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दिग्विजय सिंह के वो विवादित बयान जो कांग्रेस की बन गईं फांस, जानें कब-कब क्‍या बोले

दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मुसलमानों से ज्यादा गैर-मुसलमान आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे हैं.

Updated on: 01 Sep 2019, 04:05 PM

नई दिल्‍ली:

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh)  अपने बयानों से ज्‍यादा चर्चा में रहते हैं. पुलवामा हमला को लेकर केंद्र सरकार पर उंगली उठाने की बात हो या सर्जिकल स्‍ट्राइक का सबूत मांगने की कहानी या फिर हिंदू आतंकवाद की बात हो, दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) हमेशा सुर्खियां बटोरते रहे. यह अलग बात है उन्‍हें तारीफ कम बल्‍कि आलोचना अधिक मिली. अब उनका नया बयान हिंदू संगठनों के बारे में है. दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा है कि मुसलमानों से ज्यादा गैर-मुसलमान आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे हैं. इसके साथ दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने बीजेपी और बजरंग दल पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से पैसा लेने का भी आरोप लगाया है. यह पहला मौका नहीं है दिग्‍गी राजा ने ऐसे बयान दिए हों. एक बार उन्होंने कहा था- संघ की विचारधारा से प्रभावित लोगों द्वारा ही मालेगांव विस्फोट, मक्का मस्जिद विस्फोट, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया था. आइए जानें दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) के वो चर्चित बयान...

जुलाई 2019- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस लोगों को भीड़ हिंसा के लिए उकसा रहे हैं. दिग्विजय ने कहा, 'देश में भीड़ हिंसा के दो कारण हैं. पहला यह है कि लोगों को समय पर न्याय नहीं मिला, इसलिए लोगों के अंदर गुस्सा है. दूसरी वजह भाजपा और आरएसएस है. इनके कार्यकर्ता लोगों भीड़ हिंसा के लिए उकसा रहे हैं. आप देख सकते हैं, आकाश विजयवर्गीय ने कहा था कि हम लोग पहले आवेदन, निवेदन और फिर दे दना-दन करते हैं. भीड़ हिंसा इसी मानसिकता का परिणाम है'

27 अप्रैल 2019- एक जनसभा में दिग्विजय ने कहा- आजकल गूगल पर फेकू टाइप करो तो किसका फोटो आता है? भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि विश्व में इनकी शोहरत इस बात से है कि इनसे झूठा प्रधानमंत्री किसी देश का नहीं है. इतना झूठ बोलते हैं ये.

23 अप्रैल 2019-मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे पर बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के विवादित बयान पर कांग्रेस प्रत्याशी दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा कि जो संघ की मर्जी के खिलाफ बोले वो देशद्रोही है. भारत के शहीद भी अगर संघ को पसंद नहीं तो वो 'शैतान' हैं.

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20 अप्रैल 2019-हिन्दुत्व एवं हिन्दू आतंकवाद के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में दिग्विजय ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप लोग हिन्दुत्व शब्द का उपयोग क्यों करते हैं? हिन्दुत्व शब्द मेरी डिक्शनरी में है ही नहीं.’’

29 मार्च 2019- दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा- ‘मैंने सिर्फ संघी आतंकवाद कहा है, जो आज भी कहता हूं, कोई मुझे क्लिप दिखा दे क्योंकि हिंदू आतंकवाद कभी नहीं कहा. जो लोग पकड़े गए और अब छूट रहे हैं क्योंकि प्रॉसिक्यूशन और डिफेंस एक साथ हैं.’

दिग्विजय ने कहा- ‘मैं कभी पाकिस्तान नहीं गया, नरेंद्र मोदी गए हैं पाकिस्तान. नरेंद्र मोदी वहां के पीएम से गले मिले, शादी में गए, पाकिस्तान की जांच एजेंसी आईएसआई को जांच के लिए पठानकोट बुलाया. एक ओर तो पाकिस्तान का विरोध करवाते हैं,दूसरी ओर उसी को चिठ्ठी लिखवाते हैं. चुनाव जीतने के लिए नरेंद्र मोदी कुछ भी कर सकते हैं, नरेंद्र मोदी अपने गिरेबान में देखें, आतंकवाद से समझौता किसने किया। बीजेपी सरकार ने आतंकी मसूद अजहर को छोड़ा। कांग्रेस ने तो हमेशा शहादत दी है।’

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15 फरवरी 2019- पुलवामा आतंकी हमले पर दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने ट्वीट कर आतंकी हमले को लेकर कई सवाल खड़े किए. दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने आतंकी हमले के पीछे इंटेलिजेंस फेल्योर को बताया. दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने पीएम मोदी से सवाल किया कि केंद्र सरकार क्या इंटेलिजेंस फेल्योर की जांच कराएगी? दिग्विजय ने सवाल किया कि क्या इंटेलिजेंस फेल्योर के लिए क्या एनएसए अजीत डोभाल जिम्मेदार नहीं हैं? दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने ट्वीट कर लिखा कि मैं इस कायराना हमले की निंदा करता हूं और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. क्या मोदीजी आपको याद है किस सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख आतंकवादी मसूद अजहर को छोड़ा था? आतंकवादियों से समझौता करना किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं है.

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18 जून 2018- दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) का बयान, 'जितने भी हिंदू धर्म वाले आतंकवादी पकड़े गए हैं सब संघ के कार्यकर्ता रहे हैं. महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे भी आरएसएस में रहा था.' दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने आरएसएस को निशाने पर लेते हुए आगे कहा- 'आरएसएस रजिस्टर्ड संस्था है क्या? मैं आपसे पूछ रहा हूं.. उसकी मेंबरशिप के लिए किसको बोलें? यह विचारधारा नफरत को बढ़ावा देती है और नफरत से हिंसा को बढ़ावा मिलता है जो बाद में आतंकवाद का रूप लेता है.'

उससे पहले उन्होंने 'हिंदू आतंकवाद' के अपने बयान को लेकर सफाई देते हुए कहा था-, मैंने 'हिंदू आतंकवाद' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था बल्कि 'संघी आंतकवाद' शब्द का इस्तेमाल किया था. दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) इससे पहले भी संघ पर हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा चुके हैं. 

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अप्रैल, 2017ः उन्होंने सेना पर कश्मीरियों को मारने का आरोप लगाया. सिंह ने uकहा कि कश्मीरियों को घाटी में तैनात सेना भी मारती है और आंतकी भी मारते हैं. कश्मीरियों को आतंकी और सेना दोनों मारते हैं. कश्मीर में युवाओं द्वारा सीआरपीएफ जवानों के साथ बदसूलकी और कश्मीरी युवक को कथित तौर पर जीप के आगे बांधकर घूमने का वीडियो सामने आया. जिसके बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय ने यह बयान दिया.

जवानों के साथ हुई की घटना पर सीआरपीएफ इंस्पेक्टर जनरल रविदीप सिंह साही ने कहा कि प्रथम दृष्टया वीडियो विश्वसनीय प्रतीत हो रहा है और सेना इस मामले कानूनी रूप से कड़ी कार्रवाई करेगी. कांग्रेसी नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह 2018-19 में पाकिस्तान से युद्ध करवा सकते हैं.

दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने ट्विटर पर लिखा- मैं मानता हूं कि अगर आप कश्मीर चाहते हैं तो पहले आपको कश्मीरियों को जीतना होगा. पीडीपी और भाजपा के बीच बुनियादी मुद्दों पर विरोधाभास कश्मीरी लोगों के बीच आत्मविश्वास का आह्वान नहीं करता है.

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18 जून 2013- दिग्‍विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी के लोगों को झूठ बोलने का प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्होंने कहा, '2003 में बीजेपी ने सत्ता पाने के लिये मेरे बारे में झूठ फैलाया और मध्‍य प्रदेश के कर्मचारी मुझसे नाराज हो गए और यही पार्टी की हार का एक मुख्य कारण बन गया.'कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि प्रदेश की बीजेपी सरकार कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और उसकी कथनी और करनी में फर्क है.