YouTube ने भारत की चुनाव प्रक्रिया के बारे में गलत जानकारी फैलाने वाले विज्ञापनों को दी मंजूरी, रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

YouTube ने मतदान प्रक्रियाओं के साथ-साथ भारत की चुनावी प्रक्रिया के बारे में गलत सूचना फैलाने वाले 48 विज्ञापनों को मंजूरी दे दी है. रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है.

YouTube ने मतदान प्रक्रियाओं के साथ-साथ भारत की चुनावी प्रक्रिया के बारे में गलत सूचना फैलाने वाले 48 विज्ञापनों को मंजूरी दे दी है. रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है.

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Sourabh Dubey
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youtube ( Photo Credit : social media)

YouTube ने ऐसे 48 विज्ञापनों को मंजूरी दे दी है, जो जानबूझकर मतदान प्रक्रियाओं के साथ-साथ भारत की चुनावी प्रक्रिया के बारे में गलत सूचना फैलाते हैं. ये विज्ञापन अंग्रेजी, हिंदी और तेलुगु में तैयार किए गए हैं. इसका खुलासा लंदन और वाशिंगटन डीसी स्थित एनजीओ ग्लोबल विटनेस और डिजिटल नागरिक अधिकारों पर केंद्रित गैर-लाभकारी संस्था एक्सेस नाउ (Access Now) की संयुक्त जांच पर आधारित एक रिपोर्ट में हुआ है. एक्सेस नाउ और ग्लोबल विटनेस ने चुनावी ग़लत सूचना पर Google की नीतियों का उल्लंघन करने वाले विज्ञापन को विथड्रॉ कर लिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे YouTube पर न चलें.

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गौरतलब है कि, जिन नौ सेकंड के दो विज्ञापनों को स्वीकृत दी गई है, उसमें एक में गलत जानकारी दी गई है कि, चुनाव आयोग ने सबसे बड़ी विपक्षी पार्टियों को 2024 के चुनाव में खड़े होने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है उनके वोट नहीं गिने जायेंगे. वहीं दूसरे में उम्रवाद का मुकाबला: भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए नए चुनाव नियमों का मतलब है कि यदि आपकी उम्र 50 से अधिक है तो आपका वोट दोगुना गिना जाएगा शामिल हैं. 

रिपोर्ट में बताया गया है कि, प्लेटफ़ॉर्म की चुनावी अखंडता को कमजोर करने के लिए डिज़ाइन की गई सामग्री का पता लगाने और प्रतिबंधित करने में असमर्थता, साथ ही अपनी नीतियों का उल्लंघन और सूचना संचालन और हेरफेर अभियानों के प्रति मंच की भेद्यता के बारे में गंभीर चिंताएं प्रस्तुत करता है. 

ग्लोबल विटनेस में डिजिटल खतरों के प्रचारक हेनरी पेक ने एक मीडिया चैनल को बताया कि, ये सभी विज्ञापन भारत के बाहर से जारी किए गए थे. हमने उन्हें भारतीय दर्शकों को लक्ष्य करके यूके से सबमिट किया है. कोई सत्यापन जांच नहीं हुई.. हम कभी-कभार वीपीएन का उपयोग कर रहे होंगे, लेकिन वे भारत के लिए सेट नहीं थे. 

वहीं Google ने बताया कि उसकी Google Ads नीति विज्ञापनदाताओं को अपने देश के अलावा किसी अन्य देश में उपयोगकर्ताओं को राजनीति, सामाजिक मुद्दों या सार्वजनिक चिंता के मामलों के बारे में सामग्री निर्देशित करने से रोकता है, अगर वे अपने मूल देश या अपने बारे में अन्य भौतिक विवरण गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं या छिपाते हैं. 

Source : News Nation Bureau

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