'त्रिकाल' नाम की शराब बिकी तो हमारा आक्रामक रूप दिखेगा : शैलेशानंद गिरी

'त्रिकाल' नाम की शराब बिकी तो हमारा आक्रामक रूप दिखेगा : शैलेशानंद गिरी

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IANS
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शैलेशानंद गिरी की शराब दुकानों को सख्त चेतावनी, 'त्रिकाल नाम की शराब बिकी तो हमारा आक्रामक रूप दिखेगा'

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। रेडिको खेतान कंपनी की ‘त्रिकाल’ ब्रांड की शराब का विरोध जारी है। धार्मिक संगठनों के साथ तमाम राजनेताओं ने सोमवार को इसका विरोध किया। पंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद गिरि महाराज ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कंपनी के विवादित नाम के इस्तेमाल की निंदा की और सख्त चेतावनी भी दी।

उन्होंने कहा, विज्ञापन या प्रचार में अक्सर कुछ बिंदु या शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। उन विज्ञापन शब्दों में त्रिदेव, त्रिकाल या त्रिदेवी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे कई शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। आज के दौर में, जहां सनातन धर्म को करोड़ों लोग मानने वाले हैं, ऐसे में अनगिनत उत्पादक और दुकानदार, बड़े और छोटे, ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करके अपना कारोबार चला रहे हैं। मैं इसे गलत मानता हूं।

प्रचार के लिए ऐसे धार्मिक रूप से संवेदनशील शब्दों के इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, आज वे त्रिकाल की बात कर रहे हैं, कल त्रिदेव की बात हो सकती है। उन्हें समझना चाहिए कि यह उचित नहीं है। इसके लिए उन्हें अपने नैतिक मानक तय करने होंगे और नैतिक मूल्यों को अपनाना होगा।

शैलेशानंद ने शराब कंपनी को सख्त चेतावनी देते हुए कहा, अगर हमें कहीं से पता चला कि किसी भी दुकान पर त्रिकाल नामक शराब बिक रही है तो उस दुकानदार को भी हमारी चेतावनी है। हमारा आक्रामक रूप देखने को मिलेगा। मध्य प्रदेश सरकार से ही नहीं बल्कि भारत सरकार से भी हमारी मांग है कि सनातन आयोग का गठन हो और ऐसे लोगों को दंड मिले, क्योंकि ऐसे लोगों से माफी मंगवाना बहुत छोटा काम होगा।

उल्लेखनीय है कि रेडिको खेतान नामक कंपनी ने अपनी भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की सिंगल माल्ट बोतल पर ‘त्रिकाल’ नाम का इस्तेमाल किया है, जिसकी कीमत 3,500-4,500 रुपए है। टील लेबल वाली व्हिस्की की बोतल पर बंद आंखों वाले चेहरे और माथे पर एक चक्र की रेखा खींची गई है। इसी को लेकर देशभर में विरोध तेज है और कंपनी से ब्रांड का नाम और फोटो बदलने की मांग की जा रही है।

--आईएएनएस

एससीएच/एबीएम

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