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शराब तस्कर इसलिए वसूल रहे हैं लॉकडाउन में 'डबल-रेट'... आखिर 'जोखिम' भी नहीं ले रहे कम

सख्ती के चलते लॉकडाउन (Lockdown) में शराब-गुटखे की खरीद-फरोख्त पर लगे प्रतिबंधों ने तस्करों को पसीना ला दिया है. बावजूद इसके अंतर्राज्जीय स्तर पर शराब की तस्करी (Smuggling) बढ़ी है.

Updated on: 16 Apr 2020, 10:34 AM

highlights

  • निर्धारित कीमत से कई-कई गुना कीमत पर बिक रही शराब-बीयर.
  • तस्कर लॉकडाउन के जोखिम की वसूल रहे मनमानी कीमत.
  • इसके साथ ही नए-नए तरीके ईजाद कर दिखा रहे दिलेरी.

नई दिल्ली:

गृह मंत्रालय (Home Ministry) की सख्ती के चलते लॉकडाउन (Lockdown) में शराब-गुटखे की खरीद-फरोख्त पर लगे प्रतिबंधों ने तस्करों को पसीना ला दिया है. बावजूद इसके अंतर्राज्जीय स्तर पर शराब की तस्करी (Smuggling) बढ़ी है. हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी पुलिस ने इन तस्करों को दबोचने के लिए जब ताबड़तोड़ छापे मारे, तब खुलासा हुआ कि लॉकडाउन के दौरान शराब की खेप पकड़े जाने पर तस्कर पुलिस वालों की जान लेने पर तक उतर आ रहे हैं. पीछा करते पुलिस के वाहनों में अपने वाहन सीधे-सीधे ठोंक दे रहे हैं. कई जगह भागते वक्त तस्करों ने पुलिस बैरिकेड्स ही तोड़ डाले, जबकि शराब तस्करों ने पूछताछ के दौरान पुलिस से कबूला कि वे लॉकडाउन के दौरान शराबत तस्करी में मौजूद जोखिम का 'डबल-रेट' मजबूरी में वसूल रहे हैं.

100 वाली बीयर 400-500, तो 2500 वाली स्कॉच 5 हजार में
इतना ही नहीं देश की राजधानी में जब इन शराब तस्करों पर शिकंजा कसा गया और वे जाल में फंसे तो उन्होंने कई सनसनीखेज खुलासे भी किये. मसलन 100 रुपये वाली बीयर की बोतल 3 से 400-500 रुपये तक में बेची-खरीदी जा रही है. विदेशी स्कॉच 2500 वाली 4 से पांच हजार रुपये तक में ली-दी जा रही है. कमोबेश यही आलम भारत में निर्मित विदेशी ब्रांडेड शराब का है. इस शराब की 1000 रुपये के आसपास वाली कीमत की शराब की एक बोतल 2-3 हजार तक में बिक रही है.

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लॉकडाउन में बेतहाशा मांग बढ़ी
शराब तस्करों से हुई पूछताछ के दौरान पता चला कि लॉकडाउन में शराब की बिक्री पूरी तरह बंद होते ही, उसकी डिमांड बेतहाशा बढ़ गयी. सरकारी दुकान वालों का स्टॉक लॉकडाउन से ठीक पहले आधिकारिक रूप से 'क्लोज' कर दिया गया. ऐसे में शराब कारोबार से जुड़े कुछ लोगों की चांदी आ गई. लॉकडाउन लागू होने की भनक लगते ही शराब के धंधे से जुड़े तमाम लोगों ने बहुतायत में स्टॉक 'दायें-बायें' कर लिया, जिसकी अब लॉकडाउन में मनमानी कीमत वसूली जा रही है. शराब करोबार से जुड़ी एक मैग्जीन प्रमुख ने बताया, सुनने में आ रहा है कि 100 पाइपर्स की एक बोतल की कीमत 1400 रुपये के आसपास है. जबकि ब्लैकियर इसकी कीमत चोरी-छिपे 2800 से 3 हजार तक वसूलते सुने जा रहे हैं.

रेड लेबल तीन गुनी कीमत पर
इसी तरह ज्यादा डिमांड में रहने वाली बैलेंटीन की 1350 एमआरपी वाली बोतल 3000 रुपये में बेची जा रही है तो जॉनी वॉकर रेड लेबल की 1350 रुपये की बोतल 3000 और शिवाज रीगल तथा जानी वॉकर ब्लैक लेबल की 2880 वाली बोतल अधिक डिमांड के कारण 8000 रुपये में बेची जा रही है. यही हालत रेड लेबल जैसे मशहूर ब्रांड की है. बाजर में इसकी कीमत 1450 के आसपास है, मगर लॉकडाउन में इसकी कीमत 2500 से 3000 हजार तक जा पहुंची है. इसी तरह का हाल 150 रुपये वाली छोटी बोतल का है. वैसे सब कुछ खरीदने बेचने वाले के बीच सौदे पर निर्भर कर रहा है मगर यह भी 300-400 तक के रेट पर बिकने की खबरें सुनी जा रही हैं.

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छत पर खुल गए मयखाने
दो तीन दिन पहले ही दिल्ली पुलिस और दिल्ली के आबकारी विभाग की टीमों ने पंजाबी बाग में एक बीयर बार/रेस्तरां पर छापा मारा. यहां छत पर ही मयखाना खोल लिया गया था. बिना इसकी परवाह किये कि लॉकडाउन की कितनी अहमियत है? यहां विदेशी शराब थोक के भाव में पकड़ी गयी. छानबीन में पता चला कि 1500 रुपये के आसपास की एक बोतल खोलकर बेचे जाने के बदले 4 से 5 हजार रुपये की कमाई की जा रही थी. जब चारों तरफ लॉकडाउन के दौरान सन्नाटा है फिर भी आखिर शराब की तस्करी और उपलब्धता संभव कैसे हो पा रही है? पूछे जाने पर दिल्ली के पश्चिमी परिक्षेत्र की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह ने कहा, मेरे अधिकार क्षेत्र में द्वारका, पश्चिचमी और बाहरी दिल्ली जिले हैं. तीनों ही जिले पड़ोसी राज्य की सीमा से जुड़े हैं. दिल्ली में शराब मिल पाना और उसकी बिक्री हो पाना इस सख्ती में बेहद मुश्किल हो रहा है.

पड़ोसी राज्यों से आ रही शराब
शालिनी सिंह ने आगे कहा, शराब दरअसल पड़ोसी राज्यों से लाने की कोशिशें बदस्तूर जारी है. यही वजह है कि बार्डर पर चैकिंग में ही शराब पकड़ ली जा रही है. इसीलिए वह शहर में नहीं आ पाती है. दिल्ली के अंदरुनी इलाकों में जो शराब तस्कर पकड़े गये, वे थोड़ी बहुत शराब से ज्यादा मुनाफा करने की सोचते हैं. पहले शराब तस्कर माल छोड़कर भाग जाते थे. अब वो सीधे-सीधे पुलिस वालों पर ही कातिलाना हमला कर रहे हैं. अपने वाहन सीधे पुलिस वाहन में टक्कर मारकर भाग रहे हैं. ऐसा क्यों? पूछे जाने पर संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह बोलीं, दरअसल शराब की तस्करी मौजूदा प्रतिबंधों में बहुत कठिन है. सड़कों पर सिर्फ पुलिस है. आमजन की भीड़ नहीं है. यही सख्ती शराब तस्कर को पकड़े जाने के वक्त नाकाबिले-बर्दाश्त हो रही है.

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पकड़े भी जा रहे बदमाश
दिल्ली में दक्षिणी रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक, दो दिन पहले ही पुल प्रहलादपुर इलाके में शराब तस्करी की कोशिश में एक घोषित बदमाश को दबोचा. दरअसल इस वक्त लॉकडाउन के चलते गलत धंधों में पड़े लोगों को कोई मौका आसानी से हाथ नहीं आ रहा है. हम उनकी हर कोशिश को नाकाम ही कर रहे हैं. मैं मानता हूं कि कुछ स्थानों पर कुछ गलत किस्म के लोग चोरी छिपे शराब बेचने की कोशिश करते हैं. मगर हम उन्हें बेच पाने का मौका नहीं दे रहे हैं.

तस्करी के निकाले नए-नए तरीके
लॉकडाउन के दौरान तस्करों ने तस्करी के नये-नये फार्मूले ईजाद कर लिये हैं. दिल्ली में कुछ समय पहले साइकिल सवार एक शराब तस्कर को तब पकड़ा जब वह कुकिंग गैस डिलीवरीमैन बनकर जा रहा था. पड़ताल की तो मालूम चला कि घरेलू गैस सिलेंडर नीचे से काटकर उसके अंदर शराब भर रखी थी. एक शख्स ने लॉकडाउन के दौरान शराब की बोतलों के ऊपर पालक और नीचे आलू-टिमाटर धनिया भर लिया था. कुछ बिस्कुट के पैकेट भी थे. नई दिल्ली जिले में एक शराब तस्कर दूध के ड्रम्स में शराब ले जाता पकड़ा गया.

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पुलिस पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे
रोहिणी जिले के एडिश्नल पुलिस कमिश्नर एसडी मिश्रा के मुताबिक, 'चार-पांच दिन पहले ही कंझावला थाने में तैनात मोटर साइकिल सवार सिपाही ने जब एक शराब तस्कर की कार को रोकने की कोशिश की, तो उसने टक्कर मार दी. 3- 4 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद आरोपी को कार और शराब सहित पकड़ा गया. बाहरी-उत्तरी दिल्ली जिले के उपायुक्त (डीसीपी) गौरव शर्मा के मुताबिक मंगलवार को ही हमारी टीमों ने एक शराब तस्कर को 7 किलोमीटर पीछा करके पकड़ा. अगर लॉकडाउन के चलते सड़कें सूनसान न होतीं, तो उसे पकड़ पाना नामुमकिन सा ही होता. आरोपी के पास से कई पेटी देशी-विदेशी शराब मिली.

कई मामलों में पुलिस की भी मिलीभगत
कुछ ऐसे भी मामले सामने आये हैं जब, शराब तस्करों के साथ मिलीभगत में पुलिस वालों की संलिप्तता पाई गयी? पूछने पर पश्चिमी रेंज की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह ने कहा, हां एक एएसआई पकड़ा गया था. उसके खिलाफ कानूनी और विभागीय दोनो कार्यवाही की गयी हैं. आखिर इतनी सख्ती के बाद भी शराब दिल्ली में तस्करों के पास पहुंच कैसे रही है? पूछने पर दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त पुलिस आयुक्त स्तर के एक अधिकारी ने कहा, उत्तरी दिल्ली की एक शराब दुकान लॉकडाउन में लूट ली गयी. वह शराब कहां जायेगी? दिल्ली में ही बिकेगी कहीं न कहीं या फिर चैकिंग के दौरान पकड़ी जायेगी.