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बगराम एयर बेस को अपने नियंत्रण में लेने की संभावनाओं पर चीन कर रहा विचार

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने भी हाल में कहा था कि 'चीन बगराम वायु सेना केंद्र पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है.'

Updated on: 08 Sep 2021, 04:48 PM

highlights

  • तालिबान चीन को सौंपना चाहता है बगराम एयरबेस 
  • चीन बगराम एयरबेस को नियंत्रण में लेने की संभावनाओं पर कर विचार-विमर्श
  • बगराम एयरबेस अफगानिस्तान का महत्वपूर्ण एयरबेस

नई दिल्ली:

क्या तालिबान सरकार अफगानिस्तान के बगराम एयर बेस को चीन को देने वाला है. चीन ने मंगलवार को उस खबर को पूरी तरह फर्जी बताया, जिसमें कहा गया था कि तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों द्वारा खाली किये गये अफगानिस्तान के महत्वपूर्ण बगराम वायु सेना केंद्र को उसे सौंपने की योजना बनाई है. लेकिन अब एक और खबर चर्चा में है.चीन वर्तमान में अपने विदेशी आर्थिक निवेश कार्यक्रम, 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' के तहत श्रमिकों, सैनिकों और अन्य कर्मचारियों को बगराम हवाई क्षेत्र में भेजने के लिए एक संभाव्यता अध्ययन कर रहा है. 

यूएस न्यूज की खबर के मुताबिक बीजिंग में चीनी सैन्य अधिकारियों ने विचार-विमर्श किया. इस बैठक में अब से दो साल बाद तक संभावित तैनाती के लिए यह चर्चा हुई. हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को सैन्य हवाई क्षेत्र के अधिग्रहण की योजना से इनकार किया, जो काबुल से लगभग एक घंटे की दूरी पर है.

चीन ने मंगलवार को उस खबर को पूरी तरह फर्जी बताया, जिसमें कहा गया था कि तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों द्वारा खाली किये गये अफगानिस्तान के महत्वपूर्ण बगराम वायु सेना केंद्र को उसे सौंपने की योजना बनाई है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से जब यहां मीडिया ब्रीफिंग में इस खबर के बारे में पूछा गया कि तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों द्वारा खाली किये गये अफगानिस्तान के प्रमुख बगराम वायु सेना केंद्र को उसे और कंधार हवाईअड्डा पाकिस्तान को सौंपने की योजना बनाई है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको बता सकता हूं कि यह विशुद्ध रूप से फर्जी खबर है.’’ 

बगराम हवाई अड्डा सबसे पहले सोवियत संघ द्वारा अफगानिस्तान में अपने कब्जे के दौरान स्थापित किया गया था और फिर इसका उपयोग अमेरिका द्वारा किया गया था.

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वांग वेनबिन ने मंगलवार सुबह संवाददाताओं से कहा, "मैं सभी को बता सकता हूं कि यह पूरी तरह से झूठी खबर है।"

अमेरिका की सेना ने करीब 20 साल बाद जुलाई में बगराम एयरफील्ड छोड़ा था. इस वायु सेना केंद्र ने अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की जंग के दौरान तालिबान के विरुद्ध अमेरिकी सेना के अभियान में अहम भूमिका निभाई थी. 

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने भी हाल में कहा था कि 'चीन बगराम वायु सेना केंद्र पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है.' इसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अफगानिस्तान बगराम वायु सेना केंद्र को चीन को देनी की प्लानिंग में है, हालांकि अब चीन ने ऐसी खबरों को फर्जी बता रहा है.