स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार सख्त, 'विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति' तत्काल गठित करने के निर्देश

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार सख्त, 'विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति' तत्काल गठित करने के निर्देश

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार सख्त, 'विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति' तत्काल गठित करने के निर्देश

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IANS
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Chitrakoot: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath interacts with children at a primary school

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

लखनऊ, 23 जुलाई (आईएएनएस)। प्रदेश के लाखों स्कूली बच्चों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी के मद्देनजर परिवहन विभाग द्वारा 1 से 15 जुलाई तक पूरे प्रदेश में स्कूली वाहनों (स्कूल बस, वैन आदि) का विशेष जांच अभियान चलाया गया।

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अभियान के बाद परिवहन आयुक्त ने सभी आरटीओ-एआरटीओ को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूल वाहनों की मासिक समीक्षा करें। विद्यालय वाहन संचालन से जुड़ी व्यवस्थाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही तथा सुरक्षा अनिवार्य हो, जिससे प्रदेश के लाखों बच्चों की स्कूली यात्रा सुरक्षित एवं भरोसेमंद बन सके।

परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा, विद्यालय वाहनों के संचालन में नियमों में लापरवाही या अनदेखी स्वीकार नहीं होगी। बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभी संबंधित अधिकारी, विद्यालय प्रबंधन एवं वाहन संचालक तत्काल इस पर कार्रवाई करें। नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई होगी।

1 से 15 जुलाई तक चले अभियान में प्रदेश में कुल पंजीकृत 67,613 स्कूली वाहनों में से 46,748 वाहनों (69) की गहन जांच की गई। इसमें कुल 4,089 (8.75) वाहन सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते पाए गए। 1,768 वाहन ऐसे पाए गए, जिनकी फिटनेस अवधि समाप्त थी, फिर भी नियमित संचालित थे। इन गंभीर उल्लंघनों के कारण 4,438 वाहनों का चालान, 913 वाहन सीज तथा 88.52 लाख रुपए की प्रशमन शुल्क वसूली की गई।

अभियान के परिणामों की जिला स्तरीय समीक्षा के अनुसार कुछ जिलों ने प्रभावी कार्रवाई की, जिनमें प्रमुख रूप से प्रयागराज, फर्रुखाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर आदि हैं। मऊ, महराजगंज, देवरिया, हापुड़, सिद्धार्थ नगर आदि जिलों में वाहनों की जांच एवं प्रवर्तन की स्थिति कमजोर मिली।

परिवहन आयुक्त ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में), क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (आरटीओ/एआरटीओ) एवं विद्यालय प्रबंधकों/प्रधानाचार्यों को वाहन संचालन के संबंध में पत्र जारी किए हैं। परिवहन आयुक्त ने सभी संभागीय परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष को निर्देश दिए हैं कि बिना परमिट चल रहे निजी वाहनों को तत्काल प्रभाव से सीज करें, फिटनेस समाप्त वाहनों का संचालन प्रतिबंधित करें तथा नियमों का उल्लंघन करने वाले विद्यालयों पर कार्रवाई के लिए जिला शिक्षा विभाग एवं जिलाधिकारी कार्यालय से समन्वय करें।

सभी जिलाधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि प्रत्येक जिले में गठित जिला विद्यालय वाहन परिवहन सुरक्षा समिति को सक्रिय कर नियमित बैठकें करें। विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति की निगरानी करें तथा निजी वाहनों के औपचारिक संबद्धीकरण की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित करें।

परिवहन आयुक्त ने सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (आरटीओ/एआरटीओ) को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र के विद्यालयों से संबद्ध वाहनों के दस्तावेज़ों, सुरक्षा उपकरणों, चालक एवं परिचर के पुलिस सत्यापन, नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की मासिक समीक्षा करें। सभी विद्यालय प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्यों से कहा गया है कि अपने विद्यालय से संचालित प्रत्येक वाहन (बस/वैन/ऑटो) की जिम्मेदारी उनकी है। प्रत्येक विद्यालय में विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति तत्काल गठित करें। वाहन के दस्तावेज, चालक सत्यापन, सुरक्षा उपकरणों की नियमित जांच करें। बिना औपचारिक संबद्धता एवं परमिट के कोई भी वाहन विद्यालय परिसर से संचालित न हो। ऐसी स्थिति में यदि कोई दुर्घटना या आपराधिक घटना होती है तो विद्यालय प्रबंधन जिम्मेदार होगा।

परिवहन आयुक्त ने बताया कि स्कूली वाहनों का संचालन पूर्णतः मोटरयान अधिनियम, 1988, केंद्रीय मोटरयान नियमावली (सीएमवीआर) 1989, एआईएस-063, एआईएस-125 एवं विशेष रूप से उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली (26वां संशोधन), 2019 के कठोर एवं स्पष्ट प्रावधानों के अंतर्गत नियंत्रित किया जाना अनिवार्य है। इनमें मुख्यतः निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:

(1) विद्यालय स्वामित्व की बसों को मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 76 के तहत निजी सेवा यान परमिट (प्रपत्र एसआर-23 के) अनिवार्य रूप से प्राप्त करना होगा।

(2) निजी संचालित बसें (ठेका गाड़ी) विद्यालय प्रबंधन के साथ औपचारिक लिखित करार तथा मोटरयान अधिनियम की धारा 73 के तहत वैध परमिट (प्रपत्र एसआर-21के) आवश्यक रूप से प्राप्त करेंगी।

(3) विद्यालय वैन (13 सीट तक) के संचालन हेतु वाहन स्वामी एवं अभिभावकों के बीच औपचारिक लिखित करार आवश्यक है तथा परमिट आवेदन (प्रपत्र एसआर-21बी) विद्यालय प्रबंधन के माध्यम से ही अग्रसारित किया जाना अनिवार्य है।

(4) स्कूली वाहनों के लिए स्पष्ट आयु सीमा निर्धारित की गई है: विद्यालय बसों एवं ठेका गाड़ी बसों एवं विद्यालय वैन हेतु अधिकतम 15 वर्ष।

(5) जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला विद्यालय वाहन परिवहन सुरक्षा समिति तथा विद्यालय प्रबंधन की अध्यक्षता में विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति का गठन अनिवार्य किया गया है।

(6) वाहन चालकों एवं परिचरों का पुलिस सत्यापन, नियमित प्रशिक्षण एवं स्वास्थ्य परीक्षण करवाना अनिवार्य है।

--आईएएनएस

एसके/

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