिंह
12 फरवरी 1955 से 01 नवंबर 1956 (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
राजस्थान के प्रथम राज्यपाल सरदार गुरूमुख निहाल सिंह ने रियासतों के पुनर्गठन के बाद 1 नवंबर 1956 को पदभार संभाला तथा 15 अप्रैल 1962 तक इस पद पर आसीन रहे.
साल 1952 के प्रथम आम चुनाव में सरदार गुरुमुख निहाल सिंह दिल्ली विधान सभा के सदस्य और 07 मई, 1952 को विधानसभा अध्यक्ष चुने गए.
साल 1955 में उनको कांग्रेस विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया.
12 फरवरी 1955 से 01 नवंबर 1956 को दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक वह मुख्यमंत्री पद पर रहे.
साल 1956 से 1993 तक दिल्ली में राष्ट्रपति शासन रहा.

तीसरे मुखयमंत्रीः मदन लाल खुराना
2 दिसंबर 1993 से 26 फरवरी 1996 (भारतीय जनता पार्टी)
मदन लाल खुराना साल 1993 से 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे.
इसके बाद वे राजस्थान के राज्यपाल भी रहे.
खुराना शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे.
मदनलाल खुराना उन चुनिंदा नेताओं में शामिल थे जो भाजपा के गठन से पहले से ही संघ परिवार से जुड़े हुए थे.
वे साल 1965 से 1967 तक जनसंघ के महासचिव रहे और दिल्ली में जनसंघ के चर्चित चेहरों में रहे.
1990 के दशक में मदनलाल खुराना भाजपा की दिल्ली इकाई का चेहरा थे.
कार्यकर्ताओं के बीच उन्हें 'दिल्ली का शेर' भी कहा जाता था.

चौथे मुख्यमंत्रीः साहिब सिंह वर्मा
26 फरवरी 1996 से 12 अक्टूबर 1998 (भारतीय जनता पार्टी)
साहिब सिंह वर्मा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और तेरहवीं लोकसभा के सांसद थे.
साल 2002 में उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी सरकार में श्रम मंत्री नियुक्त किया था.
इससे पूर्व साहब सिंह साल 1996 से 1998 तक दिल्ली प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे.

पांचवे मुख्यमंत्रीः सुषमा स्वराज
12 अक्तूबर 1988 से 03 दिसंबर 1998 (भारतीय जनता पार्टी)
सुषमा दिल्ली की दूसरी सबसे कम दिनों की मुख्यमंत्री रहीं. उनका कार्यकाल 52 दिनों का था.
सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी.

छठे मुख्यमंत्रीः शीला दीक्षित
03 दिसंबर 1988 से 28 दिसंबर 2013
वह अब तक सबसे लंबे समय तक दिल्ली पर राज करने वाली मुख्यमंत्री भी रहीं.
शीला दीक्षित ने 03 दिसंबर 1988 से 28 दिसंबर 2013 तक दिल्ली का मुख्यमंत्री पद संभाला.
वें तीन बार मुख्यमंत्री रहीं (छठे, सातवें और आठवें)
3 दिसंबर 1998 से 1 दिसंबर 2003 तक.
1 दिसंबर 2003 से 29 नवंबर 2008 तक.
29 नवंबर 2008 से 28 दिसंबर 2013 तक.
वे 3 दिसंबर 1998 से 28 दिसंबर 2013 तक कुल 15 साल 25 दिन तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं.

नौवें मुख्यमंत्रीः अरविंद केजरीवाल
28 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014 (आम आदमी पार्टी)
साल 2013 में आम आदमी पार्टी ने अपना पहला चुनाव लड़ा.
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में 28 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी.
केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने.
महज 49 दिनों में ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
वह दिल्ली के अब तक सबसे छोटे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
14 फरवरी 2014 से 14 फरवरी 2015 तक राष्ट्रपति शासन रहा.

दसवें मुख्यमंत्रीः अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी)
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में फरवरी 2015 के चुनाव हुए.
उनकी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटों पर जीत दर्ज की.
14 फरवरी 2015 को अरविंद केजरीवाल दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री बने.