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CAA पर हिंसक विरोध-प्रदर्शनों को बैकअप दे रहे आतंकी संगठन

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन PFI और SIMI कुछ राजनीतिक दलों की शह पर देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए के खिलाफ धरना-प्रदर्शनों को हिंसक रूप देने की फिराक में हैं.

Updated on: 19 Dec 2019, 11:07 AM

highlights

  • देश भर में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के पीछे आतंकवादी और राजनीतिक शह प्राप्त चरमपंथी संगठनों का हाथ.
  • असम समेत संपूर्ण पूर्वोत्तर राज्यों में CAA पर आंदोलन का फायदा उग्रवादी गुट उठाने की कोशिश में.
  • पाकिस्तान की शह पर एक बार फिर सिमी के स्लीपर सेल को सक्रिय किया जा रहा है. पीएफआई भी सक्रिय.

New Delhi:

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में देश भर में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों (Violence Protest) के पीछे आतंकवादी और राजनीतिक शह प्राप्त चरमपंथी संगठनों का हाथ है. गृह मंत्रालय (Home Ministry) के साथ साझा की गई खुफिया रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि उल्फा ने आंदोलन को हिंसक बनाने के लिए असम में प्रदशर्नकारियों को हथियार तक बांटे हैं. खुफिया रिपोर्ट इसके पहले भी इस तरह के इनपुट दे चुकी है कि प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) कुछ राजनीतिक दलों की शह पर देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए के खिलाफ अफवाह और भ्रम फैलाकर उसे हिंसक रूप देने की फिराक में हैं. इसके लिए पाकिस्तान की शह पर एक बार फिर सिमी के स्लीपर सेल को सक्रिय किया जा रहा है.

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असम में उल्फा है हिंसक प्रदर्शनों के पीछे
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम (Assam) में चल रहे आंदोलन के पीछे आतंकवादी संग़ठन भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि आतंकवादी संगठन उल्फा (ULFA) प्रदर्शनकारियों को हथियार दिए जाने की कोशिश में है. इस बात की पुख्ता जानकारी खुफिया एजेंसी को मिली है. यह भी कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों को 60 फीसदी हथियार उल्‍फा द्वारा दिए गए हैं. केंद्र सरकार (centre) को शक है कि इस विरोध के पीछे अनेक ऐसे असामाजिक संगठन भी सक्रिय हैं, जिनके ऊपर सरकार की कड़ी निगाह है. ये ऐसे संगठन हैं जिनके कई स्वयंभू नेता देशद्रोही गतिविधियों में जेल में बंद हैं. नागरिकता संशोधन अधिनियम के हिंसक विरोध की आड़ में ये चरमपंथी संगठन ऐसे हालात पैदा करना चाहते हैं कि सरकार की फजीहत है और उनके अंतरराष्ट्रीय आकाओं को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का मौका मिल सके.

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समग्र पूर्वोत्तर को हिंसा की आग में झोकने की तैयारी
सिर्फ असम ही नहीं संपूर्ण पूर्वोत्तर राज्यों (North Eastern States) में CAA को लेकर हो रहे आंदोलन का फायदा उग्रवादी गुट उठाने की कोशिश में. एजेंसी के इनपुट के बाद सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है. गौरतलब है कि भारत की 5800 किलोमीटर लंबी सीमा म्यांमार (Myanmar) और बांग्लादेश (Bangladesh) से लगी हुई है
. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पिछले कुछ समय में इस इलाके में एक हथियारबंद संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ वेस्टर्न साउथ एशिया के नाम से बना है. इसका मकसद पीओके में सक्रिय आतंकवादी संगठनों से मदद प्राप्त कर भारत को इस मोर्चे पर भी हिंसा की आग में झोंकने का है.

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गृह मंत्रालय से साझा की गई खुफिया रिपोर्ट
इसके पहले कुछ ऐसे ही आशय की एक खुफिया रिपोर्ट गृह मंत्रालय के साथ साझा की गई है. इसमें विभिन्न स्थानों पर चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कुछ राजनीतिक दलों के साथ ही प्रतिबंधित चरमपंथी और आतंकवादी इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों सिमी (SIMI) और पीएफआई (PFI) पर संदेह जाहिर किया गया है. सूत्रों का कहना है कि पिछले हफ्ते मंत्रालय के साथ साझा की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह उन लोगों की करतूत है, जो सरकार के कदम के खिलाफ हैं. चूंकि यह अधिनियम इसी तरह के राष्ट्र-विरोधी तत्वों (Anti National Elements) के खिलाफ जाएगा, इसलिए वह देश में शांति को बाधित करना चाहते हैं. सूत्रों ने बताया कि खुफिया रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यह हिंसा दूसरे राज्यों तक फैल सकती है.

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पीएफआई भी दम-खम के साथ हिंसा फैलाने में उतरा
खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएफआई, जो खुद को न्याय, स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने व लोगों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध होने का दावा करता है, उसके पास राष्ट्रीय महिला मोर्चा और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया सहित विभिन्न विंग हैं, जो स्थिति का लाभ उठा सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह से सिमी जो देश में कई आतंकवादी गतिविधियों (Terrorists Activity) में शामिल रहा है, कुछ राजनीतिक दलों के समर्थन से संकट के क्षणों में अपने स्लीपर सेल को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है.

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पांच साल पहले प्रतिबंधित सिमी के स्लीपर सेल फिर सक्रिय
गौरतलब है कि विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर सिमी को सरकार द्वारा फरवरी में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर सिमी और पीएफआई की गैरकानूनी गतिविधियों (Illegal Activities) पर अंकुश नहीं लगाया गया और इसे तुरंत नियंत्रित नहीं किया जाता है तो यह अपनी विध्वंसक गतिविधियों को जारी रखेंगे. यह संगठन देश विरोधी प्रचार करके राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.

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सभी राज्यों को अलर्ट जारी
यह जानकारी मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी (Advisory Issued) जारी कर दी है, जिसमें कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने के निर्देश भी दिए गए हैं. सूत्रों ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फर्जी व अफवाह से भरे समाचारों के प्रसार पर रोक लगाने के साथ ही हिंसा को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही तमाम अफवाहों पर कार्रवाई करने को कहा गया है. संभवतः इसी के अनुपालन में देश के विभिन्न राज्यों ने धारा 144 के साथ ही अपने साइबर नेटवर्क को सक्रिय कर दिया है ताकि अफवाहें फैलाने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जा सकें.