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मोदी 2.0 सरकार के 100 दिन पूरे होने से पहले जानें उसकी उपलब्‍धियां और चुनौतियां

केंद्र की मोदी सरकार सितंबर के पहले हफ्ते में अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे करने जा रही है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की अगर बड़ी उपलब्धियों की बात की जाए तो इसमें निम्न बातें प्रमुख रूप से आती हैं.

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Drigraj Madheshia
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मोदी 2.0 सरकार के 100 दिन पूरे होने से पहले जानें उसकी उपलब्‍धियां और चुनौतियां

30 मई, 2019 को मोदी ने दूसरी बार पीएम पद की शपथ ली

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100 days of modi 2.0 Government: 30 मई, 2019 को मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) के दूसरे कार्यकाल के लिए मंत्रिमंडल ने शपथ ली थी. केंद्र की मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) सितंबर के पहले हफ्ते में अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे करने जा रही है. मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) के दूसरे कार्यकाल की अगर बड़ी उपलब्धियों की बात की जाए तो इसमें निम्न बातें प्रमुख रूप से आती हैं. 

आर्टिकल 370 और 35ए को खत्म करना

मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के बाद अगर सबसे बड़ी उपलब्धि की बात की जाए तो वो जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करना है. राष्ट्रवाद की दिशा में उठाए गए इस कदम का देश की जनता ने खुले दिल से स्वागत किया है. कुछ राजनीतिक दलों को अगर छोड़ दिया जाए तो सरकार (Modi 2.0 Government) के इस फैसले पर राजनीतिक दलों ने और देश की जनता ने मुहर लगा दी है. आपको बता दें कि बीते दिनों केंद्र सरकार (Modi 2.0 Government) ने आर्टिकल 370 और धारा 35A को खत्म कर जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्ज छिन लिया था. मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) ने जम्मू-कश्मीर को अब केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है. साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है.

तीन तलाक का खात्‍मा

तीन तलाक को खत्म करने वाला बिल मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) के पहले कार्यकाल के दौरान भी एजेंडे में शामिल था, लेकिन लोकसभा से पास होने के बाद ये बिल राज्यसभा से पास नहीं हो सका और फिर लोकसभा चुनाव की वजह से इसमें देरी ही होती चली गई, लेकिन फिर से भारी बहुमत के बाद मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) सत्ता में आई और सबसे पहला काम तीन तलाक बिल को पास कराने का ही किया. पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से इस बिल को पास कराने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया गया है.

यूएपीए बिल

आतंकवादियों पर कड़े प्रहार के लिए मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) ने विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक (यूएपीए) को मंजूरी दे दी. इस बिल में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले, उनकी मदद करने वाले, उन्हें पैसे मुहैया कराने वाले और उनका प्रचार करने वालों के खिलाफ सख्त प्रावधान किए गए हैं. इस बिल में आतंकी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति विशेष को भी आतंकवादी करार देने और उस पर प्रतिबंध लगाने लगाने का भी प्रावधान है.

मिशन चंद्रयान 2

मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) के दूसरे कार्यकाल में चंद्रयान 2 को लांच किया गया, जो दुनिया का एकलौता मून मिशन है जो चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा. 7 सितंबर की रात में चंद्र यान का पावर मिशन शुरू होगा और रात 1.55 मिनट पर 27 डिग्री साउथ 22 डिग्री ईस्ट चांद की दक्षिणी सतह पर उतरेगा यान.

श्रम सुधार

भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार (Modi 2.0 Government) ने श्रम सुधारों पर फोकस किया है. सरकार (Modi 2.0 Government) ने 44 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 श्रम संहिताएं बनाने का फैसला किया हैं. ताकि लालफीताशाही खत्म हो. सरकार (Modi 2.0 Government) ने 44 श्रम कानूनों की जगह सिर्फ न्यूनतम वेतन और कार्यगत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा, सामाजिक सुरक्षा और औद्योगिक संबंध से जुड़े चार कानून ही लागू करने का फैसला किया है. 13 श्रम कानूनों को मिलाकर बने स्वास्थ्य और कार्यदशाओं से संबंधित बिल ‘ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल 2019’ के मसौदे को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिली. न्यूनतम वेतन से संबंधित प्रावधान को भी सरकार (Modi 2.0 Government) मंजूर कर चुकी. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य और कार्यदशा से संबंधित बिल से 40 करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे. छोटे कारखानों में काम करने वालों को भी नियुक्ति पत्र मिलेगा. जिससे उनके अधिकारों पर आंच नहीं आएगी. हर साल श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच भी जरूरी की गई है.

किसानों की आय दोगुनी

सरकार (Modi 2.0 Government) ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 14 सूत्रीय फॉर्मूले पर काम शुरू किया है. इसमें कांट्रैक्ट फॉर्मिंग जैसी व्यवस्था है. निर्मला सीतारमण के बजट में भी किसानों की आय को दोगुना करने का खाका पेश किया गया. खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया. 10 हजार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPO) का गठन किया जाएगा.

सभी को घर

मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) ने दूसरे कार्यकाल में भी गांव और गरीबों पर फोकस किया है. 2022 तक हर घर तक गैस और बिजली कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. दरअसल, 2022 में स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं. ऐसे में सरकार (Modi 2.0 Government) इस साल तक कई बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है. इसके अलावा पीएम आवास योजना(ग्रामीण) के तहत 2022 चत 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. देश के हर घर में 'नल से जल' पहुंचाने के लिए मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) ने महत्वाकांक्षी परियोजना 'जल जीवन मिशन’ पर काम शरू किया है.

जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन बिल

मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) दूसरे कार्यकाल के पहले संसद सत्र में ही जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन बिल संसद के दोनों सदनों में पास कराने में सफल रही. जिससे लोगों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस विधेयक के तहत जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकार (Modi 2.0 Government) नौकरियों में 3 फीसदी आरक्षण को विस्तार दिया गया है. जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम सीधी भर्ती, प्रमोशन और विभिन्न श्रेणियों में कई व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण देता है, लेकिन इसका विस्तार अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे व्यक्तियों के लिए नहीं था. लेकिन इस बिल के कानून बन जाने के बाद यह लोग भी आरक्षण के दायरे में आ जाएंगे.

कारोबारियों के लिए घोषणा

छोटे कारोबारियों के लिए प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना की शुरुआत की है. इसके तहत 1.5 करोड़ से कम वार्षिक टर्नओवर वाले करीब तीन करोड़ दुकानदारों को पेंशन मिलेगी. सरकार (Modi 2.0 Government) ने बड़े कारोबारियों को भी सहूलियत देने का फैसला किया है. चार सौ करोड़ सालाना टर्नओवर पर 25 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स लगेगा. पहले 250 करोड़ पर यह दर लगती थी. मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) ने देश में 5 साल में आधारभूत संसाधनों के विकास के लिए 100 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का फैसला किया है.

'वन नेशन, वन राशन कार्ड

सरकार (Modi 2.0 Government) ने 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना के पायलट प्रॉजेक्ट को लॉन्च किया. सरकार (Modi 2.0 Government) को उम्मीद है कि इससे ना केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा, बल्कि रोजगार या अन्य वजहों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा. इस बदलाव से एक से अधिक कार्ड रखने की संभावना भी खत्म हो जाएगी.

आर्थिक मोर्चे पर उठाए गए कदम

  • जब से मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ है, तभी से आर्थिक मोर्च पर सरकार (Modi 2.0 Government) की घेराबंदी हो रही है. गिरती जीडीपी और बेरोजगारी पर सरकार (Modi 2.0 Government) पर लगातार निशाना साधा जा रहा है.
  • हालांकि पिछले 100 दिनों के अंदर सरकार (Modi 2.0 Government) की तरफ से आर्थिक हालातों को ठीक करने के लिए कुछ अहम कदम उठाए गए हैं, जिसमें हाल ही में सरकार (Modi 2.0 Government) बैंकों का पूंजीकरण किया जाना शामिल है.
  • इसमें 70 हजार करोड़ रुपए बैंकों को दिए जाने का प्रस्ताव है. इसके अलावा हाल ही में 10 बैंकों का विलय भी आर्थिक सुधार को ध्यान में रखकर किया गया.

मोदी सरकार (Modi 2.0 Government) की आर्थिक चुनौती

GDP में गिरावट

केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में देश की जीडीपी विकास दर 6.8 प्रतिशत रही, जो बीते 5 सालों में सबसे कम है. वहीं आरबीआई ने वैश्विक सुस्ती को देखते हुए साल 2019-20 के लिए विकास दर का अनुमान घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है. जबकि साल 2016-17 में जीडीपी की दर 7.99 प्रतिशत थी. भारतीय अर्थव्यवस्था के पिछड़कर सातवें स्थान पर आने के बाद से सरकार (Modi 2.0 Government) के सामने सबसे पहली चुनौती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की है.

ऑटो सेक्टर में हाहाकार

कार और बाइक की बिक्री में भारी गिरावट से पिछले 4 महीनों में ऑटोमेकर्स, पार्ट्स मैन्यूफैक्चरर्स और डीलर्स ने 3.5 लाख से ज्यादा कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है. जबकि करीब 10 लाख से ज्यादा नौकरियां खतरे में हैं, यानी इनपर भी छंटनी की तलवार लटकी हुई है. ऑटो इंडस्ट्री में लगातार 9वें महीने गिरावट दर्ज की गई है. ब्रिकी के लिहाज से जुलाई का महीना बीते 18 साल में सबसे खराब रहा. इस दौरान बिक्री में 31 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

भारत में आर्थिक मंदी की आहट के बड़े कारण

  • कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने आर्थिक संकट को बढ़ाया.
  • डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई. डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये ने 70 के आंकड़े को पार कर लिया है. रुपये की घटती हुई कीमत और महंगाई बढ़ने से अर्थव्यवस्था में दिक्कतें आई हैं.
  • देश का राजकोषीय घाटा बढ़ा.
  • आयात के मुकाबले निर्यात में गिरावट से विदेशी मुद्रा कोष में भी कमी आई.

Source : अमित सिंह

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