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प्रतीकात्मक
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प्रतीकात्मक
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद की ओर से व्हाटसएप को फेक संदेशों पर लगाम लगाने की चेतावनी दिए जाने के बाद कंपनी ने विज्ञापन के जरिए अपने यूजर्स को सचेत किया है। इसको लेकर भारत सरकार की ओर से नोटिस भी जारी किया गया था।
जिसके बाद मंगलवार को व्हाटसएप ने आधिकारिक तौर पर विज्ञापन जारी कर 10 सूचनाएं प्रकाशित कर फेक फॉरवर्ड मेसेज से बचने की सलाह दी है।
बता दें कि व्हाटसएप पर फेक मेसेजस के चलते देश भर में कई जगह मॉब लिंचिग के मामले सामने आए जिसमें कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
व्हाटसएप की ओर से जारी विज्ञापन में कहा गया है कि-
1. हम जल्द ही फॉरवर्डेड मेसेजस के लिए एक नया फीचर लाने जा रहे हैं जिससे आपको पता चल जाएगा कि कौन सा संदेश फारवर्डेड है। किसी भी संदेश को आगे फारवर्ड करने से पहले उसके तथ्य की जांच जरूर करें कि वो सच है या नहीं।
2. अग किसी मैसेज को पढ़ कर आपको गुस्सा आता है अथवा डर लगता है तो उसे आगे किसी को भी फारवर्ड न करें। क्योंकि हो सकता है कि उस मैसेज का उद्देश्य ही आपके मन में ऐसी ही भावनाओं को जगाना हो।
3. मैसेज पर फारवर्ड किए हर किस्से पर यकीन न करें। किसी अन्य स्त्रोत से पता लगाएं कि जानकारी में कितनी सच्चाई है।
4. अधिकतर फेक संदेशों में गलत वर्तनी का प्रयोग किया जाता है। इनका ध्यान रखें और ऐसे संदेशों से बचें ताकि आप पता लगा सकें कि संदेश में निहित जानकारी सच है या नहीं।
5. मार्फड फोटोज और विडियोज को ध्यान में रखते हुए इस पर आसानी से यकीन न करें। जब तक इनका सत्यापन न कर लें इन्हें आगे फारवर्ड न करें। कई बार फोटो सच्ची होती है, लेकिन उससे जुड़ी कहानियां झूठी।
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6. कई बार मशहूर या जानी-मानी साइट का लिंक आपके संदेश में मौजूद होते हैं लेकिन कई बार इसका इस्तेमाल आपको भटकाने के लिए किया जाता है। ऐसे में लिंक पर जा कर संदेश को सत्यापित करें।
7. घटना की सच्चाई जानने के लिए अन्य समाचार साइट्स या ऐप्स को देखें। अगर घटना सच्ची होगी तो संभव है कि अन्य जगह भी पोस्ट की गई होगी। जब किसी घटना की एक से अधिक जगह रिपोर्ट की जाती है तो उसके सच होने की संभावना बढ़ जाती है।
8. अगर आप संदेश के स्त्रोत को नहीं जानते या आपको लगता है कि संदेश में मौजूद जानकारी झूठी हो सकती है तो कृप्या उसे अन्य लोगों को न भेजें।
9. अपने अनुभव के आधार पर व्हाटसएप में किसी भी नंबर को ब्लॉक करने और ग्रुप को छोड़ने जैसे फीचरों का इस्तेमाल करें और फेक संदेशों को फैलने से रोकने में अपनी भागीदारी निभाएं।
10. आप इस पर ध्यान न दें कि आपने संदेश को कितनी बार प्राप्त किया है। सिर्फ इसलिए कि संदेश कई बार साझा किया गया है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह खबर सच्ची हो।
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Source : News Nation Bureau