पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर पर लिए गए भारत के फैसले के बाद से लगातार बौखलाहट भरे कदम उठा रहा है. अब पाकिस्तान ने घोषणा की है कि वह अपना हवाई क्षेत्र 31 अगस्त बंद रखेगा. इसके पहले कहा गया था कि भारत के लिए बंद रखेगा. हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एक अलग सुर अपनाते हुए कहा इस तरह का कोई फैसला फिलहाल पाकिस्तान ने नहीं लिया है. इसी बीच सुब्रमण्यम स्वामी ने ऐसी चर्चाओं के बीच मोदी सरकार के सलाह दी है कि यदि पाकिस्तान ऐसा करता है तो भारत को भी कराची बंदरगाह के लिए अरब सागर से जाने वाले जहाजों के लिए रास्ता बंद कर देना चाहिए.
My advice to Namo Govt: If Pak closes their airspace for our commercial and civil aircraft , India should close Karachi port by blocking ships going through Arabian Sea (which needs to be renamed) to Karachi port.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 28, 2019
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अरब सागर का रास्ता बंद किया तो टूट जाएगी पाकिस्तान की कमर
जाहिर है हवाई क्षेत्र बंद कर देने से पाकिस्तान को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. ऐसे में अगर भारत अरब सागर वाला रास्ता बंद कर देता है, तो पहले से आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान की कमर ही टूट जाएगी. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि कराची बंदरगाह पर लगभग 1600 जहाज पहुंचते हैं. अब यदि भारत अरब सागर में अपने क्षेत्र को बंद कर देता है तो जितने जहाज कराची जाते है उनमें से 60 फीसदी को अपना रास्ता बदलना पड़ेगा, ऐसा होने पर सबसे ज्यादा पाकिस्तान और चीन को ही नुकसान होगा, चीन को इसलिए क्योंकि चीन के ज्यादातर जहाज बंगाल की खाड़ी से होते हुए श्रीलंका की तरफ से अरब सागर के रास्ते कराची बंदरगाह जाते हैं.
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यात्रा का समय बढ़ेगा तो खर्च भी होगा ज्यादा
ऐसे में यदि भारत अरब सागर में अपने क्षेत्र में प्रतिबंध लगाता है तो सभी दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की तरफ से जितने जहाज आते है उन सभी को फिर अफ्रीका के पास से गुजरना पड़ेगा. ऐसा करने से यात्रा का समय एक दिन और बढ़ सकता है. जब यात्रा करने में अधिक समय लगेगा तो जाहिर है इससे ईंधन का खर्च भी बढ़ेगा. ऐसे में जो भी जहाज कराची में ठहरकर आगे बढ़ना चाहते है तो उन्हें फिर किसी दूसरे बंदरगाह पर रुकना पड़ेगा. इससे दूसरो बंदरगाहों को आर्थिक फायदा मिलेगा, वहीं दूसरे देशों के जहाज अफ्रीका, यमन ओमान के रास्ते से पाकिस्तान जा पाएंगे या फिर वह इन देशों के ही बंदरगाहों का इस्तेमाल करेंगे.
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कराची बंदरगाह की आमदनी रह जाएगी 40 फीसदी
फिलहाल, कराची बंदरगाह पर करीब 4748 कर्मचारी और 315 अधिकारी काम करते हैं. अब जब जहाजों का आवाजाही कम हो जाएगी तो कर्मचारियों के काम पर भी प्रभाव पड़ेगा. जब बंदरगाह पर सामान ही नहीं उतरेगा तो इससे कराची पोर्ट ट्रस्ट को नुकसान होगा. खबरों के अनुसार पाकिस्तान को समुद्र के रास्ते होने वाली कमाई का करीब 61 फीसदी हिस्सा कराची बंदरगाह सो मिलता है. ऐसे में यदि भारत अरब सागर में प्रतिबंध लगाता है तो उससे कराची बंदरगाह की कमाई में लगभग 40 फीसदी की गिरावट आएगी.
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भारत दे चुका है पहले भी झटका
गौरतलब है कि फरवरी में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने इसी साल फरवरी में कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी थी. इससे 800 सीमेंट के कंटेनर्स कराची बंदरगाह पर ही रह गए थे. इससे पाकिस्तान के सीमेंट व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा था. हालांकि कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के विरोध स्वरूप पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कुछ एकतरफा फैसले किए हैं. इन फैसलों का पाकिस्तान के उद्योग समूहों ने कड़ा विरोध किया है. इसकी वजह यही है कि इन फैसलों का पाकिस्तान के व्यापार पर विपरीत असर पड़ रहा है. महंगाई बढ़ रही है और तमाम जरूरी जिंसों की किल्लत बढ़ रही है.
HIGHLIGHTS
- अरब सागर से कराची बंदरगाह का रास्ता बंद करने से पाकिस्तान को लगेगा बड़ा झटका.
- पहले से आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान की इस कदम से टूट जाएगी कमर.
- कराची बंदरगाह की कमाई में 60 फीसदी तक आएगी कमी. रोजगार भी होगा कम.