Advertisment

World Ozone Day 2022: क्या है Montreal Protocol, वर्ल्ड ओजोन डे पर जानें कैसे मिल रहा हमारे सुरक्षा कवच को संरक्षण

World Ozone Day 2022: ओजोन लेयर हमारी धरती पर वायुमंडल की एक परत है, जिसकी वजह से हमें सूरज की हानिकारक किरणों से सुरक्षा मिलती है. सूरज की किरणों को विटामिन डी का स्त्रोत तो माना जाता है, लेकिन सूरज की यही किरणें कैंसर का कारण बन सकती है.

author-image
Shivani Kotnala
New Update
World Ozone Day 2022

World Ozone Day 2022( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

World Ozone Day 2022: ओजोन लेयर के बारे में शायद ही बहुत कम लोग होंगे जो नहीं जानते होंगे. स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम में ओजोन लेयर को शामिल किया गया है, ताकि बच्चों को अपने पर्यावरण के बारे में जानकारी हो. ओजोन लेयर हमारी धरती पर वायुमंडल की एक परत है, जिसकी वजह से हमें सूरज की हानिकारक किरणों से सुरक्षा मिलती है. सूरज की किरणों को विटामिन डी का स्त्रोत तो माना जाता है, लेकिन सूरज की यही किरणें कैंसर का कारण बन सकती है. क्यों कि धरती पर सूरज की किरणों का प्रवेश ऑजोन लेयर से छन कर आने के बाद ही होता ही इसलिए हमें सूरज की किरणें नुकसान नहीं पहुंचाती. लेकिन समय के साथ ओजोन लेयर में भी छेद होने की बातें सामने आई हैं.  हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी ओजोन लेयर को हम ही नुकसान पहुंचा रहे हैं. मानवीय कारकों की वजह से ओजोन लेयर का सुरक्षा कवच कमजोर हो रहा है, इसलिए इसके महत्व को समझने के लिए ही आज विश्व भर वर्ल्ड ओजोन डे मनाया जा रहा.  

कैसे सुरक्षित हो रही ओजोन लेयर
दरअसल वर्ल्ड ओजोन डे को साल 1995 से ही मनाया जा रहा है. ओजोन लेयर के महत्व को जानने के बाद दुनिया के कई देश इसके संरक्षण में आगे आए थे. इसी कड़ी में साल 1987 में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और 45 अन्य देशों ने ओजोन लेयर को बचाने के लिए एक प्रोटोकोल पर साइन किया था. यही प्रोटोकोल मॉन्ट्रियल प्रोटोकोल था. ओजोन लेयर में छेद होने की बात से ही लेयर की सुरक्षा के लिए कुछ विशेष कदम उठाने के बारे में सोचा गया था. जिसके बाद से उन मानवीय कारकों को घटाने पर ध्यान दिया जाने लगा जिनकी वजह से ओजोन लेयर खतरे में थी.

ये भी पढ़ेंः Instagram ने लॉन्च किया नया फीचर, पैरेंट्स को बच्चों पर निगरानी रखना होगा अब आसान

ओजोन लेयर में छेद होने की वजह
दरअसल धरती पर हम इंसानों द्वारा ही कुछ ऐसी गैसों का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से ओजोन लेयर को नुकसान पहुंच रहा है. जानकारों का दावा है कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स, मिथाइल ब्रोमाइड, हेलोन्स, मिथाइल क्लोरोफॉर्म जैसी गैसें ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचा रही हैं.

ozone depletion ODS World Ozone Day 2022 Montreal Protocol World Ozone Day
Advertisment
Advertisment
Advertisment