गगनयान (Gaganyaan Mission) क्या है? जानें भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष यान की 10 खास बातें

गगनयान (Gaganyaan Mission) को फाइनल डिजाइन देने में मार्च 2008 तक का समय लग गया.

गगनयान (Gaganyaan Mission) को फाइनल डिजाइन देने में मार्च 2008 तक का समय लग गया.

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Sunil Chaurasia
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गगनयान (Gaganyaan Mission) क्या है? जानें भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष यान की 10 खास बातें

प्रतीकात्मक तस्वीर

गगनयान (Gaganyaan Mission) भारत का मानवयुक्त अंतरिक्ष यान (Manned Spacecraft mission) है. गगनयान तीन लोगों को अंतरिक्ष ले जाने में सक्षम है. भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया गगनयान उन्नत संस्करण के डॉकिंग क्षमता से लैस है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और इसरो (Hindustan Aeronautics Limited and Indian Space Research Organisation) द्वारा बनाए गए इस अंतरिक्ष यान का वजन 3.7 टन है. गगनयान ने 18 दिसंबर 2014 को पहली बार मानवरहित प्रायोगिक उड़ान भरी थी.

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आइए जानते हैं गगनयान (Gaganyaan Mission) की 10 खास बातें-

  • साल 2006 में गगनयान पर योजना शुरू की गई थी.
  • यह अंतरिक्ष में एक सप्ताह तक गुजार सकता है.
  • गगनयान को फाइनल डिजाइन देने में मार्च 2008 तक का समय लग गया.
  • जिसके बाद इसके वित्त पोषण के लिए भारत सरकार के सामने पेश किया गया था.
  • गगनयान के निर्माता HAL और ISRO ने इसका डिजाइन स्पेस कैप्सूल रिकवरी प्रयोग के डिजाइन को धयान में रखकर बनाया था.
  • गगनयान का कुल वजन 3.7 टन है.
  • लॉन्चिंग के साथ गगनयान का वजन करीब 7.8 टन है.
  • यह अधिकतम 3 लोगों को लेकर अंतरिक्ष में जा सकता है.
  • वैज्ञानिकों ने गगनयान को जीवन नियंत्रण और पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली के तहत बनाया है.
  • गगनयान की ऊंचाई 2.70 मीटर है.

Source : News Nation Bureau

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