रक्षाबंधन वाले दिन आकाश में दिखेगा अद्भुत नजारा, नीला हो जाएगा चांद, जानें इससे पहले कब दिखा

रक्षाबंधन के मौके पर ब्लू मून होने के कारण आसमान नीला पड़ जाएगा. ऐसा खूबसूरत नजारा बहुत कम देखने को मिलता है. इसके पीछे बड़ी खगो​लीय घटना को बताया जा रहा है.  

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Mohit Saxena
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blue moon (Social media)

रक्षा बंधन पर इस बार अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा. इस बार अंतरिक्ष में बेहद खास पल देखने को मिलेंगे. इस दिन चंद्रमा पूरा नीला हो चुका होगा. सवाल ये उठता है कि आखिर ये चंद्रमा इतना खास क्यों होने वाला है. आइए जाने की कोशश करते हैं. रक्षाबंधन का दिन सभी के लिए खास है. मगर इस बार अंतरिक्ष में दिलदस्पी रखने वालों के लिए ये दिन खास होने वाला है. 19 अगस्त यानि सोमवार को आसमान में ब्लू मून होगा. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये चंद्रमा इतना खास कैसे होगा. कहीं ब्लू मून का अर्थ इस दिन हमें नीला चांद तो नहीं दिखाई देगा? ये सब जानने की शुरुआत में सुपर मून को जानने की कोशिश करते हैं. 

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चांद धरती के चारों ओर घूमने के साथ-साथ वो कभी धरती के करीब आता है. वह कही धरती से दूर भी होता है. यह चांद जब धरती के 90 परसेंट करीब होता है, तब उसे सुपर मून कहा जाता है. इस दिन चांद पूरा दिखाई देता है. चांद करीब होने से वो हर दिन के हिसाब से थोड़ा बड़े आकार का और करीब 30 प्रतिशत अधिक चमकीला हो जाता है. अब जानते हैं ब्लू मून की.

चंद्रमा हर एक जैसा नहीं 

चंद्रमा हर दिन एक जैसा नहीं होता है. हर दिन चांद अलग तरह से दिखाई देता है. आसमान में आठ चरण में चांद दिखाई देता है. कभी ये बिल्कुल नया, कभी आधा तो कभी पूरा चांद दिखता है. चंद्रमा के चरणों में कई चक्र दिखाई देता है. ये एक माह चलता है. इसलिए हम आमतौर पर एक वर्ष में 12 पूर्णिमा को देखते हैं. अब ब्लू मून को समझने का प्रयास करते हैं. 

ब्लू मून होता क्या है

चंद्रमा के चरणों के एक चक्र को पूरा होने में वास्तव 29.5 दिन तय होते हैं. अगर 12 दिन के च्रकों को पूरा करने को लेकर 354 दिन लगते हैं. इस वजह से हर 2.5 वर्ष या उससे अधिक समय में एक कैलेंडर वर्ष में 13वीं पूर्णिमा मनाई जाती है. इस 13वीं पूर्णिमा को ब्लू मून कहा जाता है. इस ब्लू मून को हम 19 अगस्त को देख सकेंगे. इससे पहले ब्लू मून 30 अगस्त, 2023 को देखने को मिला था.  ब्लू मून करीब हर दो से तीन वर्ष में होता है. वहीं अगला सीजनल ब्लू मून 31 मई, 2026 को दिखेगा. 

ब्लू मून के नीले होने के पीछे विज्ञान 

ब्लू मून का नीला दिखना काफी मुश्किल होता है. चांद का रंग नहीं बदलता मगर ज्वालामुखी विस्फोट हो जाए तो इस चांद का रंग हमें नीला दिखाई देता है. ऐसे सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर क्यों ये दृश्य दिखाई देता है? दरअसल ये मून नीला रंग का तभी दिखेगा जब उसी रात कोई ज्वालामुखी  विस्फोट हो. इस तरह का नजारा कई देखा गया है. अगर इस बार रक्षाबंधन के दिन भी कोई बड़ा ज्वालामुखी धमाका होता तो इस साल भी हमें चांद नीला दिखने वाला है.

 

 

 

 

 

 

 

 



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