सिंहावलोकन 2025: वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत में तकनीकी क्रांति, एआई के लिए अहम रहा साल

सिंहावलोकन 2025: वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत में तकनीकी क्रांति, एआई के लिए अहम रहा साल

सिंहावलोकन 2025: वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत में तकनीकी क्रांति, एआई के लिए अहम रहा साल

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IANS
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सिंहावलोकन 2025: वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत में तकनीकी क्रांति, एआई के लिए बड़ा ही अहम रहा यह साल

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2025 वैश्विक घटनाओं और तकनीकी प्रगति के लिहाज से बड़ा ही अहम रहा। भारत समेत दुनिया के प्रमुख समाचार पत्रों के पहले पन्ने पूरे साल गाजा युद्ध, ट्रंप प्रशासन के टैरिफ और बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता जैसी खबरों से भरे रहे। अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमला और उसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भी लंबे समय तक सुर्खियों में रहे।

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इसी बीच, सबसे अधिक सर्च किया गया शब्द ‘जेमिनी’ रहा, जो गूगल का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्लेटफॉर्म है। एआई की बढ़ती लोकप्रियता ने यह स्पष्ट कर दिया कि तकनीक अब सिर्फ प्रयोग का विषय नहीं, बल्कि वैश्विक बदलाव की मुख्य धुरी बन गई है। भारत में भी एआई चर्चा का केंद्र रहा, जहां जेमिनाई, चैटजीपीटी और गूगल प्लेटफॉर्म क्रिकेट और बॉलीवुड जितने ही लोकप्रिय दिखे। इसी रुझान को देखते हुए टाइम मैगजीन ने ‘आर्किटेक्ट्स ऑफ एआई’ को 2025 का ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ घोषित किया।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि एआई ने 2025 में खुद को मौजूदा दौर की सबसे अहम ताकत के रूप में स्थापित किया। साथ ही व्यापार, अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति में भारत की सक्रिय भूमिका भी महत्वपूर्ण रही। फोर्ब्स मार्शल के सह-अध्यक्ष और पूर्व सीआईआई अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स ने सरकार द्वारा हाल में लागू किए गए सुधारों को निर्णायक कदम बताया। उन्होंने श्रम संहिताओं को लागू करना, परमाणु उद्योग में निजी भागीदारी की अनुमति देना और अन्य सुधारों को सकारात्मक कदम बताया।

फोर्ब्स के मुताबिक, भारत को वैश्विक चुनौतियों, जैसे अमेरिकी टैरिफ और भू-राजनीतिक दबाव, को सुधार की गति बढ़ाने के अवसर के रूप में लेना चाहिए। इसमें लंबित निजीकरण, कृषि बाजार सुधार, अनुसंधान और नवाचार योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना और शिक्षा क्षेत्र में सरकारी दखल कम करना शामिल है।

वैश्विक व्यापार मोर्चे पर अमेरिका के साथ लंबित डील और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्णयों के बावजूद भारत ने संयम और संतुलित नीति अपनाई, जिसने भारत को जी20 देशों की तुलना में घरेलू महंगाई को नियंत्रित रखने में मदद की।

हालांकि, साल सभी दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण रहा। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की बोइंग ड्रीमलाइनर दुर्घटना और इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान जैसी घटनाओं ने विमानन क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। विशेषज्ञों ने कहा कि इन समस्याओं के लिए एयरलाइन, नियामक और प्रशासन तीनों की भूमिका रही।

पर्यावरण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी चिंता रही। राजधानी और आस-पास के क्षेत्रों में बढ़ता एक्यूआई स्तर, एयर प्यूरीफायर की बिक्री में वृद्धि और स्वास्थ्य सलाहकार समूहों की सक्रियता ने प्रदूषण के खतरे को उजागर किया।

इन सबके बावजूद, एआई क्षेत्र में हुई प्रगति ने अवसर और चुनौतियां दोनों पैदा कीं। डेटा सेंटर की बढ़ती ऊर्जा और पानी की मांग, संभावित जॉब्स नुकसान और बड़े निवेश के नतीजे अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। इसके बावजूद, भारत एआई निवेश और नवाचार के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है। अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ने भारत में एआई और संबंधित क्षेत्रों में 65 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई।

सरकार भी सक्रिय रही। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन के अनुसार, भारत का मजबूत डिजिटल ढांचा, विशाल डेटा सेट और बढ़ता स्टार्टअप इकोसिस्टम एआई के लाभों को समावेशी विकास में बदलने के लिए तैयार है। इंडियाएआई मिशन और फरवरी 2026 में नई दिल्ली में होने वाला शिखर सम्मेलन इसके उदाहरण हैं।

खेल और विज्ञान के क्षेत्र में भारत को महिला क्रिकेट विश्व कप में जीत और शुभांशु शुक्ला की सफल अंतरिक्ष यात्रा जैसी उपलब्धियां भी मिलीं। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि भारत ने खुद को केवल ‘भविष्य का बाजार’ नहीं, बल्कि दुनिया की एक प्रमुख आर्थिक ताकत के रूप में स्थापित किया।

जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना और 8 प्रतिशत वृद्धि दर बनाए रखना, साथ ही डिजिटल ढांचे को वैश्विक पहचान दिलाना इस साल की सबसे बड़ी सफलता रही।

--आईएएनएस

डीबीपी/एबीएम

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