logo-image

Super Moon 2021: साल के अंतिम सूपर ब्लड मून की तस्वीरें नहीं देखीं तो अब देख लीजिए

कोरोना काल में बड़े स्तर पर नहीं देख पाए Super Moon तो यहां देखें तस्वीरें

Updated on: 27 May 2021, 12:23 PM

highlights

  • इस पूर्णिमा का चांद सामान्य दिनों की तुलना में बड़ा और अधिक चमकदार नजर आया.
  • यह इस साल का अंतिम सुपर मून था.

नई दिल्ली:

बुधवार यानि 26 मई को अंतरिक्ष (Space) में अद्भुत घटना हुई. हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (Poornima) थी और बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Poornima) थी. इस पूर्णिमा का चांद सामान्य दिनों की तुलना में बड़ा और अधिक चमकदार नजर आया क्योंकि यह पृथ्वी के सबसे नजदीक था. इसे सुपर मून (Super Moon), सुपर ब्लड मून (Super Blood Moon) या सुपर फ्लावर मून (Super Flower Moon) कहते हैं. दुनियाभर में इस नजारे को देखा गया. जिन्हें आसमान या अंतरिक्ष में हो रही चीजों देखना बहुत पसंद है, यह उनके लिए यह घटना किसी त्यौहार से कम नहीं थी. आइए जानते हैं इस सूपर मून से जुड़ी कुछ और बातें.

इस समय चंद्रमा (Moon) और पृथ्वी (Earth) के बीच मात्र 3,57,309 किलोमीटर की दूरी रह गई. आपको बता दें कि जब चांद के इस स्थिति में होने को ‘पेरिगी’ (Perigee) कहते हैं. सुपर मून के अद्भुत नजारे को रातभर देखा गया. लेकिन चंद्र ग्रहण की वजह से बहुत सारे लोग इसे नहीं देख पाए. यह इस साल का अंतिम सुपर मून था. आपको बता दें कि चांद के धरती के पास आने और पूर्णिमा होने पर सुपर मून दिखाई देता है. साल में 12 पूर्णिमा पड़ती हैं. कई बार 13 पूर्णिमा भी दिखाई देती हैं. मगर पेरिगी के साथ पूर्णिमा का पड़ना बहुत कम होता है. इस साल दो सुपर मून की घटनाएं हुईं. बीते 27 अप्रैल और 26 मई को सुपरमून देखा गया.

यह भी पढ़ें : चांद पर झंडे गाड़ने के लिए तैयार है NASA, रोवर ‘VIPER’ खोजेगा पानी

पूर्णिमा के साथ चंद्र ग्रहण भी देखा गया. कई लोगों ने आसमान में दिखे इस सुंदर नजारे को कैमरा में कैद कर लिया. जिन्हें लोगों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. जो लोग सुपरमून नहीं देख पाए, उनके लिए ये रहीं कुछ तस्वीरें

यह भी पढ़ें : अंटार्कटिका ने जन्म दिया दुनिया के सबसे बड़े हिमखंड को, तनाव में विज्ञानी

यह रहीं कुछ और तस्वीरें