ईरान ने इजरायल के न्यूक्लियर ठिकाने​ को ढूंढ़ निकाला, दे दी धमकी
Haryana: चरित्र शक में पिता ने चार बच्चों संग दी जान, ट्रेन के आगे कूदकर की खुदकुशी
राजस्थान : रवि प्रकाश मेहरड़ा को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार मिला
Kerala Lottery Result: केरल लॉटरी के पहले मनी प्राइज ने चौंकाया, एक करोड़ रुपये का पुरस्कार
दिल्ली जीएम 2025: सात्विक ने कैटेगरी 'बी' का खिताब जीता, नारायणन और अभिजीत कैटेगरी 'ए' में बराबर
कमिंस ने लॉर्ड्स में डब्ल्यूटीसी फाइनल में सलामी बल्लेबाज के रूप में लाबुशेन का समर्थन किया
पीएम मोदी ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से लिया फीडबैक, एकता का दिया संदेश : गुलाम अली खटाना
पीएम मोदी की सांसदों से मुलाकात सौहार्दपूर्ण, विपक्षी नेताओं में कोई नकारात्मकता नहीं : मनन मिश्रा
Pune News: दहेज प्रताड़ना से परेशान महिला ने की आत्महत्या, पति सहित ससुराल वाले गिरफ्तार

Independence Day 2021: भारत माता का एकमात्र मंदिर जहां नजर आता है अखंड भारत, बापू ने किया था लोकार्पण 

Independence Day 2021: इस मंदिर में देवी देवता नहीं बल्कि अखंड भारत का मानचित्र मौजूद है. ये वही मंदिर है जहां से भारत माता की जय का नारा बुलंद हुआ था.

Independence Day 2021: इस मंदिर में देवी देवता नहीं बल्कि अखंड भारत का मानचित्र मौजूद है. ये वही मंदिर है जहां से भारत माता की जय का नारा बुलंद हुआ था.

author-image
Kuldeep Singh
New Update
Bharat Mata Mandir

वाराणसी में स्थित भारत माता का मंदिर( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Independence Day 2021: दुनिया भर में बहुत से मंदिर है पर पूरी दुनिया में सिर्फ वाराणसी में एकमात्र भारत माता का मंदिर है. इस मंदिर में देवी देवता नहीं बल्कि अखंड भारत का मानचित्र मौजूद है. ये वही मंदिर है जहां से भारत माता की जय का नारा बुलंद हुआ था. इस मंदिर को बाबू शिव प्रसाद गुप्ता ने बनवाया था. इसका उद्घाटन महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने किया था. क्या है इस भारत माता के मंदिर में कब बनकर तैयार हुआ ये अनोखा मंदिर जानते है इस रिपोर्ट में .......

Advertisment

महात्मा गांधी ने किया उद्घाटन
राष्ट्र रत्न बाबू शिवप्रसाद गुप्त को 1913 में करांची कांग्रेस से लौटते हुए मुंम्बई जाने का अवसर मिला था. वहां से वह पुणे गये और धोंडो केशव कर्वे का विधवा आश्रम देखा. आश्रम में ज़मीन पर 'भारत माता' का एक मानचित्र बना था, जिसमें मिट्टी से पहाड़ एवं नदियां बनी थीं. वहा. से लौटने के बाद शिवप्रसाद गुप्त ने इसी तरह का संगमरमर का भारत माता का मंदिर बनाने का विचार किया. उन्होंने इसके लिये अपने मित्रों से विचार-विमर्श किया. उस समय के प्रख्यात इंजीनियर दुर्गा प्रसाद सपनों के मंदिर को बनवाने के लिये तैयार हो गये और उनकी देखरेख में काम शुरू हुआ. इस मंदिर को बाबू शिव प्रसाद गुप्ता ने 1918 से 1924 के बीच बनवाया था. इसका उद्घाटन 25 अक्तूबर,1936 को महात्मा गांधी ने किया था. मंदिर का परिमाण अर्थात लंबाई और चौड़ाई 31 फुट 2 इंच और 30 फुट 2 इंच है.  

भारत मां के इस मंदिर के निर्माण के पीछे बाबू शिवप्रसाद गुप्त का उद्देश्य था कि ये एक ऐसी जगह होगी जहां अपने वतन से प्रेम करने वाले लोग किसी भी जाती धर्म या संप्रदाय का हो वो आसानी से बिना किसी रोक - टोक के यहां आ सकें और स्वतंत्रता आन्दोलन को मजबूत किया जा सके. इस अनोखे मंदिर के निर्माण में 30 मजदूर और 25 राजमिस्त्री ने मिलकर किया जिनके नाम आज भी मंआ दिर के दिवार पर उकरे हुए है. इस मंदिर के मध्य में मकराना संगमरमर पर अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, बर्मा (अब म्यामांर) और सेलोन (अब श्रीलंका) समेत अविभाजित भारत का एक मानचित्र है. मानचित्र की खासियत ये है कि इसमें करीब 450 पर्वत श्रृंखलाओं और चोटियों, मैदानों, जलाशयों, नदियों, महासागरों और पठारों समेत कई भौगोलिक ढांचों का बारीकी से नक्शा बनाया गया है और यहां मंदिर के नीचे ऐसी भी एक जगह है जहां से इस मानचित्र पर उकेरी गयी पर्वत श्रंखला और नदियां सभी को आसनी से देखा और महसूस किया जा सकता है. 

विश्व भर के आते हैं पर्यटन
पूरी दुनिया के मंदिरों से जुड़ा भारत माता के इस अनोखे मंदिर के दर्शन के लिए देश ही नहीं विदेश से भी भरी संख्या में रोज यहां पर्यटक उमड़ते हैं. इस मंदिर में आज भी किसी जाती या सम्प्रदाय का बंधन नहीं है सभी यहां आते है. अखंड भारत के  उस मानचित्र को देखते है जो कभी 1917 में हुआ करता था. सभी के लिए यहां आना और भारत को जानना एक बड़ी बात है. ऐसा अनुभव उन्हें और कहीं नहीं मिलता. कोने - कोने से पर्यटक यहां आते हैं. कुछ पर्यटक तो ऐसे भी है जो धर्म नगरी काशी में देवी देवताओं के मंदिर में जाने से पहले इस मंदिर में आते हैं. पहले भारत माता मंदिर में दर्शन करते है और फिर अपनी आगे की यात्रा करते हैं.  

independence-day independence-day-2021 75th-independence-day 15 August Bharat mata mandir
      
Advertisment