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मई में चरम पर होगा कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन अच्छे से लागू करने वाले राज्यों को ही फायदा

एक अंदाजा है कि कोरोना संक्रमण मई के मध्य तक भारत को तेजी से अपनी चपेट में लेगा. फिर मई के तीसरे हफ्ते में मामले अपने चरम पर पहुंच सकते हैं.

Updated on: 18 Apr 2020, 10:05 AM

highlights

  • कोरोना संक्रमण मई के मध्य तक भारत को तेजी से चपेट में लेगा.
  • इसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने लगेगी.
  • फायदा उन राज्यों को, जिन्होंने सबसे पहले लॉकडाउन शुरू किया.

नई दिल्ली:

दुनिया के तमाम अन्य देशों की तर्ज पर भारत में भी कोरोना वायरस (Corona virus) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि दुनिया भर को अपनी चपेट में लेने वाली कोरोना महामारी भारत में मई (May) के बाद कमजोर पड़ सकती है. एक अंदाजा है कि कोरोना संक्रमण मई के मध्य तक भारत को तेजी से अपनी चपेट में लेगा. फिर मई के तीसरे हफ्ते में मामले अपने चरम पर पहुंच सकते हैं. हालांकि इस कड़ी में राहत की बात यह है कि उसके बाद अगर लॉकडाउन और बचाव के दूसरे तरीकों का सही तरीके से पालन किया गया, तो कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के मामलों में कमी आनी शुरू हो जाएगी.

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पहले लॉकडाउन करने वाले राज्यों को फायदा
कोरोना वायरस संक्रमण पर गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो सरकार का आंतरिक आकलन है कि भारत में कोरोना के मामले मई के पहले हफ्ते में अपने चरम पर होंगे. इसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने लगेगी. इसका सबसे ज्यादा फायदा उन राज्यों को मिलेगा, जिन्होंने सबसे पहले लॉकडाउन शुरू किया था. ऐसे राज्यों में कोरोना संक्रमितों की संख्या व अन्य मुश्किलें कम होंगी. राजस्थान, पंजाब और बिहार सरकार ने कोरोना के मामलों को देखते हुए पहले ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी. उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की तुलना में इन राज्यों में कोरोना के कम मामले सामने आए हैं.

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परीक्षणों से भी बढ़ेगी संख्या
इस आकलन की एक अहम वजह भी है. सरकार मान कर चल रही है कि अगले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ेंगे. वजह यह है कि देश भर में संक्रमितों की संख्या के आधार पर हॉटस्पॉट बनाकर उन इलाकों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. इन इलाकों के ज्यादा से ज्यादा लोगों के टेस्ट हो रहे हैं और किए जाएंगे, तो संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी. इसके अलावा लक्षण के आधार पर आइसोलेट किए गए लोगों की संख्या भी बढ़ रही है. इस लिहाज से देखें तो अप्रैल का अगला एक हफ्ता बेहद अहम है. फिलहाल पूरा जोर संदिग्धों की जांच पर है. जिन लोगों में बीमारी के लक्षण नजर आ रहे हैं, टेस्ट के लिए उनका सैंपल लिया जा रहा है.

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लॉकडाउन से कमी देखने को मिली
इसमें कोई शक नहीं है कि लॉकडाउन से कोरोना के मामले में कमी देखने को मिली है. केंद्र सरकार के अधिकारियों ने तीन राज्यों का उदाहरण दिया है. राजस्थान सबसे पहला राज्य था जिसने पूरी तरह लॉकडाउन करने के आदेश दिए थे. वहां 1076 मामले सामने आए, जिनमें से 221 मरीज ठीक हो गए. गृह मंत्रालय द्वारा गुरुवार तक के जमा किए गए आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में 7,448 लोग आइसोलेशन में हैं. पंजाब में 188 मरीज सामने आए हैं, जिनमें से 27 बिल्कुल स्वस्थ हो चुके हैं. वहां 13 लोगों की मौत हुई है. पंजाब में अभी 11 हजार लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है.

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बिहार- महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की स्थिति
बिहार में कोरोना के 72 मामले सामने आए हैं और 29 मरीज ठीक हुए हैं. कोरोना संक्रमित एक शख्स की मौत हुई है. राज्य में करीब 12 हजार लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है. महाराष्ट्र की बात करें तो वहां देश में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए हैं. वहां 3000 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं और 75 हजार लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है. महाराष्ट्र में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें भी हुई हैं. अभी तक वहां 187 लोगों की जान जा चुकी है. उत्तर प्रदेश में अभी तक 727 मामले सामने आए हैं. 51 मरीज ठीक हुए हैं और 11 लोगों की मौत हुई है. वहां 37,223 लोगों को आइसोलेट किया गया है.

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आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश चिंता की वजह
गुजरात में 766 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. 118 लोग ठीक हो चुके हैं. 33 लोगों की मौत हुई है और 15,147 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है. दिल्ली में बीते मंगलवार से लेकर बुधवार तक कोरोना के कुल 424 मामले सामने आए. वहां करीब 14 हजार लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. आंकड़ों से लिहाज से आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश भी चिंता की वजह बने हुए हैं. आंध्र में 525 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. वहां 58,534 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. इतनी संख्या में लोगों को आइसोलेट करने वाला आंध्र दूसरा राज्य है. मध्य प्रदेश में कोरोना के अभी तक 938 मामले सामने आ चुके हैं. वहां 53 मरीजों की मौत हुई है. MP में करीब 9000 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है.