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हिंदुस्‍तान के शीर्ष 3 संवैधानिक पदों पर आसीन हैं संघ की शाखा से निकले ये स्‍वयंसेवक

94 साल पहले किसी ने नहीं सोचा होगा कि देश के सर्वोच्‍च संवैधानिक पदों को राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (RSS) के स्‍वयंसेवक सुशोभित करेंगे.

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Drigraj Madheshia
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हिंदुस्‍तान के शीर्ष 3 संवैधानिक पदों पर आसीन हैं संघ की शाखा से निकले ये स्‍वयंसेवक

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू, पीएम मोदी

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राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) की आंगन से निकले तीन प्रचारक/विचारक आज हिंदुस्‍तान के 3 शीर्ष संवैधानिक पदों पर आसीन हैं. संघ (RSS) के स्‍वयंसेवक और इसके विचारों से प्रभावित रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) आज भारत के राष्‍ट्रपति हैं तो उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) का भी बचपन संघ (RSS) की शाखाओं में गुजरा. जहां तक पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की बात है तो संघ (RSS) के पूर्णकालिक स्‍वयंसेवक (प्रचारक) के रूप में काम कर चुके हैं.

94 साल पहले किसी ने नहीं सोचा होगा कि देश के सर्वोच्‍च संवैधानिक पदों को राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (RSS) के स्‍वयंसेवक सुशोभित करेंगे. वह भी तब जब देश का एक बड़ा वर्ग संघ (RSS) के हमेशा खिलाफ रहता है. गांधी की हत्‍या और आपात काल समेत संघ (RSS) पर 3 बार प्रतिबंध लगा, लेकिन संघ (RSS) अपने कार्यों से लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहा.

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27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन नागपुर में मोहितो का बाड़ा नामक स्‍थान पर राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) की स्‍थापना हुई. महज 5 लोगों से शुरू हुआ यह संगठन इस साल विजयदशमी के दिन संघ (RSS) अपने 94 साल पूरे कर लेगा और 2025 में ये संगठन 100 साल का हो जाएगा. दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना प्रथम सरसंघ चालक केशव बलराम हेडगेवार ने की थी.

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आज की तारीख में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) , उपराष्ट्रपति निर्वाचित वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) संघ (RSS) की शाखाओं से निकले हुए स्वयंसेवक हैं. इन तीनों में सबसे बड़ी समानता ये है कि ये तीनों ही नेता काफी सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि से आए हैं. इनकी तीनों की जिंदगी काफी मुफलिसी में गुजरी है.

रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) भी संघ (RSS) की पृष्ठभूमि से आए. 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव बने. इसके बाद वे बीजेपी नेतृत्व के संपर्क में आए और संघ (RSS) से जुड़ गए. साल 1993 और 1999 दो बार राज्यसभा भी रहे. दलित तबकों के लिए लगातार काम किया और बीजेपी के दलित मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे. आज वे देश के राष्ट्रपति हैं.

उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) की जिंदगी भी कुछ ऐसे ही गुजरी है. उपराष्ट्रपति नायडू छात्र जीवन के समय 70 के दशक में आरएसएस से जुड़े थे. वे संघ (RSS)  कार्यालय में ही सोते थे. इस दौरान उनकी पहचान बतौर आंदोलनकारी छात्र के रूप में हो गयी थी. वेंकैया ने 1972 में जय आंध्र आंदोलन में भाग लिया था. इसके बाद 1973 से 74 तक आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र संघ (RSS) अध्यक्ष भी रहे थे. जमीनी स्तर से काम करते हुए नायडू ने आज इस सर्वोच्च पद तक अपनी जगह बनाई है.

नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 17 साल की उम्र में 1967 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सदस्यता ली. संघ (RSS) प्रचारक के रूप में काम करने के दौरान संघ (RSS) के राजनैतिक विंग के रूप में काम करने वाली बीजेपी ने 2001 में उन्हें गुजरात का सीएम बनाया. 2013 में मोदी (PM Narendra Modi) ने दिल्ली की सियासत का रुख किया और 2014 में बंपर जीत के साथ पूर्ण बहुमत की बीजेपी सरकार बनी. मोदी (PM Narendra Modi) का जादू 2019 में भी चला. अब मोदी (PM Narendra Modi) बीजेपी की जीत का दूसरा नाम बन चुके हैं.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

Venkaiah Naidu Vice P Vijya Dashmi RSS President Ramnath Kovind PM Narendra Modi
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