ब्रिटेन में एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी कमजोर थी कि वह 505 दिनों तक कोविड-19 वायरस से संक्रमित रहा। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह अभी तक का ज्ञात सबसे लंबे समय तक कोविड संक्रमित रहने का मामला है।
इससे पहले 335 दिनों तक कोविड से संक्रमित होने का मामला सामने आया था।
किंग्स कॉलेज लंदन एंड गायज एंड सेंट थॉमस एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के शोधकर्ताओं ने मार्च 2020 और दिसंबर 2021 के बीच नौ इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड (कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली) रोगियों का अध्ययन किया, जो कि कम से कम आठ सप्ताह तक वायरस से संक्रमित रहे।
संक्रमण औसतन 73 दिनों तक बना रहा, लेकिन दो रोगियों में एक वर्ष से अधिक समय तक लगातार संक्रमण बना रहा।
अंग प्रत्यारोपण, एचआईवी, कैंसर या अन्य बीमारियों के लिए चिकित्सा उपचार के कारण रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो गई थी।
वायरस के नियमित नमूने (रेगुलर सैंपलिंग) और आनुवंशिक (जेनेटिक) विश्लेषण से पता चला है कि नौ रोगियों में से पांच ने कम से कम एक ने म्यूटेशन (उत्परिवर्तन या वायरस का एक अलग प्रकार) विकसित किया, जो चिंता के रूपों (वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न) में देखा गया।
कुछ व्यक्तियों ने वैरिएंट ऑफ कंसर्न से जुड़े कई म्यूटेशन विकसित किए, जैसे कि अल्फा, डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट।
यह पाया गया है कि एक व्यक्ति के वायरस में 10 उत्परिवर्तन होते हैं जो अलग-अलग चिंता के रूपों में उत्पन्न होते हैं, जैसे कि अल्फा, गामा और ओमिक्रॉन वेरिएंट।
गायज एंड सेंट थॉमस एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट में प्रथम लेखक एवं संक्रामक रोग विशेषज्ञ ल्यूक ब्लैगडन स्नेल ने कहा, यह सबूत प्रदान करता है कि वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न में पाए जाने वाले उत्परिवर्तन प्रतिरक्षात्मक रोगियों में उत्पन्न होते हैं और इसलिए इस विचार का समर्थन करते हैं कि वायरस के नए प्रकार प्रतिरक्षात्मक व्यक्तियों में विकसित हो सकते हैं।
नौ में से पांच मरीज बच गए। उन पांच में से दो ने इलाज के बिना सार्स-सीओवी-2 संक्रमण से निजात पाई, जबकि दो मरीज एंटीबॉडी थेरेपी और एंटीवायरल के साथ उपचार के बाद संक्रमण से राहत प्राप्त कर पाए। इसके अलावा एक व्यक्ति संक्रमित ही है।
2022 की शुरुआत में किए गए अंतिम फॉलोअप में पाया गया कि संक्रमित चल रहे रोगी में एक वर्ष से अधिक (412 दिन) समय तक संक्रमण बना रहा।
व्यक्ति का संक्रमण दूर करने की कोशिश करने के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के साथ उसका इलाज किया गया है। यदि यह व्यक्ति अपने अगले फॉलोअप में भी कोविड पॉजिटिव बना रहता है, तो वे इस रिपोर्ट में वर्णित 505 दिनों के सबसे लंबे समय तक ज्ञात संक्रमण की अवधि को भी पार कर लेगा और फिर यह मरीज सबसे लंबे समय तक कोविड पॉजिटिव बने रहने का अनचाहा रिकॉर्ड भी बना लेगा।
ट्रस्ट से एक अन्य विशेषज्ञ गैया नेबिया ने कहा, लगातार संक्रमण वाले प्रतिरक्षाविहीन रोगियों के खराब परिणाम होते हैं और उनके संक्रमण को दूर करने के लिए नई उपचार रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता होती है। यह वैरिएंट के उद्भव को भी रोक सकता है।
लंबे समय तक कोविड में आमतौर पर यह माना जाता है कि वायरस मरीज के शरीर से निकल गया है लेकिन उसके लक्षण बने रहते हैं। लगातार संक्रमण के मामलों में वायरस लंबी अवधि तक शरीर में ही बना रहता है।
शोधकर्ताओं की टीम अब 23-26 अप्रैल तक पुर्तगाल के लिस्बन में होने वाली यूरोपियन कांग्रेस ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज (ईसीसीएमआईडी) में मामलों का वर्णन करेगी।
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Source : IANS