logo-image

अरबपति-खरबपति तो बहुत सारे अब तैयारी करते हैं शंखपति बनने की, करना होगा बस यह काम

क्षुद्र ग्रहों को पृथ्वी के लिए गंभीर खतरा ही बताया जाता है. अब इस खतरे को नासा ने भारी मुनाफे का सौदा करार दिया है

Updated on: 04 Aug 2019, 06:16 AM

highlights

  • क्षुद्र ग्रह अकूत संपत्ति के भंडार हैं. जरूरत छिपे खजाने की तरह उसे खोज निकालने की है.
  • क्षुद्र ग्रहों पर सोना, चांदी, प्लेटिनम, पैलेडियम और टंगस्टन से लेकर कोबाल्ट और पानी तक संभव.
  • नासा का मानना है कि क्षुद्र ग्रह बना सकते हैं इंसान को विपुल संपत्ति का मालिक.

नई दिल्ली.:

भले ही अक्सर बेहद पास से गुजर जाने वाले क्षुद्र ग्रहों (Asteroids) को पृथ्वी पर जीवन के लिए गंभीर खतरा करार दिया जाता हो, लेकिन सच तो यह है कि ये क्षुद्र ग्रह वास्तव में अकूत संपत्ति के भंडार हैं. जरूरत बस किसी छिपे खजाने की तरह उस भंडार को खोज निकालने की है. संपत्ति भी ऐसी-वैसी नहीं इसे हासिल करने वाला निजी स्तर पर इस अखिल ब्रह्मांड का पहला शंखपति (Trillionaire) बनने का गौरव हासिल कर सकता है. ध्यान रखें कि भारतीय गणना के तहत करोड़, अरब, खरब के बाद शंख आता है यानी 100 करोड़ का 1 अरब, फिर 100 अरब का एक खरब और 100 खरब का 1 शंख. फिर 10 शंख के बराबर एक ट्रिलिनेयर यानी शंखपति होता है.

यह भी पढ़ेंः बेशर्म पाकिस्तान नहीं सुधरने वाला, अब भारतीय सेना पर लगाया ये घटिया आरोप

क्षुद्र ग्रह भारी मुनाफे का सौदा
अभी पिछले ही दिनों 2019 ओएन क्षुद्र ग्रह पृथ्वी की कक्षा के बेहद करीब से गुजरा था. यह करीबी भी पृथ्वी की कक्षा से हालांकि कई सौ हजार मील दूर थी. फिर भी अक्सर इस तरह के क्षुद्र ग्रहों को पृथ्वी के लिए गंभीर खतरा ही बताया जाता है. अब इस खतरे को नासा ने भारी मुनाफे का सौदा करार दिया है. अब जब अंतरिक्ष यात्रा तकनीकी तौर पर कहीं आसान हो गई है, तो ऐसे में पृथ्वी के किसी नजदीकी तारे पर खनन का काम जबर्दस्त मुनाफा देने वाले उद्योग में तब्दील हो सकता है. यानी थोड़े से भाग्य और तुलनात्मक रूप से भारी पूंजी निवेश के जरिये आप भी इस खनन क्षेत्र में हाथ आजमा सकते हैं और क्षुद्र ग्रहों पर मिलने वाले हीरों और कीमती खनिजों की बदौलत पहले शंखपति बन सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर में सेना की तैनाती से बढ़ी हलचल, इसके पीछे ये हो सकती हैं बड़ी वजहें

कीमती खनिजों का भंडार
अंतरिक्ष विज्ञान की भाषा में बात करें तो चट्टानों, धातु और कीमती खनिजों से बने क्षुद्र ग्रह वास्तव में शुरुआती दिनों यानी 4.6 अरब साल पहले हुए खगौलीय बदलाव की देन हैं. ये धूल-गैस के गुबार के विशालकाय धधकते गोले का बचा हुआ हिस्सा हैं, जो कालांतर में ठंडे होकर क्षुद्र ग्रह की शक्ल में तब्दील हो गए हैं. हमारे सौर मंडल में एक किलोमीटर के आकार वाले 1.9 मिलियन क्षुद्र ग्रह पाए जाते हैं. इन्हें मुख्यतः तीन वर्गों C, S और M में बांटा गया है. यानी इनकी बनावट के अनुसार इन्हें क्रमशः मिट्टी (Clay), सिलिकेट्स (Silicates) और धातु (Metal) के वर्ग में बांटा गया है. अधिसंख्य क्षुद्र ग्रह 'सी' वर्ग में आते हैं, जबकि शेष दो वर्गों में आने वाले क्षुद्र ग्रहों ने भविष्य में खनन कार्य के लिए इंसानों का ध्यान आकर्षित किया है. सरल शब्दों में कहें तो एस और एम वर्ग में आने वाले क्षुद्र ग्रहों पर सोना, चांदी, प्लेटिनम, पैलेडियम और टंगस्टन से लेकर कोबाल्ट और पानी तक हो सकता है.

यह भी पढ़ेंः क्या है Hyperloop technique? इस तरह से करता है काम

पृथ्वी के नजदीकी क्षुद्र ग्रहों पर नजर
यही नहीं, अधिसंख्य क्षुद्र ग्रहों की सतह पर अणुओं के आकार में हीरे बिखरे पड़े हैं. नासा के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कुछ अलौकिक क्षुद्र ग्रहों पर क्विनटिलियंस (quintillions) डॉलर की मात्रा में सोने और अन्य बेशकीमती धातुओं का जखीरा मिल सकता है. आंकड़ों की भाषा में कहें तो एक क्विनटिलियंस वह संख्या है, जो किसी अंक खासकर एक के बाद 18 शून्य लगाने से प्राप्त होती है. धरती के सबसे पास के क्षुद्र ग्रह ब्रहस्पति और मंगल हजारों मील दूर स्थित कक्षाओं के बीच में स्थित हैं. इनमें से कई क्षुद्र ग्रह पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण अपनी कक्षा से भटक कर पृथ्वी के और नजदीक चले आते हैं. जैसे पिछले दिनों पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरे क्षुद्र ग्रहों का उदाहरण दिया जा सकता है. नासा का मानना है कि पृथ्वी के इतने पास से गुजरने वाले क्षुद्र ग्रह ही किसी इंसान को विपुल संपत्ति का मालिक बना सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः चंद्रयान-2 का सफर जारी, इसरो ने Chandrayaan-2 की चौथी बार कक्षा बदली

अभी यह हैं बड़ी दिक्कतें
हालांकि सुदूर अंतरिक्ष में खनन का काम करने के लिए कुछ खास तरह के उपकरणों की जरूरत पड़ेगी. वहां जेसीबी मशीन या फावड़ा काम नहीं आएगा. दुर्भाग्य से किसी इंसान के शंखपति बनने की राह में यही सबसे बड़ा रोड़ा है कि क्षुद्र ग्रह की सतह की खोदाई शुरू करने से पहले वहां पहुंचा कैसे जाए. अंतरिक्ष विज्ञानी इसके लिए रोबोटिक खनन करने वाले दल से लेकर पृथ्वी की कक्षा में मानव कॉलोनियां विकसित करने के विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. इसके लिए अगर सब कुछ सही रहा तो चांद पर विकसित होने वाली पहली मानव कॉलोनी इस काम के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगी. कुछ विज्ञानी ऐसे विशालकाय जाल तैयार करने की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं, जिन्हें फेंक कर क्षुद्र ग्रह को फांसा जा सके और फिर उसे पृथ्वी के नजदीक अंतरिक्ष में स्थापित कर उसपर खनन किया जा सके.