Corona Relief: देश में कोरोना से मौत की दर 3.3 फीसदी, ठीक होने की दर भी अच्छी

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना से मौत मामले में भारत ने दक्षिण कोरिया (South Korea), चीन, रूस और अमेरिका सबको पीछे छोड़ दिया है.

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना से मौत मामले में भारत ने दक्षिण कोरिया (South Korea), चीन, रूस और अमेरिका सबको पीछे छोड़ दिया है.

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Nihar Saxena
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कोरोना से संक्रमित सौ लोगों में से 4 से भी कम लोगों की मौत.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

अगर सिर्फ बीते 24 घंटों की बात करें, तो देश भर में 2600 कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के नए मामले आए हैं. इस लिहाज से देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 40 हजार की दहलीज पर जा पहुंचा है, तो मृतकों की संख्या 1301 हो गई है. संक्रमण के नए मामलों में हर रोज इजाफा हो रहा है. हालांकि कोरोना कहर के बीच एक राहत भरी खबर यह है कि भारत में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा अन्य देशों की तुलना में कम है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस मामले में भारत ने दक्षिण कोरिया (South Korea), चीन, रूस और अमेरिका सबको पीछे छोड़ दिया है.

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भारत में मौत की दर सबसे कम
भारत में कोरोना से मौत की दर सिर्फ 3.3 फीसदी है. यानी कोरोना से संक्रमित सौ लोगों में से 4 से भी कम लोगों की मौत हो रही है. अगर इस आकंड़े को जनसंख्या के आधार पर देखा जाए तो हर एक लाख लोगों में सिर्फ 0.09 लोगों की की मौत हो रही है. कोरोना संक्रमण को रोकने में हर जगह दक्षिण कोरिया की तारीफ हो रही है, लेकिन भारत ने मौत की दर में उसे भी पीछे छोड़ दिया है. कोरिया में 10,780 संक्रमित मरीजों में से अब तक 250 लोगों की मौत हो चुकी है. यानी यहां मौत की दर 2.3 फीसदी है. जबकि हर एक लाख लोगों में 0.48 फीसदी की मौत हो रही है. भारत के बाद चीन में सबसे कम मौत की दर है. यहां 83959 मामलों में से 5.5 फीसदी लोगों की मौत हो रही है. जबकि जनसंख्या के हिसाब से ये आंकड़ा 0.33 फीसदी पर बैठता है.

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9 राज्यों में एक हजार से ज्यादा केस
वर्तमान में, भारत में 1,000 से अधिक केस वाले नौ राज्य हैं. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के सबसे अधिक 11,506 केस हैं. इसके बाद गुजरात (4,721), दिल्ली (3,738), मध्य प्रदेश (2,719), राजस्थान (2,666), तमिलनाडु (2,526), ​​उत्तर प्रदेश (2,455), आंध्र प्रदेश (1,525) और तेलंगाना (1,057) हैं. जिन राज्यों में 1,000 से अधिक केस हैं, उनमें दिल्ली और तमिलनाडु को छोड़कर बाकी राज्यों में जिस रफ्तार से केस बढ़ रहे हैं, उसकी तुलना में रिकवरी रेट तेज है.

तमिलनाडु में ठीक होने की दर सबसे अच्छी
1,000 से अधिक केस वाले नौ राज्यों में तमिलनाडु में सबसे अच्छा रिकवरी रेट है. 2 मई तक, राज्य के कुल 2,526 मरीजों में से लगभग 52 प्रतिशत या तो रिकवर हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है. तमिलनाडु के बाद तेलंगाना और राजस्थान का नम्बर है जहां 42 प्रतिशत मरीज ठीक हुए हैं. दिल्ली में लगभग 31 प्रतिशत लोग रिकवर हुए हैं. वहीं उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश, दोनों राज्यों में रिकवरी रेट 28 प्रतिशत रहा है. महाराष्ट्र में, जहां कोरोना वायरस के सबसे अधिक केस 11,506 हैं, डेटा दिखाता है कि वहां 1,879 यानि 16 प्रतिशत लोग रिकवर हुए हैं. गुजरात, जिसने हाल ही में कोविड-19 केस की संख्या में तेज वृद्धि देखी वहां, रिकवरी रेट सबसे कम 15.56 प्रतिशत है.

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ठीक होने और मामलों के दोगुना होने में भी अच्छा संकेत
रिकवरी और केसों के दोगुना होने में लगे वक्त के आंकड़ों को देखें तो दिल्ली और तमिलनाडु को छोड़कर बाकी सभी राज्यों ने, जहां 1,000 से अधिक केस हैं, इस अंतर को बढ़ाया है. दिल्ली में, पिछले एक हफ्ते में, केस हर 11.7 दिन की रफ्तार से दोगुने हो रहे थे, जो लगभग राष्ट्रीय औसत 12. के बराबर है. हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में रिकवरी हर 14 दिन में दोगुनी हो रही हैं. ये देशभर के औसत 7.9 दिन से लगभग दोगुना है. यह इस तथ्य से साफ होता है कि दिल्ली ने पिछले एक हफ्ते में 298 मरीजों को छुट्टी दी, लेकिन साथ ही 1,113 नए केस जोड़े.

जल्द काबू में होगा कोरोना वायरस
हालांकि, तमिलनाडु में भी ऐसी ही कहानी है, जहां कोरोना वायरस केसों को दोगुना होने में 13.7 दिन लगते हैं. वहां रिकवरी 13.3 दिन में दोगुनी हो रही हैं. बाकी राज्यों में, केसों की तुलना में रिकवरी दोगुनी होने में कम समय लगता है. तेलंगाना वह राज्य है जहां रिकवरी की रफ्तार और नए केसों में अंतर सबसे अधिक है. पिछले एक हफ्ते में तेलंगाना ने 66 केसों को जोड़ा और 161 को रिकवरी दी. इस प्रकार, राज्य में हर 9 दिन में रिकवरी दोगुनी हो गई, जबकि केस दोगुने होने में औसतन 64 दिन लग गए. अगर राज्य रिकवरी रेट को नए केसों से अधिक रखने में सफल रहते हैं तो यह केवल कुछ समय की बात है कि भारत में घातक कोरोना वायरस काबू में आ जाएगा.

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यूरोप में मचा हुआ हाहाकार
यूरोपीय देशों में हालात बेहद खराब हैं. मौत की दर के मामले में बेल्जियम सबसे आगे हैं. यहां कोरोना के अब तक 49 हजार केस सामने आए है. इसमें से अब तक 15.7 फीसदी मरीजों की मौत हो चुकी है. यहां हर एक लाख जनसंख्या पर 67.44 लोग मर रहे हैं. इसके बाद स्पेन (11.5%) और इटली (13.6%) की बारी आती है. उधर अमेरिका में अब तक 65 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 11 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हैं. यहां मौत की दर 5.9 फीसदी है. जबकि हर एक लाख लोगों में से 19.85 लोगों की मौत हो रही है.

HIGHLIGHTS

  • भारत में कोविड-19 संक्रमण से मौतों का आंकड़ा अन्य देशों की तुलना में कम.
  • भारत में कोरोना से संक्रमित सौ लोगों में से 4 से भी कम लोगों की मौत.
  • कुछ समय की बात है कि भारत में घातक कोरोना वायरस काबू में आ जाएगा.
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